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True motivational poetry in hindi
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मैने शीशे में जब एक दिन खुद को देखा
तो मुझे नजर आय ये मै तो हूँ ही नहीं
ये तो कोई और ही है जो मेरी तरह है
मगर मै नहीं हूँ मै ऐसी झूठी मुस्कान
होठों पर लिये नहीं घूमता हूँ
मै दुखी रहता हूँ तो दुख मे ही
डूबा रहता हूँ मगर ऐसी झूठी
मुस्कान लेकर मै नहीं जीता हूँ
मैने आईने को फिर देखा और उसे
अच्छे से साफ किया फिर मैने
खुद को देखा दोनों आंखों में आंसू भरे थे मेरे
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मेरे चेहरे के भाव मुझे ही
विचलित कर रहे थे मै ठीक से
खुद को देख भी नहीं पा रहा था
इतनी बुरी हालत में मै खुद को
देख रहा था मगर मै भीतर से खुश था
मैने आज पहली बार वो देखा था जो
मुझे पहले कभी नहीं दिखा था
मैने सच और सच्चाई भरा अपना
रूप अपनी आंखों से देखा था
जिसने मुझे कमजोर नहीं बनाया
समय लगा मैने अपने चेहरे के भाव
को हर रोज आईने में धीरे धीरे सच्चाई भरे
ढंग से बदलते देखा और आज मुझे
अब भी मै उदास ही दिखता हूँ लेकिन
उसके साथ ही साथ आंखों में सच्चाई
और एक मजबूती दिखती है जो बनावटी
नहीं बेइंतिहा दर्द और तकलीफ से बना है
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मै अब भी हर रोज धीरे धीरे बदल रहा हूँ
क्या आप भी आईने में सच में खुद को
देखा है जो आप है वाकई मे कोई और नहीं