best motivational thoughts in hindi

1. मनुष्य के दु:ख का कारण है वो स्वंय से अधिक दूसरों से उम्मीद लगा बैठता है और इस वजह से जब उसकी उम्मीद टूट जाती है तो वो दु:खी हो जाता है
2. जब मनुष्य को दु:ख को जीवन की सबसे बड़ी सीख समझ लेता है और अपनी कमियो को इसका कारण मानता है तो सदा सकारात्मक प्रभाव ही उसे प्राप्त होता है
3. सकारात्मक रूप मे दुःख एक ऐसी भी अवस्था है जब मनुष्य दुःख को सकारात्मक रूप में लेता है तो अज्ञानी से महाज्ञानी साधारण से असाधारण जमीन से आसमान के सफर की शुरुआत की एक बेहद खास प्रक्रिया है जो लोहे को औजार बना देती है कीचड़ में कमल खिला देती है कोयले की खान में कोयले को हीरा बना देती है
4. मानव दुःख में असहाय हो जाता है क्योंकि वो दूसरे के भरोसे रहता है जिस दिन मनुष्य स्वयं के भरोसे हो जाएं तो दुनिया असहाय नहीं बल्कि कर्मयोगी कहेगी अपने कर्मों के प्रति निष्ठावान एक जोशीला मनुष्य कहेगी
5. तनाव तब होता है जीवन में जब हम अपनी खुशियो को छोड़कर अपनी खामियों को तलाशने लगते हैं हम अपने सुख को छोड़कर दु:ख के बारे में सदैव विचार करते रहते हैं जब हमारा विश्वास खुद पर कमजोर हो जाता है जब हम हर एक छोटी -छोटी चीज से खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं इसे दूर करने का उपाय है भरोसा खुद पर खुद के कोशिशों पर और हमेशा ये यकीन करना जो हो रहा है उसके जीवन में उसमें शायद उसका भला ही छुपा है
6. जब जीवन में बदलाव की शुरुआत होती है तब प्रत्येक मनुष्य जीवन के बदलाव से विचलित हो जाता है और उस बदलाव से बचने के लिए मुक्ति का मार्ग खोजने लगता है लोगो को ये लगता है कि जीवन में होने वाले बदलाव से बचकर उन्हें कुछ समय के मानसिक शांति मिल जाएगी मगर ये मानसिक शांति क्या स्थायी होती है आप को उस बदलाव का सामना तो करना ही पड़ेगा
7. तनाव एक ऐसी अवस्था है हमारी जो हमें हर कार्य के सफल होने से ज्यादा असफल होने के लिए आशंकित करती है अगर मानसिक तनाव को दूर करना है खुद का विकास करना है तो हमें चिंता तनाव जैसे विचारधारा से बाहर आना होगा हमें खुद को प्रेरित करना होगा
8. जो कार्य की आवश्यकता है उसे तुरंत करना चाहिए क्योंकि जितना जल्दी हम कार्य करेंगे उतना ही फायदा हमें ही होगा और किसी काम को हम जितना टालेंगे समय उतना नष्ट-भ्रष्ट होगा और हमें इससे नुकसान ही केवल होगा जीवन में सदा सकारात्मक बने रहना चाहिए और नकारात्मक भाव से खुद को दूर रखना चाहिए

जीवन में होने वाले बदलाव से बचकर उन्हें कुछ समय के मानसिक शांति मिल जाएगी मगर
ये मानसिक शांति क्या स्थायी होती है आप को उस बदलाव का सामना तो करना ही पड़ेगा


9. सदैव हमें परिवर्तन का सामना करना चाहिए क्योंकि परेशानियों से भाग कर हम कुछ क्षण बच सकते हैं लेकिन हमें सामना तो करना ही पड़ता है हम इससे ज्यादा भाग नहीं सकते केवल सकारात्मक भाव से हम हर परिस्थिति पर विजय प्राप्त कर सकते है
10. जीवन में तनाव हमारे दिमाग की ही उपज है हम दिमाग को जितना उलझाएंगे उतना ही हम उलझते जाएंगे हमारा सारा ध्यान प्रगति पर केंद्रित होना चाहिए न की किसी ऐसे विचार पर जिससे हम बुरी तरह प्रभावित हो जाएं
11. हम मनुष्य है हर बात पर परेशान हो जाएंगे और मानसिक तनाव में रहेंगे तो हम विकास कब करेंगे हम बस कोशिश करें जितनी भी परेशानियां हैं दुःख है उसका मुस्कुराकर सामना करें क्योंकि सकारात्मकता और मुस्कुराहट हर एक समस्या का बिल्कुल सटीक समाधान है
12. चाहे सुख हो या दुःख केवल जरूरत है बस समान भाव से उसका सामना करें ताकि हम मानसिक रूप से इतने मजबूत हो जाए की कोई भी जीवन से जुड़ी परेशानी हमें एक पग भी विचलित न कर सके
13. नकारात्मक मनुष्य की विचारधारा ही तो है जहां आत्मविश्वास की गहरी खाई देखी जा सकती है अक्सर इस खाई में रहना ही कुछ लोगों के लिए सुरक्षा का विकल्प है मगर उन्हें ये एहसास नहीं है की तनाव ऐसी खाई है जहां एक बार गिर जाएं तो बाहर निकल पाना बहुत मुश्किल है
14. जीवन में कामयाब होने के लिए केवल और केवल मेहनत करनी चाहिए और उस मेहनत पर भूरा भरोसा करना चाहिए क्योकि जो काम आपने मन से सच्चे हि्दय से किया और जिस कार्य में थोड़ी सी सच्चाई होती है वो कार्य कभी असफल हो ही नहीं सकता
15. हार न मानने वाला रवैया हमे बताता है की हम में क्षमता है कुछ भी हासिल करने की लेकिन हम अपनी क्षमता का उपयोग तभी सही तरीके से कर सकते हैं जब हम हार नहीं मानते हैं कभी भी परिस्थितियों के सामने जो कभी हार नहीं मानता जो ये सोचे की वो हारा ही नहीं है तो भला उसे कौन हरा सकता है जो खुद को कभी पराजित ही न समझे भला उसे कौन परिजित कर सकता है
16. जीवन में हो रहे परिवर्तन को स्वीकार करना पड़ेगा क्योंकि जीवन में हर चीज हमेशा हमारे हिसाब से कहाँ होता है हमे उसे अपने हिसाब से बनाना पड़ता है यही तो एक सच्चे और कर्मठ इंसान की पहचान है जो मनुष्य हर चीज को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखता है जो बुराई में भी कुछ अच्छाई को खोज करे उससे कुछ ऐसा सीख ले जो उसके आने वाले जीवन में बहुत काम आने वाले हैं

जीवन में हो रहे परिवर्तन को स्वीकार करना पड़ेगा क्योंकि जीवन में हर चीज हमेशा हमारे हिसाब से कहाँ होता है
हमे उसे अपने हिसाब से बनाना पड़ता है यही तो एक सच्चे और कर्मठ इंसान की पहचान है


17. जो मनुष्य अपने जीवन के हर परिवर्तन को एक बेहतर भविष्य के अवसर के रूप में देखता हो तो वो कभी भयभीत नहीं हो सकता है और न ही कभी पराजित हो सकता है क्योंकि परिवर्तन ही उसे विजय लक्ष्य तक पहुंचाएगी
18. भाषा हमारे जीवन को कही न कहीं प्रभावित और अप्रभावी करती है इसलिए हमे अपने भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योकि भाषा मे शालिनता ही हमे शालिनता व्यक्ति बनाती है जीवन में बहुत से ऐसे मौके आएगें जब हमे किसी की भाषा बहुत प्रभावित और अप्रभावी करेगी लेकिन हमे जो चीज सही कारणों के लिए प्रभावित करे बस उसके प्रभाव को अपनाना है बाकी अप्रभावी प्रभाव से खुद को बचाना है
19. खुद को सफल बनना ही तो सफलता की नींव है जो हमे हमारे हर कार्य के लिए हमें गंभीर बनाती है क्योंकि जो मनुष्य सदैव अपनी प्रसन्नता को अपनी सफलता मानता है वैसा इंसान जीवन में कभी असफल नहीं हो सकता है कोई भी अगर खुद को सफल माने तो वे सफल है क्योंकि सदैव प्रसन्न रहना भी तो जीवन की बहुत बड़ी कामयाबी है
20. तरक्की करने का कोई लधु उपाय जीवन में नहीं है बल्कि कठिन मेहनत हर दिन लगातार करने से बस धैर्य और समय का इंतजार करना चाहिए क्योंकि अगर आपने मेहनत की है तो आपको उसका फल अवश्य मिलेगा
21. मेहनत साहस धैर्य खुद पर भरोसा कभी न हार मानने का जज्बा लगातार हर दिन मेहनत करना कठिन परिस्थितियों में नहीं घबराना अगर इतने बातो पर गंभीरता से चलता है तो उसे सफलता प्राप्त करने से कोई रोक नहीं सकता
22. सफलता प्राप्त करने के लिए हमें बस मन से असफलता के भय से खुद को मुक्त करना चाहिए और निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए क्योंकि लगातार लोहे पर चोट करते रहने से चिंगारी निकली ही जाएगी
23. कभी-कभी प्रेम और विश्वास से कहें गये दो शब्द भी किसी के लिए मिल का पत्थर साबित होता है खुद का खुद के प्रति विश्वास मजबूत करें तथा साथ ही साथ लोगों के मन में भी विश्वास की लौ जलाएं
24. व्यक्तित्व को निखारने का काम हमारा आत्मविश्वास करता है हमारा खुद के प्रति भरोसा समर्पण ही तो करता है जब हम निराश होते है जब हम असफल होते हैं हम परिस्थितियों से हार चुके होते हैं और उसी समय हमारा निर्णय खुद के प्रति सकारात्मक हो जाता है की मैं नहीं हार सकता मुझे सफल होना ही है तो मनुष्य विकास की ओर तेजी से अग्रसर होने लगता है

बुरी परिस्थितियों में सही निर्णय लेना धैर्यपूर्वक उन परिस्थितियों का सामना करना उन चुनौतियों से बाहर निकलना
बिना किसी घबराहट के यही तो मनुष्य के विकास की पराकाष्ठा है


25. खुद प्रभावशाली काम करें जिससे खुद का व्यक्तित्व प्रभावशाली बने सदैव बुरी परिस्थितियों में सही निर्णय लेना धैर्यपूर्वक उन परिस्थितियों का सामना करना उन चुनौतियों से बाहर निकलना बिना किसी घबराहट के यही तो मनुष्य के विकास की पराकाष्ठा है

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