मेरे नजर में प्रेम की परिभाषा
सिर्फ तुम हो और कोई भी
परिभाषा ना मैने पढ़ी है
आज तक और ना ही
सीखी है आज तक
मेरे लिए तुम्हे पाने से बड़ी
कोई उपलब्धि हो ही नहीं सकती और
तुम्हे खोने से सबसे बड़ा नुकसान
मेरे लिए और कुछ हो ही नहीं सकता
इस जीवन में
मै वो प्रेम कभी ना करूँ
जहाँ मुझे समझौता करना पड़े
तुम्हारी खुशी ही मेरी सबसे बड़ी
खुशी है और तुम्हारे सपने के लिए
जीना मेरे लिए प्रेम में सबसे बड़े
उत्सव से कम नहीं है
सच्चा प्रेम वो होता है
जहाँ दो लोग कभी एक दूसरे के
बिना रह नहीं सकते और
अगर एक दूसरे के बिना रह लेते हैं
तो वो प्रेम ही नहीं था
वो छोटा सा मकान हमारे लिए
किसी महल से कम नहीं
जहाँ हम तुम साथ में रहे
बड़ा घर होने से कुछ नहीं होता
दिल बड़ा होना चाहिए
जिनका दिल बड़ा होता है
उनके लिए प्रेम में
जीना ही सब कुछ होता है
मेरी आंखे जब खुले
जब मैं गहरी नींद से जागूँ तब
तुम्हे देखूँ जब मै गहरी नींद में सोऊं
तब सोने से पहले तुम्हे देखूँ
मै जब गहरी नींद में रहूँ तब
सपनो में भी तुम्हे देखूँ मै
तुम्हे जीवन भर हर क्षण
सिर्फ और सिर्फ तुम्हे अपने पास
देखूँ अपने साथ देखूँ जहाँ
हम कभी अलग ना हो बल्कि
एक हो सदा सदा के लिए
अगर प्रेम का कोई रूप रंग
भाषा होता तो शायद वो कभी भी
प्रेम ही नहीं होता प्रेम में तो
वो भाषा बोली जाती है
जो सिर्फ उसी को आती है
जिसके लिए ये भाषा बोली जाती है
जो भाषा दुनिया में कही नही
बोली जाती है जिसमें दो लोग नहीं
बल्कि दो धड़कने बात करते हैं
एक धड़कन की बात पर
दूसरा धड़कन धड़कता है
वही तो भाषा है प्रेम की
वही तो भाषा हमारी है
प्रेम में कभी सूर्यास्त नहीं होता है
प्रेम का सूर्य तब तक नहीं अस्त होता
जब तक प्रेम का आधार केवल प्रेम होता है
फिर उस सुर्य की किरणों की एक झलक भी
जीवन में जो प्रकाश फैलाता है
उस प्रकाश का तेज
दिनों दिन बढ़ता ही जाता है
वो प्रेम ही क्या जहाँ
अपनी पहचान छुपानी पड़े
अंधेरो में शाम बितानी पड़े
प्रेम के सागर से नाव भगानी पड़े