

हाँ वो पहाड़ मुझे चुनौती देता रहता है
हर रोज मुझे डराता है
मुझे उस पहाड़ के उस पार जाना है
जहाँ वो मेरा कब से इंतजार कर रही है
मैने उससे वादा किया था की मै उससे मिलने
अगले साल आऊंगा
अब वादे के मुताबिक मुझे जाना है
लेकिन बीच मे ये पहाड़ खड़ा है
जो हमे एक -दूसरे से मिलने से रोक रहा है
अगर मै नहीं गया तो वादा टूट जाएगा
मै उसका भरोसा खो दूंगा
अगर गया तो ये पहाड़ इतना ऊंचा है की
मै शायद बीच मे ही रह जाऊँगा और नीचे गिर जाऊँगा
मै शायद मर भी सकता हूँ
मै कभी पहुंच नहीं पाऊँगा
अंत में मैने आंखे बंद कर ईश्वर को याद किया
कहा मेरी लाज रखना और पहाड़ पर चढ़ गया
जैसे -जैसे मै ऊपर जाने लगा तो
मुझे ये एहसास हुआ की इस पहाड़ पर चढ़ना
उतना भी मुश्किल भी नहीं है

जितना मै समझ रहा था
मैने हिम्मत दिखाई और पहाड़ को पार कर गया
अपना वादा पूरा करने मै उसके पास पहुंच चुका था
मेरे आंखो में ये सोचकर आंसू आ रहे थे
लोग अपना वादा इसलिए नही पूरा कर पाते
क्योंकि वो हिम्मत नहीं दिखा पाते
ये उतना भी मुश्किल नहीं जितना लोग समझते हैं
वादा वादा होता है भला उसे टूटने कैसे कोई दे सकता है
