best poetry in hindi on love and faith|एक स्वर्ण हिरण से क्षण भर का मोह

वो जगह ही कायनात है जहाँ मोहब्बतों का निवास है

कैसी बिडम्बना है ये जो स्वयं लक्ष्मी है

जिनके द्धारा सबको धन दिया जाता है

जो धन ऐश्वर्य की देवी है उन्हें ही मोह हो गया

सोने के हिरण को देखकर स्वर्ण से आकर्षण

जिनके कहने मात्र से धन वैभव

वो असीम प्रेम जिसकी प्रेम की वर्षा से परमानन्द को पा ले

व्यक्ति के पास चले आते हैं

आज वो मोह में कैसे फंस गयी

एक स्वर्ण हिरण के क्षण भर के मोह ने

उनसे सब कुछ ही क्षीण लिया

वो असीम प्रेम जिसकी प्रेम की वर्षा से वे सदैव तृप्त रहती थी

वो समय जिसको जीने मात्र से लोग परमानन्द को पा ले

वो सब छीन गया बस एक मोह की वजह से

उनके चाहने मात्र से पहाड़ भी सोने में परावर्तित हो सकता था

लेकिन उनका सोने के प्रति आकर्षण और हठ

काश ऐसा ना होता तो कभी

जीवन में बस दो क्षण का मोह अहित करने ही सदा आता है

फिर जीवन में देवी सीता को कोई कष्ट ना होता

बस दो क्षण के उस मोह ने सब तितर बितर कर दिया

जीवन में शायद लोभ आहित करने ही सदा आता है

लोभ का काम ही यही है अहित करना अमंगल करना

फिर वापस लौट जाता है लोभ जैसे

उसने अपना काम कर लिया हो

बस दो क्षण ही तो उसे कार्य करना होता है

बाद में दुख पीड़ा और पश्चाताप रह जाता है जीवन में

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *