एक अकेला दीया लड़ रहा तूफान से
प्रचंड हवाओ के झोके से
गरजते बिजली और आसमान से
बरसते भीषण वर्षों के बूंदो के जहान से
एक अकेला दीया लड़ रहा तूफान से
खुद को संभाल रहा बार-बार
अपनी लौ के डगमगाने के
बुझ जाने के अरमान से
एक अकेल दीया लड़ रहा तूफान से
ताकत की आजमाईश हो रही
हवाओ के रूख के इम्तिहान से
दीया भी डटा है अपनी सम्पूर्ण शक्ति समेटे
लौ को थामे हुए दिलो जान से
एक अकेला दीया लड़ रहा तूफान से