strong positive thoughts in hindi
जीवन में जब घर से निकलते हैं तो
सामने बहुत से रास्ते नजर आते हैं
मगर हमे किस रास्ते पर जाना है
ये तो हमें ही तय करना है
हम कौन सा रास्ता चुने
मंजिल कौन सी वाकई मे
हमारे लिए मायने रखती है
एक रास्ता प्रेम का होता है और
उसके अलावे बहुत से रास्ते होते हैं
जहाँ पहुँचकर अंत में सुकून नहीं मिलता है
सुकून तो केवल प्रेम के मार्ग पर ही मिलता है
शुरुआत में तकलीफों से गुजरना पड़ता है
बहुत से कष्ट सहने पड़ते हैं ये
ठीक वैसा ही है जब कोई कैलाश की यात्रा करता है
रास्ते में ना जाने कितने कष्ट तकलीफ सहने पड़ते हैं
हिम्मत टूट जाती है कुछ लोग यात्रा बीच में छोड़ देते हैं
मगर जो राह की मुश्किलें से जूझते आगे बढ़ते हैं
कैलाश पहुँचने का सौभाग्य उन्हें ही मिलता है
फिर कैलाश पर पहुँचकर वो राह की
सारी मुश्किलें भूल जाते हैं
राहो के हर कष्ट मिट जाते हैं और
अंत में वो शांति मिलती है जो शांति
उन्हें जीवन के किसी भी पड़ाव में
आजतक हासिल नहीं की थी
ठीक ऐसा ही मार्ग प्रेम का है
जहाँ का मार्ग कैलाश पर ही ले जाता है
दुनिया के उस छोर पर जहाँ जाने के बाद
कुछ पाना शेष रह ही नहीं जाता
जीवन सफल हो जाता है
तय तो मार्ग पर चलने वाले को ही करना है
घर के सामने से जो बहुत से रास्ते जा रहे हैं
उनमें से कौन से मार्ग पर आगे बढ़ना है
Positive Thoughts in Hindi about Life
ईश्वर से प्रेम करने वाले एक भक्त ने
भगवान को आवाज लगाई
भक्त बहुत पीड़ा में था
उसने दिल से भगवान को पुकारा
भगवान जो पूरी दुनिया को चलाने में व्यस्त है
जिनके पास विश्राम करने तक का समय नहीं है
लेकिन जब भक्त की पुकार उनके कानो में पड़ी
भगवान विचलित हो गये
अपना सारा काम तुरंत छोड़ कर
जिस अवस्था में थे उसी अवस्था में
भक्त की पुकार पर दौड़ गये
उन्होंने समय भी नहीं देखा
ये तक नहीं देखा उनके कंधो पर दुनिया का भार है
एक बार भी वो ध्यान हटाते है तो
कुछ भी गड़बड़ हो सकती है
दुनिया इधर से उधर हो सकती है
लेकिन भगवान ने उस समय
किसी चीज की परवाह नहीं की
वो बस भक्त की सच्ची पुकार पर दौड़े चले गये
भगवान को चैन तभी आया जब भक्त से मिलकर आए
सिर्फ दिल की एक सच्ची पुकार ने उन्हें
जिसके इशारे पर दुनिया नाचती है
जिनके चाहने मात्र से सब कुछ बदल जाता है
जीत हार में बदल जाती है
हार जीत में बदल जाती है आज
उन्हें अति विचलित कर दिया भक्त ने
क्योंकि भगवान की कमजोरी सिर्फ प्रेम है
उस प्रेम में छिपा अपनेपन का वो भाव है
जिस भाव मे भगवान के भी आंखों में आंसू आ जाते है
अपना मान कर आवाज लगा दी है भक्त ने भगवान को
तो फिर भगवान अपनेपन की अनदेखी कैसे कर सकते हैं
कोई अपना उनका अति प्रिय तड़प रहा है
उसकी तड़प भगवान जब तक शांत नहीं करते
तब तक त्रिभुवन को शांत करने वाले को
शांति कैसे मिल सकती है