one sided love poems in hindi

one sided love poems in hindi

जो पुकार सीधे दिल तक पहुँचे वही तो प्रेम है
मै कहाँ उस लायक था जहाँ मुझे इतना सारा प्रेम मिला
आज भी मै लायक नहीं फिर भी ढ़ेर सारा प्रेम मुझे मिला
मै कुछ भी नहीं फिर क्यो इतना प्रेम दिया मुझे
मै कुछ भी नहीं फिर क्यों मेरे दुख मे रोए
मै कुछ भी नहीं फिर भी क्यों मुझसे इतना प्रेम किया
मेरी सारी कमियो और गलतियों को जानते हुए भी
मुझे क्यों इतना प्रेम दिया

one sided love poems in hindi


कभी अलग कहाँ हो सका चाहकर भी मुझसे
हर वक्त मेरी पहरेदारी इतना क्यों किया
मै जमीन की पड़ा धूल जिसे तुमने सर पर रख लिया
बताओ क्यों तुमने इतना प्रेम मुझसे किया
मैने बदले में तुम्हे क्या दिया
कही न कहीं तुमने निशब्द मुझे कर दिया
बोलूँगा भी तो क्या तुमसे
बस मुझे आज खामोश रहने दो
बस मुझे आज खामोश रहने दो

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