Mulayam Singh Yadav Life Story in Hindi | Anchue Pehlu

Mulayam Singh Yadav Life Story in Hindi | Anchue Pehlu

इंसान ने अपने जीवन को कैसे जीया ये महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण यह है इंसान ने अपने जीवन में संधर्ष कितना किया है क्योंकि जीवन में जितना संधर्ष होगा व्यक्ति का व्यक्तिव निखर कर उभरेगा लोग ये याद नहीं रखते हैं की आपने जीवन कितना जीया था और जो आप जीवन में नहीं कर सके बल्कि लोगों को तो बस यही याद रहता है आपने कितना संधर्ष किया और वो सब तमाम कोशिशें की जो कोई और ना कर सका

ऐसे ही ये एक संधर्ष की कहानी है मुलायम सिंह यादव की

लोग उन्हें नेताजी के नाम से भी जानते थे

उनके भीतर वो आकर्षण था जो संधर्ष और जीवन की चुनौतियों से जूझ कर ही उन्होंने पाया था लोग उनकी बात सुनने के लिए लंबी लाईनो में घंटों खड़े रहते थे

उनकी उनकी आवाज में आम आदमी अपनी आवाज को कही न कहीं महसूस करता था यही तो जादू था नेताजी का

राष्ट्रपति ने मुलायम सिंह के निधन पर दुख प्रकट किया है और वही भारत के प्रधानमंत्री ने कहा है उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में अपनी विशेष क्षवि और जनता में विशेष लोकप्रिय नेता के रूप में सदा स्मरण किया जाएगा वे जमीन से जुड़े नेता थे जो जनताओ की समस्या के समाधान के लिए सदैव तत्परता दिखाते थे वो विनम्र और बहुत शालीन व्यक्ति थे

मुलायम सिंह यादव ने सोमवार सुबह दिनांक 10/10/2022 को सुबह 8 बजकर 15 मिनट को अपनी अंतिम साँस ली और उनके साथ ही एक युग का अंत हुआ जो राजनीतिक में सदैव उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए स्मरण किया जाएगा

जीवन में जितना संधर्ष होगा व्यक्ति का व्यक्तिव निखर कर उभरेगा

उनकी उम्र 82 वर्ष की थी कुछ समय से बीमार चल रहे थे और गुरूग्राम के मेंदाता अस्पताल में भर्ती थे

अब हम उनके जीवन परिचय के बारे में कुछ जानकारी लेते हैं उनके जीवन की उपलब्धियों को करीब से समझने की कोशिश करते हैं और कही न कहीं खुद को उनसे जोड़ कर उनके जीवन से कुछ सीखने की भी कोशिश करते हैं ताकि उनके विचारो को उनके जाने के बाद भी हमेशा जीवित रखा जा सके

मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे

उनका जन्म 1939 को उत्तर प्रदेश के सैफई गाँव में हुआ

उन्होंने राजनीति कैरियर की शुरुआत 1967 को राम मनोहर लोहिया संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से उत्तर प्रदेश विधान सभा में प्रवेश करके किया था

चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल में 1968 में शामिल हुए

पहली बार मंत्री बनने का सौभाग्य उन्हें वर्ष 1977 को प्राप्त हुआ

उन्हें लोकदल अध्यक्ष बनने का मौका वर्ष 1980 को मिला

विधान परिषद के सदस्य और परिषद के विपक्ष के नेता वर्ष 1982 से वर्ष 1987 तक बने रहे

जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी उनके पास वर्ष 1985 से वर्ष 1987 तक रही

उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण वर्ष 1981 को आया जब मुलायम सिंह यादव पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने

उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर वर्ष 1991 तक अपना कार्यभार संभाला

वर्ष 1993 से वर्ष 1995 तक दूसरी बार उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ

वर्ष 1998 को यूपी से लोकसभा सदस्य बने

वर्ष 1996 को रक्षा मंत्री बनने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ

वर्ष 2003 में तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने शपथ ग्रहण की

2003 को उन्हें काफी क्षति हुई उन्होंने अपनी जीवन संगनी से बिछड़ने का पीड़ा सहनी पड़ी

वर्ष 2004 में मैनपुरी से सांसद बने

वर्ष 2007 में यूपी राज्य विधान सभा में उन्हें विपक्ष के नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुना गया

वर्ष 2009 में मैनपुरी के सांसद बने

वर्ष 2014 में आजमगढ़ और मैनपुरी से सांसद बने बाद में उन्होंने मैनपुरी से अपना इस्तीफा दे दिया था

2019 में मैनपुरी से सातवीं बार सासंद बनने का गौरव प्राप्त किया

वर्ष 2022 को 10 अक्टूबर को उनका स्वर्गवास हुआ

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