beautiful quotes on life in hindi
अंधेरे से उजाले का ही तो सफर है
अंधेरे से निकल कर प्रकाश में जाना
दिन और रात जीवन के दो पहलू है इंसान के
अच्छा है तो बुरा भी है सुख है तो दुख भी है
जिस तरह से दिन रात को इंसान स्वीकार कर लेता है
जीवन में तो उसे दिन और रात में कोई घबराहट और बेचैनी
नहीं होती है क्योंकि उसे पता है ये ही चक्र है जो
चलता रहता है और चलता ही रहेगा वैसे ही सुख और दुख है.
अगर स्वीकार कर लिया जीवन में ये हिस्सा है जीवन का
जैसे रात और दिन है तो जीवन को जीने में कोई तकलीफ
नहीं होगी अगर रात नही होगी तो फिर लोगों को राहत कैसे
मिलेगी अगर दुख नही होगा तो इंसान मजबूत कैसे बनेगा
भीतर से इसलिए तो अंधेरे से ऊजाले तक के सफर में
मानवो के कई युग बीत गये तब जाकर आग जली
इसलिए तो समय लगता है माना पर जो आग जली है
वो बुझनी नहीं चाहिए ये बहुत से युगों की मेहनत का फल है
इसलिए दुख को भी प्यार दो क्या पता दुख सुख बन जाए
1. सबसे गहरा दुःख ही सबसे
महान परिवर्तन का कारण होता है
2. सबसे गहरा दुःख और सबसे बुरी
परिस्थितिया ही इतिहास बदल कर रख देती है
3. दुख वो धूप की तरह है जिसमें
इंसान नहाकर सोने सा चमकने लगता है
4. डूबने के लिए भले ही नाव डूब गयी
मगर तैरने के लिए तो पूरा का पूरा समंदर खाली है
5. समंदर कितना भी गहरा क्यों ना हो
मगर खोदने वालो ने तो उसके तल को भी खोद डाला
6. बात अगर सिर्फ जीतने की ही होती तो
ये जंग ना होती मगर यहाँ तो जीतना नहीं बल्कि
खुल कर हर एक पल में खुद को खोकर
बेपरवाह होकर जीना ही सिर्फ मायने रखता है
7. बंजर भूमि किसी के लिए शोक का कारण होती है तो
किसी के लिए प्रसन्नता का कारण
शोक वो करता है जिसे सिर्फ बंजर भूमि ही नजर आ रही है
उसे लगता है इस पर कोई फसल नहीं उगाई जा सकती है और
प्रसन्नता वो करता है जो बंजर भूमि में असीम संभावना को देखता है
वो जानता है वो जैसा चाहे वैसा रूप दे सकता है
इस बंजर भूमि को जो फसल उगाना चाहे
वो फसल इस भूमि पर उपजा सकता है क्योंकि
एक नयी शुरुआत एक नये युग का निर्माण करती है
8. जो दिलो पर राज करते हैं
उन्हें दुनिया पर राज करने की जरूरत नहीं होती
किसी के दिल में बस जाना
दुनिया पर राज करने से भी बहुत मुश्किल है
दुनिया फिर भी कोई जीत ले मगर
दिल को जीतना इतना आसान नहीं
9. प्रेम से शक्तिशाली कोई अस्त्र नहीं
इसकी काट किसी के पास नहीं
10. उम्मीद मौके देती है
खुद को नाउम्मीदी मौके कभी नहीं देती
खुद को जो सामने है साधन उतना काफी है
मेहनत करके आगे बढ़ने के लिए
11. इंसान जीवन में तभी कुछ हासिल कर सकता है
जब उसके पास कोई मकसद हो
मकसद ही मेहनत करने की ताकत देती है और
मेहनत दिल से की जाए तो बेकार कभी नहीं जाती
12. जब हर कोई साथ खड़ा है तब चलने का क्या मजा है
बस रास्ते पर भीड़ है जिसके पीछे आप चल रहे हैं
उसके आगे नहीं और जब सब विरोध में खड़े है तो
रास्ता बिल्कुल खाली है अब चाहे पैदल चलो या दौड़ो
रास्ता पर चलना कैसे है ये तो
अकेले चलने वाले के क्षमता पर निर्भर करता है
13. जिस इंसान के जीवन का नियम ही
किसी से कोई उम्मीद नहीं बस
स्वयं से उम्मीद वो कभी थक कर हार नहीं सकता
क्योंकि उसकी उम्मीद खुद से है हर बार वो थकेगा
हर बार वो गिरेगा हर बार वो उठेगा
हर बार वो चलेगा हर बार वो दौड़ेगा
14. मुझे तो बस साथ चाहिए
उम्मीद से मुझे देखने वाले आंख चाहिए
जब थक जाऊं तो मुझे उठाने वाले बस
हाथ चाहिए मुझे बस तुम्हारा साथ चाहिए
15. जीवन में हमेशा विनम्र रहना चाहिए
व्यवहार भी शालिन होना चाहिए
भले ही कुछ भी पा लिया हो आपने लेकिन
सामने वाले का भी सम्मान करना चाहिए
16. संभल कर जिंदगी जीना जैसे
हर बात की परवाह करना
अपने भीतर डर को जगह देना
हर बात पर डराने के लिए
जबकि बेपरवाह होकर जीना
किसी भी बात की कोई परवाह नहीं करना
जो होगा देखा जाएगा कल के लिए
आज क्यों बर्बाद करे चार दिन का जीवन
उसमें भी दो दिन चिंता में ही निकाल दिया जाए तो
जीवन में फिर बचेगा ही क्या
17. तुम जीवन में मुझे हर बार गिराओ लेकिन
हर बार तुम मुझे पहले से भी मजबूत पाओगे और
एक दिन ऐसा भी आएगा जब तुम
मुझे गिराने नहीं बल्कि सम्मान देने आओगे
18. आप किसी से उसकी नौकरी छिन सकते हैं
उसके पैसे छिन सकते हैं उसका घर छिन सकते हैं लेकिन
आप उसकी अच्छाई और हुनर कभी नहीं छिन सकते हैं
19. नियम से तो वो चलता है जिसे बहकने का डर होता है
मस्ती से वो चलता है जिसमें डर नहीं होता
बस आनंद का भाव लिये मदमस्त होकर चल देता है
क्योंकि जहाँ आनंद है वहाँ कोई दायरा सीमित नहीं होता
हवा जल का कोई दायरा है
इन्हें कोई सीमित कर सकता है
कोई नियम बांध सकता है
नियम केवल डर छिपाने के लिए
अपनी कमजोरियों पर पर्दा डालने के लिए होता है
20. जीवन में भले ही पास में सब कुछ ना हो
लेकिन जो कुछ भी हो पास में
उसमें कमी कभी किसी चीज की खले ना
कोई वस्तु जीवन को सुखी नहीं बनाती
बल्कि जीवन की छोटी छोटी खुशियाँ ही
जीवन को सुखी बना देती है
21. अगर दौलत से ही हर कोई अमीर और सुखी बन जाता तो
हर दिन मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे और चर्च में
लाईन में लगकर बड़े से बड़ा
अमीर मन्नत नहीं मांग रहा होता
जो उसके पास नहीं है
22. जीवन जीने की कोई कला है ही नहीं
बस जीवन जी लो हंसकर इससे
बड़ा सुख और क्या है भला जीवन में
23. जीवन की सबसे बड़ी दवाई
जो हर बड़े से बड़े बिमारियों को हरा देती है
वो है मुस्कुराहट जिसके पास मुस्कुराहट जैसी
टौनिक है उसे कोई डगमगा नहीं सकता जीवन में
24. हर जगह इतना तनाव क्यों है
किसी भी क्षेत्र में क्योंकि हर चीज में
हम खुद ही परिणाम लगाते हैं और
खुद ही स्वंय को हारा हुआ समझ लेते हैं
भीतर से एक डर उस हार की इतनी हावी होती है
जो हार कभी हुईं ही नहीं है
उसका बेवजह तनाव
जीवन का हिस्सा बन जाता है
25. मुझे नौकरी नहीं करना है और
मेरे लिए मेरे सपने महत्वपूर्ण है
उसे पूरा करन का मौका है
समय है पास में तो फिर
अपने सपने के लिए काम क्यो ना करे
सपने मैने देखे हैं और उसकी एहमियत
मुझे पता होगी किसी और को नहीं
तो सपने को छोड़ देना सबसे बड़ी बेवकूफी और
खुद से बेईमानी करना है
26. एक पौधा अपने अस्तित्व के लिए संधर्ष कर रहा है
खुद को बचाए रखने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है
उसके चारो ओर की परिस्थितियां उसके खिलाफ है
मिट्टी ने उसके खिलाफ मोर्चा खो रखा है
हवा ने भी उल्टा बहना शुरू कर दिया है
उसके रास्ते को छोड़कर हर जगह बह रही है
जल ने भी उसके जड़ो से दूरी बना ली है
फिर भी वो पौधा हर रोज
अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा है
उसके जुझारू जज्बे ने उसे बस जिंदा रखा है
वरना कब का वो पौधा सूख जाता
वो सूर्यमुखी का छोटा सा पौधा है
बस सूर्य के प्रेम में सुधबुध भूल कर
बस सूर्य को निहारते निहारते
सूर्य के प्यार में अब अपने अंतिम
सफर की तरफ बढ़ रहा है
अब देखना है वो पौधा कब तक खुद को
बचाए रखता है कब तक और
कहाँ तक उसका संधर्ष जाएगा
कितने दिनों की और उसकी कहानी बची है
बस अब यही देखना है
उस पौधे के जज्बे को सलाम है
27. मुझे हार का डर नहीं है मगर
वो जीत भी किस काम की
जिसमें तुम शामिल ना हो
28. जरूरी नहीं कुछ खास कही पर हो तभी
वहाँ पर जाया जाए कभी कभी
कुछ नहीं भी हो तो भी वहाँ
बहुत कुछ पाया जा सकता है
29. सफर अगर प्यार भरे रास्तो पर किया जाए
तो सफर हमेशा हंसीन होता है
मंजिल से कही ज्यादा रास्ता खुबसूरत होता है
पाने की जिद पर जहां पूरा का पूरा पा लूं लेकिन
तुझे एक नहीं पाया सब कुछ पाकर भी
मेरे पास कुछ भी नहीं बचा
30. ये नजारे भी कहाँ तुमसे हंसीन है
ये जो सर के ऊपर आसमान जो है
गुरूर से फैला हुआ वो भी
तुम्हारे कदमों के आगे जमीन है