जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ भी आसान नहीं होता है लेकिन यकिनन इतना भी मुश्किल नहीं होता है आप अपने विचारों की शक्ति का कभी अनुमान नहीं लगा सकते और ना ही हम अपने विचारों के प्रभाव को पूरी तरह समझ सकते हैं क्योंकि जब हम अपने विचारों पर ध्यान देते है और उस पर कार्य करना शुरू कर देते है तो निश्चित रूप से सफलता हमे हासिल होती है मैने कुछ 12 महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर किया है इसपर गौर करने की आवश्यकता है
12 नियमों को अपनाएं असफलता को सफलता में बदले
सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है विश्वास अगर आप खुद पर विश्वास करेंगे की आप सफल हो सकते हैं तो यकिन मानिये आप निश्चित रूप से सफल हो जाएंगे जिन्हें विश्वास होता है की वो परिवर्तन ला सकते हैं अपने जीवन में वे निश्चित रूप से जीवन में परिवर्तन ले आते हैं और जिन्हें यकिन नहीं होता की वो जीवन में परिवर्तन नहीं ला सकते हैं तो उनके जीवन में कभी परिवर्तन नहीं होता है जब कोई कार्य आप के क्षमता से भी ज्यादा अधिक होता है तो आप ये अवश्य सोचते हैं की काश हम इसे कर पाते पर इसे करने से कोई फायदा नहीं है परंतु आप को विश्वास है अपने भीतर की क्षमताओं पर तो आप यकिनन यही कहेंगे की हां मैं ये कर सकता हूं और आप इसे देखते ही देखते कर भी देते ये केवल विश्वास का ही खेल है क्योंकि आज के आधुनिक दौर में कोई अगर ये कहता है की वो पहाड़ की सबसे ऊंची चोटी पर केवल दो दिन में पहुंचेगा तो वो ऐसा कर सकता है क्योंकि उसे लगता है की ऐसा हो सकता है और ऐसा हो भी जाता है अगर हम पीछे पलट कर देखे तो लोगों में विश्वास नहीं होता तो बड़े से बड़े आविष्कार नहीं हो पाते बड़ी से बड़ी बिमारियों का इलाज नहीं हो पाता क्योंकि विश्वास ही हमें सदैव जीवन में आगे बढ़ने की राह दिखाती है
1. विश्वास है तो संभव है अविश्वास है तो असंभव है
2. विश्वास सकारात्मक शक्ति है जबकि अविश्वास नकारात्मक शक्ति
3. विश्वास में ही प्रबल शक्ति का प्रवाह है
4. विश्वास सदैव सफलता के मार्ग खोलती है जबकि अविश्वास असफलता के मार्ग
5. विश्वास से भरे लोगों का व्यवहार उत्साह जनक होता है जबकि अविश्वास से भरे लोगों का व्यवहार सदैव निराशा और शंकाओं से भरा होता है
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बड़ा सोचना ही पड़ता है क्योंकि जब हम बड़ा सोचेंगे तो परिणाम भी हमें उसी के अनुरूप ही प्राप्त होंगे जब हम छोटा सोचेंगे या हम सोचने से भी घबराएंगे तो परिणाम कभी प्राप्त नहीं होंगे परिस्थितियां जैसे पहले जटिल और गंभीर थी बस वैसी ही परिस्थितियां सदैव रहने वाली है आप के जीवन में सदैव कुछ बड़ा सोचने से भयभीत होना छोड़ दें बल्कि जो आप ने सोचा है उस पर कार्य करना आरंभ कर दें अपनी सोच का दायरा बढ़ाना शुरू करें उस सोच को विस्तार रूप में विकसित करना सीखें अपने दिमाग में अपनी सोच में अपने कार्य में तेजी लाने का प्रयास करें जीवन को प्रगतिशील बनाएं रखने के लिए अपने आप को मानसिक रूप से बेहद मजबूत करें कल्पना और हकीकत के फर्क को मिटाने का प्रयास सदैव करे जो आप की सोच में कल्पना है उसे विस्तार देने के लिए तत्पर रहे अपनी सोच को अधिक और अधिक विस्तार दे अपने दिमाग को इसके लिए जागरूक बनाएं अपनी सोच को सदैव बड़े लक्ष्य पर केंद्रित रखें
1. अपने लिए सुरक्षित माहौल का निर्माण हमारे सोच से ही निर्मित होता है
2. अपनी सोच में जो भी नकारात्मकता प्रभाव है उसे तत्काल कम करने का सदैव प्रयास करें
3. सफलता मानसिक दवाब से मुक्ति का बोध है इसलिए सदैव अपने मस्तिष्क को तनाव से मुक्त रखें
4. अपनी सोच के अनुरूप अपने लक्ष्य को निर्धारित करें
5. हर उस नकारात्मक प्रभाव को अपनी सोच से नियंत्रित करने का प्रयास करें जिसे आप नियंत्रित कर सकते हैं
संसार में तमाम उपलब्धियां हासिल करने से पहले हर किसी ने इसे पूरा करने का सपना अवश्य देखा होगा तभी जाकर सपने को पूरा किया गया सपने हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं किसी के लिए किसी भी कार्य को नये स्वरूप में पहले से बेहतर और सुधार के साथ करना तो किसी के लिए सबसे बुरी जगह को सबसे सुंदर जगह मे बदल देना जब आप सपने देखते हैं तो रास्ते खुद ब खुद बनने लगते हैं बशर्ते आप अपने सपनों को सच करने के लिए तैयार हैं तब आप ही स्वयं सपने को पूरा करने के लिए तरीके ढूंढ ही लेते हैं थोड़ी जद्दोजहत के बाद अगर आप को ये विश्वास हो की जो आप ने सपने देखे हैं उन सपनों के पूरे होने के मार्ग में आने वाली हर बाधा का हल आप निकाल लेंगे तो आप निश्चित ही अविश्वास और बाधाओं के बंधनों से मुक्त हो चुके होंगे सपने देखने और उसे पूरा करने के बीच केवल सोच का फर्क है सकारात्मक सोच है तो सपने पूर्ण हो जाते हैं नकारात्मक सोच है तो सपने सदैव अपूर्ण ही रहते हैं
1. सपने अक्सर नये विचारों को और भी बेहतर करने की प्रेरणा देता है
2. सपने पूरे होने में सबसे बड़ी बाधा कमजोर सोच और शंकाएं होती है
3. सपनो देखें सपनों के बारे में सोचें सपनों में विश्वास करें सपनों की पूर्ति के लिए प्रयास करें
4. खुद को इस प्रकार से ढ़ाले की हर सपने को पूरा कर सके
5. अपने सपनों को जीवंत बना कर दुनिया के सामने प्रस्तुत करें
जब मनुष्य अपना आपा खो देता है तो गुस्से में बरसों पुराने संबंध को तार -तार कर देता है अगर यही प्रक्रिया मनुष्य के जीवन में लगातार चलती रही तो कोई उसका साथ देने वाला कोई नहीं होगा वह बिल्कुल अकेला हो जाएगा इसलिए जीवन में सफलता की सबसे बड़ी डोर मधुर व्यवहार है मानव सभ्यता ने जो भी ऊंचाई प्राप्त की है वो केवल विश्वास और तालमेल बिठा कर अगर जीवन में इसी का आभाव होगा तो नजीता हमारे सोच के सदैव विपरीत होता है आप खुद को कब महत्वपूर्ण समझते हैं जब आप लोगों के बीच अपनी प्रशंसा सुनते हैं ऐसा तभी संभव होता है जब आप लोगों के साथ मधुर व्यवहार बनाते हैं जिससे आप को प्रशंसा और सम्मान दोनों प्राप्त होते हैं सच्ची प्रसंशा ही किसी मनुष्य को और भी अधिक सफल होने के लिए प्रेरित करती है ऐसा तभी संभव होता है जब हम लोगों को खुद से जोड़ने लगते हैं खुद के विचारों से अवगत कराते हैं जब संबंध आपस में मधुर होंगे तो प्रगति निश्चित रूप से होती रहेगी
1. सदैव वाद विवाद से बचें क्योंकि वाद विवाद से कुछ भी लाभ प्राप्त नहीं होता है
2. सबके सामने गलती स्वीकार कर लेने से संबंध बिगड़ते नहीं बल्कि और भी मजबूत हो जाते हैं
3. सामने वाले व्यक्ति को आप कभी लज्जित महसूस ना होने दें
4. सदैव उस तरीके पर अमल करें जिससे कोई भी व्यक्ति आप के कार्य को करने में खुशी महसूस करें
5. सदैव कोशिश करे सहयोगी बनाएं ना की विरोधी
जब आप से कोई गलती होती है और आप उस गलती को सुधारने का प्रयास करते हैं तो कुछ लोग आप से यही कहेंगे की इस गलती को सुधारने की कोई प्रक्रिया नहीं बची है आप ने सब कुछ खत्म कर दिया तो कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो आप से कहेंगे आप ने उतनी बड़ी गलती नहीं की है जितनी बड़ी आप समझ रहे हैं आप को थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन आप गलती को सुधार लेंगे क्योंकि आप जानते हैं की गलती को सुधारना मुश्किल नहीं है लेकिन बार-बार एक ही गलती करना ग़लत है आप के पास दो तरह के विकल्प आए पहले ने आप की हिम्मत ही तोड़ दी जो भी आप के मन में थोड़ी हिम्मत बची थी उसे चकनाचूर कर दिया जबकि दूसरे ने आप के भरोसे को कायम रखा आप के भीतर खो रहे विश्वास को जगाया की आप कर सकते हैं आप में ये प्रतिभा है जो सामने वाले व्यक्ति को वह बल देता है जिसकी उसे सबसे अधिक आवश्यकता है जिसे वह सदैव साबित करना चाहत है
1. गलती को सुधारने के लिए सच्चे प्रोत्साहन की जरूरत होती है
2. गलती में सुधार आवश्यक है मगर हर बार वही गलती करना सुधार की प्रक्रिया को प्रभावी नहीं होने देती
3. अगर कोई अपनी गलतियों में सुधार कर रहा है गंभीरता से तो वह खुले दिल से तारिफ का हकदार हैं
4. सच्ची प्रसंशा ही परिवर्तन प्रगति को लेकर आती है
5. गलती का एहसास कराना भी आलोचना नहीं बल्कि सुधार के प्रक्रिया का ही एक हिस्सा ही माना जाता है
औसत का नियम सबके लिए बहुत कारगर साबित होता है अगर आप रोज 6 घंटे मेहनत करते हैं तो आप एक घंटे और अतिरिक्त मेहनत करना शुरू कर दें आप अपनी कार्य करने की क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाना चालू करें और ये आप को निश्चित रूप से परिणाम देगा जब आप 6 घंटे मेहनत करते हैं और एक घंटे अतिरिक्त मेहनत करना शुरू कर दिया तो आप का अतिरिक्त का एक घंटा आप को वो परिणाम दे सकता है जो आप के 6 घंटे ने नहीं दिए क्योंकि उस वक्त आप का दिमाग अधिक सक्रियता से उस एक घंटे में कार्य करेगा जो कितना भी बुरा परिणाम भले ही दे मगर आप के औसत परिणाम से काफी बेहतर परिणाम होगा और ये परिणाम धीरे-धीरे सुधरते जाएंगे जब आप जितना अधिक प्रेरित होकर कार्य करेंगे परिणाम आप को और अधिक बेहतर ही प्राप्त होंगे
1. संभावना को कभी सीमित नहीं करें
2. हर रोज कार्य की समय सीमा अगर बढ़ा दी जाए तो परिणाम की सीमा भी बहुत बढ़ जाती है
3. जब तक आप का विश्वास खुद पर कायम नहीं होगा परिणाम औसत ही प्राप्त होगा
4. अगर क्षमता का विकास होता है तो परिणाम सदैव सकारात्मक ही होते हैं
5. अपनी योग्यताओं को और बढ़ाएं जब तक आप को समाज योग्य ना मान ले
आप जिस क्षेत्र में भी कार्य करना चाहते हैं उस क्षेत्र में आपको कामयाबी केवल आप का नजरिया ही दिला सकती है हम अक्सर दूसरों के पास मौजूद कोई भी वस्तु की इच्छा करते हैं जो वस्तु हमारे पास नहीं है हम उस वस्तु को प्राप्त करने के लिए कोई भी कार्य नहीं करते बल्कि हम चाहते हैं की वह वस्तु स्वयं ही हमें प्राप्त हो जाए मगर ऐसा होता नहीं है कुछ भी प्राप्त करने के लिए सही नजरिया और उस दिशा में किया गया कार्य ही वस्तु को प्राप्त करने में सफल बनाती है जब अक्सर जीवन में मौके आते हैं तो लोग उसे नहीं समझ पाते और जब तक समझ पाते हैं मौका उनके हाथ से निकल चुका होता है मगर समझदार व्यक्ति उस मौकों को भांप लेता है क्योंकि उसका हर एक परिस्थितियों को देखने का नजरिया शानदार होता है हमारा आने वाला भविष्य कैसा होगा इसे तय केवल हमारा नजरिया ही करता है जिस व्यक्ति में सकारात्मकता है उनके लिए नजरिया कामयाबी की चाबी बनकर आता है और जिस व्यक्ति में नकारात्मकता है उसके लिए पछतावा और अफसोस की भावना लाता है
1. लोगों को कामयाबी उनकी बेहतरीन सोच दिलाती है
2. जब आप कोई काम करने से इंकार कर देते हैं तो इसके मतलब आप को उस काम की परवाह नहीं है
या फिर वो कार्य आप करना नहीं चाहते ये यही नजरिया आप के भविष्य की नींव खोखली करता है
3. सकारात्मक नजरिया से व्यक्ति सदैव जीवन में सब कुछ हासिल कर लेता है जो वो चाहता है
4. सकारात्मक नजरिया हर अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम होता है क्योंकि उसे अवसर ढूंढना नहीं पड़ता बल्कि वे अवसर पैदा कर देता है
5. सकारात्मक नजरिया वाले लोग जोश से भरे दूसरों का ध्यान रखने वाले धैर्यवान और आत्मविश्वास की मिसाल के रूप में दिखाई देते है
जब हम लोग जीवन में खुल कर अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करते हैं तो हम लोगों को ये संदेश देते हैं की अब हम कार्य करने में पूर्णतः सक्षम है क्योंकि जिम्मेदारी मनुष्य के जीवन में दुःख और पीड़ा नहीं बल्कि सुखमय भविष्य होता है एक सफल इंसान वही हो सकता है जो अपनी गलतियों को स्वतंत्र रूप से स्वीकार करता है इसके विपरित जीवन में जो व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं करता उससे भागता रहता है वह जिम्मेदारी के बोझ से खुद को नहीं बचा पाता उस बोझ में वह दबता चला जाता है समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी जिम्मेदारी को अक्सर दूसरों के कंधों पर देने की पूरी कोशिश करते हैं ऐसा करके वो अपने जीवन में संधर्ष की क्षमता को खो देते हैं जो आने वाले कठिन परिस्थितियों में उनकी ढ़ाल बनती है
1. जिम्मेदारी को स्वीकार करना ही जीवन को स्वीकार करने जैसा है
2. जिम्मेदारी हमे जीवन में आर्थिक और मानसिक रूप से बेहद मजबूत बना देती है
3. किसी भी समाज या किसी भी परिवार की बुरी अवस्था का कारण वहां के लोगों का जिम्मेदारी से मुंह मोड़ना होता है
4. अगर आप लोगों के बीच में महान आदर्श प्रस्तुत करना चाहते हैं तो आपको अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी पड़ेगी और उसे निभानी भी पड़ेगी
5. जो लोग बिना जिम्मेदारी स्वीकार किए कार्य करने लगते हैं उन्हें सफलता नहीं मिलती क्योंकि उन्हें जिम्मेदार स्वीकार करना नहीं आता जो उनके पतन का कारण बनता है
जब आप कोई भी शब्द का उपयोग करें बोलते वक्त तो सदैव सतर्कता बरतें क्योंकि आप के मुख से निकला एक गलत शब्द आप के प्रियजनों से संबंध को तार-तार कर सकता है जो आप के मन में आए वो बोलने से भविष्य में मनुष्य को खुद के लिए भी वही सब सुनना पड़ता है सदैव इस बात के लिए सजग रहें की आप को क्या कहना है और बात करते हुए क्या नहीं कहना है जिसका प्रभाव आपके जीवन पर आपके व्यवसाय पर पड़े अक्सर हम देखते हैं की शब्दो की चोट मनुष्य पर गहरा प्रभाव डालती है बाहरी किसी अतिरिक्त चोट से अच्छा स्रोता बने बोलने में कभी जल्दबाजी ना करें पहले दूसरों की बात को ध्यान से पूरा सुने उसके बाद ही कुछ कहे जरूरत से ज्यादा बोलना भी उचित नहीं है और कम बोलना भी उचित नहीं है इसलिए सदैव इनके बीच तालमेल बनाए रखें एक असभ्य मनुष्य भाषा की मर्यादा का सम्मान नहीं करता जबकि एक सभ्य मनुष्य भाषा और भाषा से संबंधित लोगों दोनों का सम्मान करता है
1. सभ्य मनुष्य भाषा का मान रखता है शब्दों को आदर देता है
2. एक असभ्य मनुष्य भाषा का ना तो मान रखता है ना ही शब्दों को आदर देता और ना ही भाषा से संबंधित लोगों को सम्मान देता है
3. शब्दों से हमारा उद्देश्य स्पष्ट होता है
4. शब्दों की मार शायद ही कोई मनुष्य सहन कर पाता है
5. आप के कहे शब्द ही किसी भी रिश्ते को जोड़ सकते हैं और किसी भी रिश्ते को तोड़ सकते हैं
अक्सर किसी की आलोचना करना और उसे लज्जित करना उसे नीचा दिखाने की कोशिश करना ये सही दिशा नहीं है क्योंकि जब भी कोई किसी व्यक्ति की आलोचना करता है तो उस व्यक्ति के अंदर इतनी कुंठा जाग जाती है की व्यक्ति आलोचना करने वाले को अपना दुश्मन समझने लगता है उसे लगता है की उस व्यक्ति ने उसके स्वाभिमान को आहत कर दिया है जिससे सदैव परिस्थितियां बिगड़ जाती है अगर आप किसी की आलोचना करके खुश नहीं हैं फिर भी आप उसकी आलोचना कर रहे हैं ताकि व्यक्ति की जो कमियां हैं उसमें सुधार हो सके तो ये आलोचना तो नहीं कही जाएगी बल्कि सुधार की एक प्रक्रिया ही कहलाएगा अगर किसी को आलोचना करने में मजा आता है और आलोचना करना उसका स्वभाव ही बन जाए तो उसे जल्द ही अपनी आलोचना इससे भी बुरे तरीके से सुननी पड़ सकती है क्योंकि हमेशा ऐसा ही होता है इसलिए किसी की भी आलोचना से बचें क्योंकि भविष्य में वो व्यक्ति आप के काम आ सकता है अगर आलोचना करनी ही है तो उस व्यक्ति के सुधार की प्रक्रिया के रूप में उसे कार्यान्वित करे
1. किसी की आलोचना करने से पहले व्यक्ति की परिस्थितियां को भी भलि भांति समझना चाहिए
2. व्यक्ति की आलोचना करने से बेहतर है उसे सुधारने का प्रयास किया जाए
3. आलोचना करते वक्त व्यक्ति के स्वाभिमान को कभी ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए
4. अगर आलोचना करने से कोई कमियों को सुधार लेता है तो वह व्यक्ति प्रशंसा का पात्र बन जाता है
5. आलोचना लोगों को समझाने के लिए करें ना की आनंद के लिए
मन में जब बैर और द्वेष की भावना होती है तो हम स्वयं के ही दुश्मन बन जाते हैं जाने अंजाने में हम स्वयं का ही नुकसान करते रहते हैं जिससे हम खुशहाल वातावरण का गला स्वयं ही घोंट देते हैं मन में द्वेष रखने के लिए ये जीवन नहीं मिला है क्योंकि अगर मन में किसी के प्रति बैर है तो उसे जल्दी ही दूर कर लेना चाहिए अगर हम ऐसा नहीं करते तो वो बैर समय के हर दिन के साथ बढ़ता ही चला जाएगा और एक दिन ऐसा आएगा की मन के बैर के सामने जीवन भी बहुत छोटी लगेगी इसलिए मन में द्वेष रखना ठीक उसी प्रकार व्यर्थ है जिस प्रकार बिना किसी मकसद के जीवन जीना
1. हम अपने आस-पास के माहौल का निर्माण स्वयं करते हैं
2. मन में बैर रखने से सदा आस-पास का माहौल खुशनुमा तो नहीं रहेगा
3. मन में बैर रखने से बेहतर है उस व्यक्ति से बात करके आपसी मतभेद मिटाया जाए
4. हम जैसी सोच रखेंगे हम बिल्कुल वैसा ही बन जाएंगे
5. सदैव माफ करने की भावना ही किसी मनुष्य को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है और सदा बैर रखने की भावना मनुष्य को मानसिक रूप से कमजोर बनाती है
सच्चे ईमानदार और मेहनती बनने से हमारा चरित्र सभी लोगों के सामने खुली किताब की तरह होती है जिसे कोई भी पढ़ सकता है और आसानी से उसपर भरोसा करता है झूठ बोलकर कितना भी आगे तेजी से बढ़ा जाएं मगर कुछ दूरी पर झूठ पर ब्रेक लगनी ही है और सच भले ही धीमी गति से चले मगर वो जीवन भर आगे की ओर बढ़ता जाएगा सत्य ईमानदारी पर ब्रेक भी अपना प्रभाव नहीं दिखा पाती क्योंकि ब्रेक में इतनी क्षमता ही नहीं होती की सच और ईमानदारी के रफ्तार को रोक दे बेईमानी से प्राप्त की गई वस्तु कभी सुख की अनुभूति नहीं दे सकती जबकि ईमानदारी से प्राप्त वस्तु सदैव सुखद एहसास दिलाती रहती है
1. बेईमानी अस्थाई है
2. ईमानदारी और मेहनत स्थायित्व प्रदान करता है
3. ईमानदारी और मेहनत का फल जीवन भर प्राप्त होता है
4. बेईमानी का फल क्षणिक बस कुछ क्षण के लिए होता है
5. बेईमानी जितनी जल्दी फल देता है उतनी ही जल्दी सब-कुछ वापस ले भी लेता है जबकि ईमानदारी देर से फल देता है और सदैव जीवन भर फल देता रहता है
1. सही काम को करने के लिए सही वजह का होना अत्यंत आवश्यक है
2. अपने लक्ष्य को बनाना और उसे हासिल करना
3. सदैव जीवन में अपने विचार और चरित्र में निरंतर सुधार करना
4. सदैव मुस्कुराते हुए रहना चाहे परिस्थितियां कैसी भी क्यों ना हो
5. हर चीज को देखने का नजरिया सदैव उत्साह जनक एवं सकारात्मक रूप में होना चाहिए
6. हां मैं कर सकता हूं इस भावना को प्रबल बल देना
7. सदैव योजना तैयार रखना किस प्रकार से सफलता प्राप्त की जाए साथ ही एक बैकप योजना भी तैयार रखना
8. सदैव ईमानदार एवं मेहनत के प्रति समर्पित होना
9. हर परिस्थितियों में भी अवसर को तलाश करने का नजरिया होना
10. अपने विचारों पर सदैव काम करने के लिए तत्पर रहना
11. हमेशा अपनी कोशिशों पर विश्वास रखना
12. किसी भी कार्य को तुरंत करने की आदत डालना
13. सदैव बहाने बनाने से बचने की कोशिश करना
14. लोगों का सम्मान करना हर वर्ग के लोगों का
15. स्वयं को भेदभाव से दूर रखना
16. सदैव सबके बारे में अच्छा सोचना
17. अपनी सोच को समय के साथ-साथ विकसित करना
18. अपने आस-पास के माहौल में सुधार करने की कोशिश करना
1. सबसे पहले लोगों को समझें
2. उनके अच्छे बुरे परिस्थितियों का आंकलन करें
3. उनकी कमियां को खोजें फिर उन कमियों को सुधार कर सकते हैं उसे तलाश कर खुद के जीवन में इसका उपयोग करें
4. सदैव ये देखें की लोग आपसे क्या चाहते हैं उनकी भावनाओं की कद्र करें
5. सही दिशा की तलाश करें
6. हर अवसर के प्रति सजग रहें बेहतर अवसर को पहचाना सीखें और उसका उपयोग जीवन को बेहतर बनाने के लिए करें
7. लोगों की भीड़ में खुद की एक अलग पहचान बनाने की कोशिश करें
8. सबके साथ सही तालमेल बैठाना सीखें
9. मुस्कुराहट की ताकत का इस्तेमाल करें
10. कारण और परिणाम को भांपना सीखें
11. बाधाओं से लड़ना सीखें
12. सफल होने के लिए काम करें पैसों के लिए नहीं
13. किसी भी कार्य की सही शुरुआत करना सीखें
14. फल की प्रतीक्षा करना सीखें अर्थात धैर्य रखना सीखे
15. हर कार्य को सीखने के उद्देश्य से करें
16. अपनी गलतियों के लिए स्वयं अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करें ना की किसी और पर इसका दोषारोपण करें
17. जीवन में हो रहे परिवर्तन को खुले दिल से स्वीकार करें
18. उस तरीके पर ज्यादा ध्यान दें जिससे लोग आप का काम खुशी से करें
1. सबसे पहले ढृढ़ता पूर्ण आत्मविश्वास होना चाहिए
2. केवल कार्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए
3. कार्य को करते रहना चाहिए बिना रुके हुए
4. व्यवहार मिलनसार होना चाहिए
5. मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए
6. सदैव जिज्ञासा बनाएं रखना चाहिए
7. अपने हर कार्य और फैसले पर विश्वास करना चाहिए
8. खुद से और दूसरों से प्रेम करना चाहिए
9. जीवन में सदैव संतुलन बनाए रखना चाहिए
10. जीवन को सुरक्षित बनाएं रखने के लिए कार्य करना चाहिए
11. पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर काम करना चाहिए
12. सकारात्मक माहौल बनाने के लिए सबसे अच्छे तरीके को खोजना चाहिए
13. जीवन में स्वास्थ्य के महत्व को समझते हुए कार्य करना चाहिए
14. सदैव मानसिक तनाव से दूर रहने की कोशिश करना चाहिए
15. जीवन में दुःख के मूल कारणों को समझना चाहिए और उसे दूर करने के उपाय पर कार्य करना चाहिए
16. शब्दों का सही उपयोग करना चाहिए
17. खुद के भीतर नेतृत्व की क्षमता को विकसित करना चाहिए
18. सदैव कोशिश करते रहना चाहिए
1. मनुष्य को सफलता मिलती है निरंतर प्रयास करने से
2. दूसरों की भावनाओं का सम्मान करने से
3. रिश्तों को सच्चे मन से निभाने से
4. किसी का उपहास नहीं उड़ाने से
5. किसी को नीचा दिखाने की भावना से दूर रहकर
6. सदैव मुस्कुराते रहने से
7. हर रोज ईमानदारी पूर्वक कार्य करने से
8. दूसरों की बातों को ध्यान से समझने में
9. सदा विनम्रतापूर्वक व्यवहार करने से
10. काम अधिक करने में विश्वास रखने में और बोलने में कम विश्वास रखने में
11. सत्य और झूठ को परखने में निपुणता होने में
12. सच्चे ईमानदार होने से
13. मन में किसी के लिए दुर्भावना नहीं होने से
14. सबका भरोसा कायम रखने में
15. सबके लिए शुक्रगुजार होने में
16. अपने किए वादे को पूरा करने में
17. किसी की भी बुराई करने से बचने में
18. बेकार की बहस में नहीं उलझने में
19. जब गलती करे तो उसे स्वीकार करने में नहीं झिझकने में
20. चापलूस मंडली से सदैव खुद को दूर रखने में
21. कुछ भी कहने से पहले सामने वाले की बातें ध्यान से सुनने में
22. सदा मानवता के धर्म के पालन में
23. सबके सफलता बारे में सोचने की भावनाओं की शुरुआत से
24. जिम्मेदारी को खुशी-खुशी स्वीकार करने मे
25. जीवन में सभी वर्गो के लोगों से लगातार सीखते रहने में बिना ऊंच नीच का भेद किए
हौसला रख समाधान पाएगा
जटिलताओं मे भी सम्मान पाएगा
लक्ष्य पर तू केवल ध्यान लगा
इस दफा तू दिलो जान लगा
हर लक्ष्य को तू आसान कर
अपनी मंजिल का तू ध्यान कर
तेरी कोशिश से समस्या का हल निकलेगा
सूखे रेगिस्तान मे भी जल निकलेगा
मेहनत की लकीरें तू वक्त पर खींच दे
बंजर पड़े किस्मत को तू हौसलो से सींच दे
खुद की हिम्मत की चिंगारी सुलगा ले
अपनी मेहनत की आग लगा ले
हवाओ के मुख को भी तू मोड़ दे
नाकाम हो जाएगा ये जिद्द छोड़ दे
तू नाकामियों के पथ को छोड़ दे
खो चुके सबके हौसलो को तू उड़ान दे
उदास परे चेहरे को मुस्कान दे