सूरज हमेशा चमकता रहेगा कोई काला घना बादल उसे कुछ देर के लिए उसका रास्ता बस अवरुद्ध कर सकता है लेकिन सूरज को रोक नहीं सकता है इतना सामर्थ्य इन घने काले बादलों में कहाँ जो जग को रौशन करने वाले सूरज के विजयी रथ का रास्ता रोक ले सूरज खुद ही दहकता हुआ भीषण आग है सूरज का जो भी रास्ता रोकेगा उसे सूरज की आग में जलना होगा उसे भष्म होना ही होगा बादल को सूरज की गर्मी से बिखर कर बूंद बूंद में धराशायी होकर आसमान से सीधे नीचे गिरना होगा
इन काले घने बादलो को गुमान है
पर चमकना ही सूरज की पहचान है
कौन रोक सकता है भला रास्ता सूरज को
बाधाओं को जला डालना ही सूरज की शान है
ऐ घने काले बादलो सूरज के रास्ते से हटकर ही रहना वरना वर्षा की बिंदू में तुम्हे बिखरना ही होगा क्योंकि सूरज का आने का समय होने ही वाला है उसकी आने की आहट से चिड़िया मंगल गान गा रही है हवाओ में भी हलचल है मौसम भी बदल रहा है हर ओर जैसे त्योहार सा उत्सव हो रहा हो जैसे ये उसके स्वागत की तैयारी हो रही है क्योंकि सूरज अब आ रहा है
आधे रास्ते से ही लौट आये कभी सीमाओं के कहाँ पार गये
हर बार अपने सामर्थ्य को छोड़कर भागते रहे इधर उधर
कायरों की सूची से कहाँ अब तक एक बार भी
खुद को खुद से तार गये
वो तो साधारण सा लक्ष्य के बोझ को छाती पर लिए
इस दुनिया के भी पार गये
कैसे कहे कोई जीत हासिल की हो उन्होंने
वो तो खुद से ही खुद को हार गये
अपनी तम्मनाओं की पूरा करने चले थे हौसलो को साथ लिए
फिर ऐसा क्या हुआ जो अपने सपनो की खातिर
अपने ही खुद के हौसलो को संहार गये
जीत के लिए निकले थे वो फिर क्यो वे हार गये
फिर क्यो वे हार गये