मै पिजरे मे बंद एक पंक्षी की तरह हूँ|Unique Emotional Poems in Hindi 2022

पिंजरे एक दिन टूट जाएंगे मेरे हौसलो के सामने

मुझे लगता है मै पिजरे मे बंद एक पंक्षी की तरह हूँ

जिसने हर मौसम को अपनी आंखों से 

पिंजरे मे कैद होकर देखा है

लेकिन अब मै इस पिंजरे से आजाद होकर

हर मौसम को खुलकर जीना चाहता हूँ

मुझे उड़ने दो मुझे कैद मत करो

मुझे जाने दो मुझे मत रोको

मुझे बहुत दूर जाना है

बादलो के भी उस पार 

एक बहुत लम्बा सफर अभी बाकी है

मुझे खुलकर उड़ने दो

मेरा कोई ना जाने कब से इंतजार कर रहा है

लालच अहंकार खुद को श्रेष्ठ समझने का जो पिंजरा है वो खुशियों को अंदर आने नहीं देता

मुझे उसके पास जाना है

मैंने उससे वादा किया था मैं वापस आऊंगा

मुझे उसके साथ फिर से उन लम्हों को दूबारा से जीना है

जीवन मे जो कुछ भी पीछे छूट गया था

मेरी आत्मा कब से प्यासी है उसके लिए

मुझे वापस से वहाँ पर पे जाने दो

मेरा अंतर्मन मुझ से कह रहा है

उसे फिर से जीना है मुझे

मुझे मेरे उस पागल दिल की धड़कन दूबारा से सुननी है

जिसकी हल्की सी आवाज आज भी 

कही न कही मेरे कानों मे गूंज रही है

मुझे मत रोको मुझे जाने दो

उड़ने के लिए जरूरी नहीं पंख होने ही चाहिए कभी -कभी हौसले से भी उड़ान भरी जाती है

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