कई मंजर देखे हैं मैने जीवन में कई रास्तो से गुजर चुका हूँ मैं
लेकिन मेरा हर रास्ता मुझे तुम तक ही लेकर आता है
मै किधर भी जाने की कोशिश करूँ लेकिन हर बार
मै लौटकर सिर्फ तुम्हारे ही पास आ जाता हूँ
ऐसा लगता है कोई डोर हमे
एक दूसरे से बांध कर रखती है हमेशा से
ये साथ आज का नहीं है
कई जन्मो का पुराना साथ है हमारा
मैने हर जगह तुम्हारी तलाश की है लेकिन
तुम हमेशा से मेरे सामने ही थी और
मै ही इसे देख नहीं पा रहा हूँ
मै तुम्हे अब कही जाने नहीं दूंगा
अपने नजरो के सामने से
मै तुम्हारा हाथ इतनी जोर से पकड़ कर रखूँगा
तुम चाह कर भी इसे छुराना नहीं चाहोगी
अब तुम्हे भी अब इसक एहसास हो चुका है
हमारे तुम्हारे इस अटूट बंधन का
जिसे तुम अब चाहकर भी नहीं तोड़ सकती
मै शायद वो पतंग हूँ जिसकी डोर अब
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे हाथ में है
मै भले ही पतंग हूँ लेकिन डोर तो केवल तुम ही हो
इस बार ध्यान रखना ये पतंग और डोर
आपस में अलग ना हो