मुझे लगता है मै पिजरे मे बंद एक पंक्षी की तरह हूँ
जिसने हर मौसम को अपनी आंखों से
पिंजरे मे कैद होकर देखा है
लेकिन अब मै इस पिंजरे से आजाद होकर
हर मौसम को खुलकर जीना चाहता हूँ
मुझे उड़ने दो मुझे कैद मत करो
मुझे जाने दो मुझे मत रोको
मुझे बहुत दूर जाना है
बादलो के भी उस पार
एक बहुत लम्बा सफर अभी बाकी है
मुझे खुलकर उड़ने दो
मेरा कोई ना जाने कब से इंतजार कर रहा है
मुझे उसके पास जाना है
मैंने उससे वादा किया था मैं वापस आऊंगा
मुझे उसके साथ फिर से उन लम्हों को दूबारा से जीना है
जीवन मे जो कुछ भी पीछे छूट गया था
मेरी आत्मा कब से प्यासी है उसके लिए
मुझे वापस से वहाँ पर पे जाने दो
मेरा अंतर्मन मुझ से कह रहा है
उसे फिर से जीना है मुझे
मुझे मेरे उस पागल दिल की धड़कन दूबारा से सुननी है
जिसकी हल्की सी आवाज आज भी
कही न कही मेरे कानों मे गूंज रही है
मुझे मत रोको मुझे जाने दो