मैने बहुत लोगों को देखा है सपने देखते हुए मगर मैने बहुत कम लोगों को उसे पूरा करते हुए देखा है सपने को पूरा करने मे समझदारी कहाँ कभी काम आयी है जिन लोगों ने समझदारी दिखाई उन्होंने कभी अपने सपने को पूरा नहीं किया है लेकिन जिन्होंने पागलपन और जुनून उन सपनो के लिए दिखाया है अक्सर उन्होंने ही तो अपने सपने को पूरा किया है
शेर कभी किसी की नहीं सुनता क्योंकि जब शेर दहाड़ता है तो लोग उसकी सुनते है और उससे डरकर दूर जाने की भी कोशिश करते हैं और यही बात उसे शेर बनाती है अगर वो शुरुआत से सब की सुनता आता तो वो आज शेर नहीं होता वो तो आज बकरी या कुत्ता बन जाता लेकिन उसका व्यवहार ही उसे शेर बनाती है क्योंकि शेर ने खुद की सुनी इसलिए दुनिया आज उसे सुनती है
रुकावटें मुश्किलें तो हर रास्ते पर होती है लेकिन अच्छा चालक वही होता है जो उन कठिन रास्तो पर भी कुशलता पूर्वक नियंत्रित चाल पर चलकर मंजिल पर सफलता पूर्वक पहुंचे सकता हैं
अगर सोना मिट्टी मे गिर जाए तो उसका भाव मिट्टी जैसा ही हो जाता है लेकिन जब उस पर से मिट्टी को हटाकर उसकी सफाई की जाती है तब कही जाकर वो फिर से चमकने लगता है और कीमती बन जाता है जिसे लोग सोना कहते हैं
जब आप खुद को दोष देगे तो सामने वाला व्यक्ति खुद को महत्वपूर्ण दिखाने की कोशिश करने लगेगा वह आपकी नजरो मे महत्वपूर्ण व्यक्ति बनना चाहता है जब आप खुद को दोष देगे तो सामने वाले के पास खुद को बेहतर दर्शाने का एक ही तरीका है वह दया और उदारता दिखाता है अगर आप ने कोई गलती की है तो खुद को दूसरे के कहने से पहले दोषी मानने लगे आप कहे मै जानता था ये गलत है फिर भी मैने गलती की मै बुरी तरह फंस गया मुझे पहले भी इस तरह की चेतावनी आप ने दी थी फिर भी मैने ऐसा किया मै अपनी गलती को स्वीकार करता हूँ कोई बहाना नहीं मै पूर्णतः दोषी हूँ तब सामने वाला आप से कहेगा कोई बात नहीं गलती सब से होती है ऐसा भी क्या हो गया जाने दो भूल जाओ इस बात को और फिर दोनों उस बात को भूल जाएंगे
अकेलेपन, निराशा के डर का एहसास बहुत घातक होता है जो आपको बेहद कमजोर बना देती है
जब आप किसी की समस्या मे रूचि लेने लगते है तो सामने वाला आप में रूचि लेने लगता है जैसे आप को कोई पालिसी बेचना है और बहुत प्रयास के बाद भी आपका पालिसी नहीं बिका तो आप उदास हो जाते है और अगर आप किसी के घर जाते है समय लेकर पालिसी बेचेने और आप वहाँ पर व्यक्ति की समस्या को आराम से सुनते है ध्यान पूर्वक बिना समय की परवाह किये बिना उसके बाद वह स्वंय ही आपकी पालिसी के बारे मे पूछेगा और खरीदेगा भी
दुनिया मे हर आदमी खुशी की तलाश मे है सुख और दु:ख का इस बात से कोई भी लेना देना नहीं होता की आप के पास क्या है आपके पास कितना पैसा है या आप कौन सा काम करते है समाज मे आपकी क्या स्थिति है आप सम्मानित व्यक्ति है या समाज से निष्कासित व्यक्ति है केवल एक ही चीज है जो सुख और दु:ख को प्रभावित करती है वो है आपकी सोच
अब जब आप किसी भी व्यक्ति की बुराई नहीं करते अब आलोचना करने के बजाय उसकी प्रसंशा करते है और सराहना करते है अब अपनी बात नहीं कहते आप क्या चाहते है बस सामने वाले व्यक्ति के नजरिये को पढ़ने की कोशिश करते है आपके जीवन मे आपके व्यवहार मे परिवर्तन अवश्य आएगा