Best Love Quotes in Hindi for Wife
तुम्हे देखता हूँ तो लगता है जिंदगी चल रही है
वरना बिना तुम्हारे जिंदगी ठहरी ठहरी सी लगती है
ऐसा लगता है सब कुछ ठहर सा गया हो
एक अजीब सा सूनापन होता है आस – पास
जो बहुत गहरे तक भीतर उतरती है
मै इस गहराई में डूबता ही चला जाता हूँ
मगर गहराई है की खत्म ही नहीं होती
तुम्हारे लिए कुछ फूल लाया था मै बगीचे से तोड़कर
ये फूल तुम्हारी तरह ही खूबसूरत है
ये फूल तुम्हारी तरह ही हमेशा महकते रहते हैं
पर इन्हें गुलदस्तो में मत सजाना
ये ऐसे ही अच्छे लगते हैं
इनकी खुबसूरती ऐसे ही बेमिसाल है
गुलदस्तो में ये अपना अस्तित्व खो देते हैं
फिर ये वो फूल नहीं रह जाते हैं
जो ये फूल हुआ करते थे
मासूम निर्दोष करूणा से भरे हुए
सबके लिए समान रूप से सुगंध फैलाने वाले
गुलदस्तो में जाते ही ये बहुत कीमती हो जाते हैं
फिर ना ही इनकी सुगंध सबके लिए उपलब्ध होती है
और ना ही हर कोई इन्हें अपने पास रख सकता है
कीमती चीज के लिए कीमत देनी पड़ती है
जो कीमत हर किसी के पास नहीं होता
इसलिए इन फूलो की सुंदरता से
तुम समझौता मत करना
इनके अस्तित्व को कायम रखना
इन्हें घर की शोभा बढ़ाने में उपयोग करना ना की
बाजारों में ऊंचे कीमत पर खरीदने वाले के लिए
ये फूल अब तुम्हारे है
इन फूलो को तुम्हे क्या करना है
ये फैसला मै तुम पर छोड़ता हूँ
मै अक्सर तुम्हे कुछ देना चाहता हूँ
कई बार मै बाजार गया
बहुत से दूकान के बाहर खड़े होकर ही
मैने दूकान के अंदर कोई कीमती चीज
तलाशने की कोशिश भी की
हर बार लगा जो थोड़े से पैसे मैंने
जमा किए हैं उससे तुम्हारे लिए
कुछ उपहार खरीद लूं
फिर हर बार लगा मेरा उपहार
कितना भी कीमती हो मगर
तुम्हारे सामने तो उसकी
कोई भी कीमत ही नहीं होगी
ये सोचकर मै दूकान के बाहर से
खाली हाथ हर बार लौट जाता हूँ
मै अक्सर सोचता हूँ तुम
इस कदर भागते रहे तेज गति से
मैने हर बार तुम्हे आवाज लगाई
लेकिन मेरी आवाज तुम्हारे कानो तक
गयी की नहीं अगर गयी तो
क्या एक बार भी तुम पीछे
मुड़कर देख ना सके मुझे
फिर मेरे पास इस सवाल का
कोई जवाब नहीं होता
शायद इसी वजह से मुझमें
हिम्मत नहीं होती की तुम्हारे लिए
मै कुछ खरीद सकूँ
बचपन से हमारी गणित अच्छी नहीं है
कभी हम ठीक से हिसाब ही नहीं लगा सके
क्या सही है क्या गलत है
क्या अच्छा है क्या बुरा है
हमारे लिए तो बचपन से सब सही ही था
सब अच्छा ही था
इसलिए जीवन की गणित में
हम पीछे रह गये
हमे जीवन को शायद गुणा करने ना आया
ना ही भाग लगाकर अनुमान ही लगा सके
हम तो बस जोड़ को ही बस
सबकुछ मान कर आगे बढ़ते रहे
मगर कब पीछे से सब कुछ घटने लगा
ये हमे पता ही ना चला और
जब पता चला तो बहुत देर हो गई थी
अब भी हमारी गणित कमजोर ही है
अक्सर हम लोगो को अपने
व्यक्तिव का प्रतिशत निकालते देखते हैं
फिर भी हमें लगता है ठीक ही है
हमारी गणित कमजोर है
जीवन को हमने जीने की कोशिश की है हमेशा
उसे गणित कभी नहीं बनाया