मैने तुम्हारी ना जाने कितने युगों तक तलाश की है
फिर कही तुम से मै मिल सका हूँ
अब ऐसा लगता है शायद ये वही युग है
जहाँ मेरी हर तलाश खत्म हो चुकी है
युगों की वो पीड़ा युगों का वो लम्बा सफर
युगों का वो अकेलापन
युगों का वो कभी खत्म ना होने वाला दुख
ऐसा लगता है अब सब शायद सदा के लिए खत्म हो जाएगी
मै मुक्त हो जाऊँगा सदा के लिए
इस तिलिस्मी चक्र से
उस जाल से जिसमें मै कब से फंसा हूँ
हर युग में तुम्हारे नहीं होने के बाद भी
मैने सिर्फ और सिर्फ तुम्हे ही तो जीया है
हर वक्त मेरे बीते हर एक पल में
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी ही छाप थी
बस तुम्हारी छाप थी
मेरे बीते हर युगों की हर एक धड़कन पर
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा ही नाम लिखा था
जो सिर्फ तुम्हारे लिए ही तो बस धड़कता था
सदा से और अब भी सिर्फ तुम्हारे लिए ही तो धड़़क रहा है
क्या तुम्हे मेरे दिल की धड़कन सुनाई दे रही है
जिसने तब भी तुम्हे बहुत आवाज लगाई थी और
अब भी तुम्हे कितनी आवाज लगा रहा है
अब देखना है क्या तुम मेरी आवाज को तुम सुनती हो
या फिर इन आवाजो को एक सिर्फ एक गूंज की तरह
खो जाने देती हो जहाँ से ये आवाज
कभी लौटकर तो नहीं आ सकती मगर
हमेशा ये आवाज गूंजती ही रहेगी बस
तुम्हे ही केवल तुम्हे ही पुकारती रहेगी
हर युग की तलाश सिर्फ और सिर्फ तुम ही तो हो