आज भी सूर्यमुखी की नजरें
आसमान पर ही टिकी हुई है
पिछले तीन दिनों से
सूर्यमुखी आसमान में
टकटकी लगाए देख रही है
सूर्यमुखी को आसमान में
घने काले बादलों के अलावा
कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है
लाख कोशिशो के
बावजूद भी सूर्यमुखी
सूरज को नहीं देख पा रही है
सूर्यमुखी का दिल बहुत बेचैन सा है
वो सूरज की एक झलक देखने के लिए
व्याकुल सी हो गई है
अब तो शायद सूर्यमुखी ने
भोजन का भी त्याग कर दिया है
सूरज काले घने बादलों से धिरा है
कई दिनों से बरसात रूक ही नहीं रही है
चार दिनों से
अब सूर्यमुखी का धैर्य जवाब दे गया है
सूर्यमुखी बहुत बदहवास हालत में निराशा से धिरी
आसमान को देख रही है तभी
आज पांचवे दिन बरसात रूक जाती है
घने बादल के बीच से सूरज बाहर निकल आता है
जिसकी धूप जब सूर्यमुखी पड़ पड़ती है तो
वो खुशी से झुम उठती है
वो तो इतनी हताश हो गयी थी कि
उसकी नजर आसमान में ही थी
सूरज उसके आंखों के सामने ही
काले घने बादलो को
चीर कर बाहर आया लेकिन
सूर्यमुखी को सूरज दिखा ही नहीं
लेकिन अब निराशा छट चुकी थी
सूरज आसमान में फिर से चमक रहा था
उसकी किरणें सीधे सूर्यमुखी को
स्पर्श करके चूम रही थी
सूर्यमुखी हवाओ के साथ
खुशी से लहरा रही थी और
सूरज भी सूर्यमुखी को देखकर कह रहा हो
मै जब उन घने काले बादलों से धिरा था तब
मुझे तुम्हारी चिंता सबसे ज्यादा सता रही थी
मै इन काले बादलों के बीच ऐसा फंस गया की
मै अपनी पूरी कोशिश करके भी
तुम तक नहीं पहुंच पा रहा था
मुझे इस बात का गम नहीं की
मै चार दिनों तक
काले घने बादलों में फंसा रहा बल्कि तकलीफ
इस बात की है की तुमने अपना क्या हाल बना लिया
तुम ये बात क्यों भूल गयी मै सूरज हूँ और
तुम्हारा नाम मेरे नाम से ही जुड़ा है
हम दोनो एक दूसरे से जुड़े हैं
फिर तुमने ऐसा हाल क्यों बना लिया
जब तक ये संसार रहेगा तब तक
सूरज और सूर्यमुखी की प्रेम कहानी अमर रहेगी
मेरी जिस धूप से लोग सह नहीं पाते
खुद को छिपाने की कोशिश करते हैं और
तुम उस धूप में भी दीवानी की ही तरह
मुझे देखती रहती हो
मै तुमसे वादा करता हूँ
मै एक दिन धरती पर जरूर उतर का आऊंगा
तुम्हे सदा सदा के लिए अपने साथ लेकर जाऊँगा