ये कौन रो रहा है जिसके आंसू
मुझे विचलित करते रहते हैं
ये किसकी सिसकियां है जो बेहद खामोश है
फिर भी मै इन्हें सुन लेता हूँ
मै उसकी आंखों की भाषा पढ़़ लेता हूँ
शायद ऐसा लगता है
कोई मुझे पुकार रहा है बेहद तकलीफ में
उसकी तकलीफ हर पल बढ़ती ही जा रही है और
मै बस खामोशी से उसकी बेहद ठंडी पड़़ चुकी
खामोशी की शायद हल्की सी आवाज सुन रहा हूँ
ये किसकी खामोशी है जिसका
शोर शायद बहुत तेज है
ये वो खामोशी है जिसमें तूफान सा शोर है
मै इस तूफान को नहीं रोक पा रहा हूँ
ये तूफान आखिर आ रहा है किस दिशा से
शायद मुझे उस दिशा का ज्ञान हो तो मै
इन सिसकियों को उन आंसुओं को थाम दूं