मै वहाँ जाना चाहता हूँ
जहाँ जाने के बाद
कही और जाने की इच्छा ही ना रहे
बस उस माहौल मे केवल खो जाना चाहता हूँ
जहाँ केवल शून्य ही शून्य हो
जहाँ से मै फिर से जीवन की एक
नयी शुरुआत कर सकूँ
जीवन के उन विभिन्न रंगों को खुलकर जी सकूँ
जिन रंगों से आज तक मै अछूता था
जहाँ कोई शोर- शराबा छल- कपट
का नामोनिशान ना हो
हो तो केवल प्रकृति की छांव
जिसमें मै सब कुछ भूल जाना चाहता हूँ
यहाँ तक की खुद को भी
मै यहाँ हर एक पल खुल कर जीना चाहता हूँ
यहाँ आकर बस मै यही का हो जाना चाहता हूँ
हमेशा-हमेशा के लिए
चट्टान और सैलाब
चट्टानों ने पानी के सैलाब को रोकने का फैसला किया है
पानी के सैलाब ने चट्टानों के बीच से
रास्ता बनाने का निर्णय लिया है
दोनों का फैसला एक दूसरे की परिक्षा लेने का है
मगर इस परिक्षा में विजयी वही होगा
जिसकी इच्छा शक्ति बेहद मजबूत होगी
क्योंकि अक्सर इतिहास वही बनाता है
जिसमें इच्छा शक्ति बेहद मजबूत होती है
क्योंकि जो ख्वाब दिल से देखे जाते हैं
उन ख्वाबों में बहुत ताकत होती है
जो इंसान को साधारण से असाधारण बना देती है