प्रेम क्या है ये कहानी शायद इसी तथ्य को उजागर करती है एक लड़का है जिसका नाम सूरज है उसे एक लड़की से प्रेम है उस लड़की का नाम रौशनी है
दोनों का स्वभाव बिल्कुल अलग है जहाँ सूरज रौशनी को दिलोजान से चाहता है वही रौशनी के जीवन मे प्रेम से भी बढ़कर कुछ है वो है दौलत जिसके पीछे वो हमेशा भागती रहती है उसके लिए शौहरत भी बहुत जरूरी है वो हमेशा इसके लिए प्रयास करती रहती है
रौशनी सूरज को पसंद करती है लेकिन उसकी हर एक पुकार को अनसुना कर देती है और सूरज रौशनी के साथ अपने भविष्य के सपने देखता रहता है वो चाहता है रौशनी हर हाल मे उसकी दुल्हन बने उसकी एक बेटी हो जिसके साथ वो जी भर के खेले वो दोनों को बहुत प्रेम देना चाहता है लेकिन दौलत पाने की धुन मे रौशनी इतनी व्यस्त हो चुकी है की उसके पास अपने सूरज के लिए अब समय नहीं है
सूरज रौशनी को हमेशा समझाता है की प्रेम ही असली दौलत है जो सदा रहने वाली है और दौलत तो बस जरूरत को पूरा करने के लिए है फिर भी रौशनी कभी सूरज की बातो का कोई महत्व नहीं देती
इस तरह से तीन -चार साल निकल जाते है सूरज को जब भी रौशनी की जरूरत महसूस होती तब रौशनी उसके साथ कभी नजर नहीं आती सूरज अगर आवाज भी देता है रौशनी को कहता मुझे तुम्हारी जरूरत है फिर भी रौशनी उस पुकार को सुनती जरूर है लेकिन फिर उसपर ध्यान नही देती एक बार रौशनी अपने काम से बाहर गयी हुए थी
तभी सूरज की तबियत बहुत खराब हो गई तबियत बिल्कुल नाजुक स्थिति मे पहुंच गयी सूरज को अस्पताल मे I. C. U मे भर्ती करवाना पड़ा सूरज को अब भी रौशनी की बहुत याद आ रही थी उसे लग रहा था शायद रौशनी कही से आ जाए उसका हाथ पकड़कर बोले सब ठीक है तुम ठीक हो जाओगे हम घर चलेगे सूरज बस यही सोचकर रौशनी को याद करता रहता उसके आंखो से आंसू बहते रहते आज सूरज की तबियत बहुत ही ज्यादा खराब हो चुकी थी उसने रौशनी को ये सूचना भी दी फिर भी रौशनी ने अपने काम पर ध्यान दिया उसने सूरज के खराब स्वास्थ्य को कोई महत्व नहीं दिया
अगले दिन सुबह- सुबह रौशनी को खबर मिली की सूरज अब नहीं रहा ये सुनकर उसे विश्वास नहीं हुआ उसने सूरज को फोन किया आज ना जाने कितने सालो बाद उसने सूरज के नम्बर पर फोन किया था लेकिन फोन किसी ने नहीं उठाया उसने सूरज को मैसेज भेजे मगर कोई जवाब नहीं आया
अब रौशनी को सूरज की याद आने लगी उसने सूरज के पास जाने का फैसला किया मगर जब वो अस्पताल में पहुंची तो सूरज को अंतिम संस्कार के लिए ले जा चुके थे
रौशनी को अब भी यकीन नहीं हो रहा था सूरज उसे छोड़ कर जा चुका था डाक्टर ने बताया सूरज अंतिम समय में भी वो रौशनी -रौशनी कह रहा था उसे यकीन था उसे देखने रौशनी आएगी लेकिन उसे देखने उसके घर वालो के अलावा कोई नहीं आया अब रौशनी जमीन पर घुटनो के बल बैठ कर रोती ही जा रही है आज उसे सूरज की बहुत याद आ रही थी जब की सूरज उसे छोड़कर जा चुका था
उसने सूरज के वो सारे मैसेज देखना शुरू किए जो सूरज ने उसे भेजे थे आज रौशनी के आंखों से आंसू नहीं रूक रहे थे उसे सूरज की बहुत याद आ रही थी वो जानती थी सूरज हमेशा उसका ख्याल रखता था मगर उसने सूरज का कभी ध्यान नही रखा हमेशा पैसे के पीछे भागती रही उसे बहुत नाम कमाना था लेकिन आज उसे ये दौलत और ये नाम सब बहुत छोटे लग रहे थे उसे एहसास हो गया था उसने सूरज के साथ बहुत गलत किया सूरज बिमारी से नहीं मेरे ही कारण मरा है
उसे लगा रहा था कोई उसे उसका सूरज वापस लाकर देदे उसके बदले मे वो अपने सारे पैसे अपना नाम सब कुछ देने के लिए तैयार थी लेकिन काश जीवन मे ऐसा हो पाता रौशनी ने बहुत दौलत और नाम कमाया लेकिन अब उसकी असली दौलत जो थी उसे अब वो खो चुकी थी
प्यार को प्यार रहने दो तमाशा ना बनाओ
दौलत की ही चाहत है तो मुझे अपना ना बनाओ
क्या मिल गया दिलो से खेल के
मरा कोई आह ले कर बेचैनी में