सूनामी भी कुछ नहीं हि्दय में
उठे प्रेम के तूफान के आगे
सूनामी जब भी उठती है तो
अपने आप पास के जगहों
को बर्बाद करके तबाह कर देती है
लेकिन जब हि्दय में
प्रेम का तूफान उठता है तो
पूरा इतिहास ही बदल कर रख देती है
ये तूफान छोटे से जगह तक सीमित नहीं रहती
ये तो हर आने वाले युगों को भी हिलाकर रख देती है
क्योंकि हि्दय में उठे तूफान से
शक्तिशाली कोई भी शक्ति नहीं
ये वो ताकत है जो अपने खिलाफ बहने वाली
हर हवा के रूख को बदल कर रख देती है
हर किसी को उनसे बचना चाहिए
जिनके हि्दय में प्रेम का तूफान उठ रहा है
क्योंकि जब भी ये तूफान प्रचंड होगा
हर वो दीवार हर वो अस्तित्व
हर वो अंहकार हर वो लालच
हर वो क्रोध जो प्रेम के मार्ग में
पहाड़ बनकर खड़ा है
उन सबको ध्वस्त होना होगा
टुकड़े टुकड़े होकर बिखर कर
हर दिशा में निरस्त होकर
प्रेम के कदमों के आगे बिछना होगा
प्रेम में उठना वाला तूफान तो
सूनामी के भीतर भी खौफ पैदा कर दे
क्योंकि प्रेम में जो तूफान उठता है
वो महज भावनाओ की तड़प नहीं होती
वो तो हि्दय में बसने वाले भगवान की तड़प होती है
और भगवान से शक्तिशाली कौन भला