बहुत देर मैने सोचा आज क्या लिखूँ
फिर लगा आज पन्ने को खाली ही रहने देते है
क्योकि जब भी मै कुछ लिखता हूँ तो
हवा आकर पन्ने को पलटा देती है
सोचता हूँ तभी कुछ लिखूँ पन्ने पर
जब हवा पन्ने को पलटा ना सके
मेरे शब्दों मे इतनी ताकत हो
ताकि हवा के तेज थपेड़ो से मेरे शब्द लड़ सके
मेरा लिखा शब्द इतना हल्का ना हो
जो हर बार पन्ना पलट जाए
इसलिए मैने पन्ने को खाली ही छोड़ दिया
मै एक बार किसी आयोजन मे गया
वहाँ मुझे विशेष रूप से भोजन पर बुलाया गया था
मैने वहाँ भोजन किया फिर घर आया
लेकिन फिर भी मै भूखा था
फिर मैने याद किया मैने वहाँ क्या- क्या खाया
फिर भी मै भूखा क्यो हूँ मै ये सोचने लगा
फिर लगा वो ऐसी जगह थी जहाँ
शायद ऐसी हवा बह रही थी
जिसमें फर्क कर पाना मुश्किल था
की ज्यादा भूख किसकी थी
खाने की भूख थी या दिखावे की भूख
शायद मुझे इन दोनों में किसी की भूख नही थी
फिर भी मैंने वहाँ भोजन किया
उसके बाद भी भूखा रह गया