मै हर रोज प्रेम के घोड़े पर सवार होकर दूर तक सफर करता हूँ
तुम्हारी तलाश में मै दूर बहुत दूर तक निकल जाता हूँ
हर रोज ऐसी कोई जगह नहीं है इस संसार में जहाँ मैने
तुम्हारी तलाश ना की हो फिर भी हर रोज मै खाली हाथ
लौट कर आता हूँ कहने के लिए तुम मेरे ही साथ हो
लेकिन तुम्हारी वो मुस्कान अब साथ नहीं है मेरे
उसकी ही तलाश में मै हर रोज निकलता हूं
दूर बहुत दूर फिर भी वो मुस्कान मुझे मिलती ही नहीं
पता नहीं वो मुस्कान रूठ कर कहाँ चली गई है
मै उसी मुस्कान को ढूँढकर मनाकर लाने के लिए
हर रोज एक लंबे सफर पर निकलता हूं
मै जल्द से जल्द उस मुस्कान को ढूंढ कर
हमेशा हमेशा के लिए उस लंबे सफर की
तलाश खत्म करना चाहता हूँ
जिस तलाश के अंत में जब मैं वापस लौट कर आऊँ
तो तुम मुझे पहले की तरह मुस्कुराते हुए
मेरे स्वागत में घर के बाहर खड़ी मिलो फिर
ये मुस्कान कभी दूबारा जीवन में कभी ना तुमसे अलग हो
तुम्हारी उस मुस्कान में मेरी भी मुस्कान सम्मिलित हो जाए
वो तुम्हारी मुस्कान सदा सदा के लिए
हमारे जीवन की खुशहाली का प्रतीक बन जाए