हम खुद ही खुद के भविष्य के निर्माणकर्ता होते हैं हमारे हाथों में ही ये होता है कैसे हम अपने आने वाले कल को सुरक्षित करते हैं या फिर खुद को हमेशा असुरक्षा की भावना में सदैव रखते हैं हमे अपने भीतर के भाव को लगातार सकारात्मक भावनाओं से प्रेरित करना चाहिए जिससे हमारे भीतर सकारात्मक बदलाव हो क्योंकि हम अपने भीतर इतनी शक्ति इकट्ठा कर चुके होगें जब हम असफल भी हो जाए तो हम एक बार अपनी सारी शक्ति को इकठ्ठा करके फिर लड़ सके क्योंकि भविष्य हमारा है वो किसी और का नहीं है तो उसकी सुधार की प्रक्रिया हमे ही करनी पड़ेगी बेहतर भविष्य के लिए सफलता एक सकारात्मक कार्य है क्योंकी प्रकाश का दीप तभी प्रज्वलित है जब हम एक नयी दिशा जो प्रकाश की तरह ही है उस पर आगे बढ़े प्रकाश का दीप तभी जलेगा जब हमारे भीतर का अंधेरा समाप्त हो जाएगा और इसे हम स्वंय ही समाप्त कर सकते हैं क्योंकि अंधेरा जितना घना होगा उतना ही भ्रमित मन दुविधाग्रस्त और तकलीफ में होगा अंधियारे को कैसे मिटाएं सबके संयुक्त प्रयास से ही हम इन अंधेरों को जो मन के भीतर है जिससे हम स्वंय प्रभावित तो होते ही हैं साथ-साथ हमारा समाज भी इससे प्रभावित होता है
जब हम कुछ अच्छा करने जाते हैं तो एक बार हमारे मन में ये विचार अवश्य आता है इसे करें कि ना करें कहीं इसकी सहायता करने पर कोई नुक्सान तो नहीं होगा भला किसी की सहायता करने से कैसे नुकसान हो सकता है ये तो हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम किसी की सहायता करें
सदैव ये देखकर दुखी रहना कि औरों के पास सुविधा के ना जाने कितने ही साधन है और हमारे पास कोई सुविधा के साधन नहीं है ये सोचकर दुःखी होने के बजाय हम प्रयास करें कि जो साधन हमारे पास नहीं है उसके लिए कैसे मेहनत कर सकते हैं और बिना मेहनत के दुनिया में कुछ नहीं मिलता और जिन्होंने मेहनत को अपना धर्म समझा उनके लिए मेहनत के बल पर संसार में सब-कुछ पाना संभव है
लोगो के साथ सदैव प्रेम से मिलना उनसे सदैव मित्रतापूर्ण व्यवहार करना क्योंकि हमारा व्यवहार ही हमारा परिचय देता है हम कितने शिक्षित और कितने सभ्य है सभ्यता विनम्रतापूर्वक ही प्रगति करती है जहां धृणा और नफरत हो ऐसी सभ्यताओं का सदैव अंत ही हुआ है
जो है आपके पास उसमें ही खुश रहना सीखें क्योंकि जीवन जीने की इससे बड़ी कला कुछ नहीं हो सकती है
आपने साधू और फकिरो को देखा होगा जो भिक्षा मांग कर जीवन यापन करते हैं अगर वो किसी के दरवाजे पर जाते हैं तो जिसने भिक्षा दी उसे भी दुआ देते है और जिसने भिक्षा नहीं दी उसे भी दुआ देते हैं हर हाल में अपने में ही मस्त और खुश रहते हैं सदैव मस्त और खुश रहें तनाव को खुद पर हावी ना होने दे
सभी पशुओं और जीव-जंतुओ का सम्मान करना चाहिए क्योंकि प्रकृति से बड़ा कोई नहीं है जब हम प्रकृति की दी हुई विरासत का सम्मान करेंगे उसकी देख रेख करेंगे तो सभ्यता विकसित ही होगी और अगर हम पशुओं को मारेंगे पेड़ काटेंगे तो वो समय दूर नहीं जब संसाधनों का अकाल पड़ जाएगा जो दृश्य बेहद ही भयानक होगा तो हम ऐसी परिस्थितियों को आने ही क्यों दे प्रकृति की विरासत को संभालकर रखना हमारा दायित्व है
जल का संरक्षण बहुत ही आवश्यक है पानी को हमें यूं ही बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योंकि आने वाले समय में पानी की समस्या हो सकती है क्योंकि पीने के पानी के स्रोत तेजी से घटते जा रहे हैं बहुत से जगहों पर सुखा की समस्या उत्पन्न हो गयी है अगर हम बरसात में पानी को बर्बाद ना होने दें उन्हें संरक्षित करके रखें तो भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटा जा सकता है
जो मानव जीवन को धीरे-धीरे करके खाती जा रही है वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण जल प्रदूषण वातावरण का स्तर अब धीरे-धीरे जहरीली होता जा रहा है जिससे मनुष्य को ना जाने कितनी ही नयी-नयी बिमारियों का सामना करना पड़ रहा है जो आए दिन एक नया जानलेवा वायरस आ जाता है और कितने ही मनुष्य को अपने साथ काल के मुंह में डाल देता हे इससे निपटने के लिए हमें प्रदूषण पर नियंत्रण करना ही पड़ेगा चाहे वो जल प्रदूषण हो वायु प्रदूषण हो या ध्वनि प्रदूषण
- हमे सबसे प्रेम और मैत्रीपूर्ण व्यवहार करना है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को एक ऐसा समाज मिले जहां प्रेम और सहयोग कि भावना प्रबल हो
- हमे सहयोग की भावनाओं पर बल देना होगा समाज मे जो शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए या फिर जो आर्थिक रूप से बहुत पिछड़ा है उसे एक सही दिशा देने में शारीरिक और आर्थिक रूप से सहयोग देना
- सड़क पर भूखे चाहे वो मनुष्य हो या कोई जीव पशु पक्षियों को पानी और भोजन देना जिन्हें सहायता की आवश्यकता है उसे सहायता देना
- पर्यावरण को बचाना पेड़ -पौधे को कटने से बचाना
- जो दुर्लभ प्रजातियां हैं जिनके अस्तित्व पर खतरा है उन्हे विलुप्त होने से बचाना प्रकृति बचेगी तभी तो हम सब बचेंगे
- छोटी-छोटी बातें बहुत बड़ा असर डालती है और छोटे -छोटे परिवर्तन बड़े बदलाव की ओर ही बढ़ते है
- एक सुरक्षित और सुखद भविष्य ही हमारी सच्ची आशाओं के प्रकाश का दीप है
- बेहतर भविष्य तभी संभव है जब सफलता के सही अर्थ का ज्ञान हो
- सफलता एक आजादी है हमारे नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से जो एक बेहतरीन भविष्य का निर्माण अपने चारों ओर करती है
- सफलता तभी सफल है जब आप चरित्रवान हो और आसपास के लोगों के लिए सकारात्मक पहल में भूमिका निभाएं
- एक बेहतर भविष्य के लिए हमें अपने वर्तमान को बदलना होगा
- भूतकाल को भूलकर वर्तमान में जीकर भविष्य का निर्माण संभव है
- सफलता एक आईना है जो हमारे अब तक के सारे सफर का प्रतिबिंब है
- सफलता की नींव सत्य और कर्तव्य के दो चक्के पर टिकी रहती हैं
- जब आप समाज के हित में काम ना करके समाज के अहित के लिए कार्य करें तो आप कि सफलता असफलता से ज्यादा कुछ नहीं
- चुनौतियां ही हमें सफल बनाती है
- विजेता सदैव सकारात्मक बातें करता है और एक नकारात्मक मनुष्य बिना प्रयास के सदैव किस्मत को दोष देता है
बेहतर भविष्य के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों के पालन करके हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं हमे सत्य त्याग प्रेम करूणा आत्मसम्मान लोगों के प्रति आदर प्रकृति का सम्मान कभी न हार मानने वाली भावना को जीवन में अपनाकर जीवन को एक बेहतर दिशा दे सकते है कुछ महत्वपूर्ण नियमों का सदैव पालन करके जीवन में खुशियों की वो सुबह ला सकते हैं जिसमे अंधेरी रात का आना संभव नहीं है हमें सदैव अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा मानवीय पहलू और प्राकृतिक पहलू से समायोजन करके हम बेहतर से और बेहतर नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ बन सकते है बस जो नियम सकारात्मक नियम है उनका पूरी ईमानदारी पूर्वक पालन करके हम सफलता प्राप्त करने में सक्षम है तब बाधाएं भी हमारे सामने बौनी नजर आएंगी आने वाले भविष्य की चुनोतियों के लिए तैयार होना हमें सबसे पहले खुद के भीतर चुनौती से लड़ने की भावना जगाने की आवश्यकता है क्योंकि हम चुनौतियों का सामना तभी कर सकते हैं जब हम मुस्कुराए हमे खुद पर विश्वास होगा क्योंकि संसार में आप से शक्तिशाली कोई नहीं है बस इस सोच के साथ हमे हर चुनौतियों से लड़ जाना है ताकि हम हार कर फिर से एक बार जीतने के लिए प्रयास कर सके और जीतने के लिए दिलोजान से तैयारी करने में जुट जाए हमें बस सकारात्मक सोच के साथ कार्य भी सकारात्मक तरीके से करना है हमे हर हाल में अपना आत्मसम्मान कायम रखना है हमे लक्ष्य बनाकर उस लक्ष्य को प्राप्त करने में जुट जाना चाहिए बस कुछ भी हो उन चुनौतियों के आगे हार नहीं माननी है हम अपने आस पास की हर उस व्यवस्था को बदल कर रख देगे जो हमे पीछे धकेल रही है हमे अब खुद के व्यक्तित्व को उपर उठाने की जरूरत है बस इतना ही करना हैराह में बाधाएं तो होगी ही उससे लड़ने के लिए हमे कड़ी मेहनत हर हाल में करनी चाहिए तभी हम बाधाओं को पार कर पाएंगे जिससे हम आने वाले भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार हो सकेगें