![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/pexels-klaus-nielsen-6303762-770x1024.jpg)
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/tournament-g21d16b168_1920-1024x682.jpg)
साधारण से असाधारण जब कोई कार्य बेहद साधारण हो मगर उस कार्य को इस खास तरीके से किया जाए की वो साधारण कार्य आसाधारण बन जाता है जैसे किसी भी कार्य को रचनात्मक सोच के साथ करने की उसके लिए कम से कम हमारे अंदर रचनात्मक सोच की योग्यता तो होनी ही चाहिए हमें किसी ऐसे खास तरीके के बारे में सोचना है की वो तरीका कार्य को करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं उदाहरण के तौर पर अगर हमे किसी के दु:ख से बाहर लाना है तो हमें उसके सुख के बारे में सोचना होगा समाज में हिंसा चोरी इत्यादि को कम करने के लिए हमें गरीबी को हटाने के मूल कारणों पर विचार करना होगा हमें हर साधारण क्रिया की गति को असाधारण स्तर तक बढ़ाना ही होगा हमें उपाय तलाशने ही होगे चाहे वो उपाय घर की स्थिति के लिए हो बाहर की स्थिति के लिए अपने रोजगार, समाज हर उस जगह के लिए उपयोगी हो जो शिथिल पर गयी है उस प्रक्रिया को गति देना होगा दोगुनी रफ़्तार से
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/trophy-g15937e5a9_1920-683x1024.jpg)
आप जिस चीज के बारे में जितना समझेगें आप उससे कहीं अधिक बेहतर योग्यता के अनुसार कार्य को करने में स्वंय ही सक्षम है क्योंकि जीवन में अधिकांश लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं कारण यह है की अगर हम जीवन मे स्वंय को सफल बनाने की कोशिश करे या कही ना कही खुद को सफल माने तो जीवन में सुरक्षा का भाव स्वंय ही आ जाएगा आप जिस चीज के बारे में जितना समझेगें आप उससे कहीं अधिक बेहतर योग्यता के अनुसार कार्य को करने में स्वंय ही सक्षम है क्योंकि जीवन में अधिकांश लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं कारण यह है की अगर हम जीवन मे स्वंय को सफल बनाने की कोशिश करे या कही ना कही खुद को सफल माने तो जीवन में सुरक्षा का भाव स्वंय ही आ जाएगा जब आप जीवन में किसी खास संभावित परेशानी को लेकर चिंतित रहते हैं तो आप स्वंय कही न कही उस संभावित परेशानी का हल निकालने में स्वंय सक्षम होते हैं लेकिन आप को इस बात की कही न कही इसकी आशंका रहती है नकारात्मक विचारों की कीमत हमें सदैव नुकसान के साथ चुकानी पड़ती है चाहे वो आर्थिक नुकसान हो पारिवारिक नुकसान है या सामाजिक, वित्तीय नुकसान इसलिए हमें भविष्य को अगर सुखद बनना है तो हमें आज अभी से ही हर चीज को साधारण से असाधारण की ओर ले जानी होगी
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/winner-g4449f2388_1920-1024x683.jpg)
जब हम अपने भीतर के गर्व को जागृत कर लेंगे जब हम जीवन के मूल्यों को समझने लगे जब अपने कर्तव्यों की जिम्मेदारी का एहसास करने लगे तब परिवर्तन होता है हर एक मनुष्य में इतनी क्षमता है की वो कोई भी असंभव कार्य को कर सकता है हम कैसे अपने पराजय को विजय में बदल दे
साधारण से असाधारण की यात्रा क्या है
- जब मनुष्य को उसकी क्षमता का ज्ञान हो
- जब मनुष्यो सत्य की राह को सदैव के लिए अपनाएं
- जब मनुष्य धैर्यवान बन जाए
- जब मनुष्य बुद्धिमान और शांतिप्रिय हो जाए
- जब दूसरे के बारे में चिंतन करें
- जब दूसरों के लिए जीये
- जब सबको सफल बनाने का निरंतर प्रयास करें
- जब कर्मों में मलिनता की जगह शालिनता हो
- जब मनुष्य हर क्षण क्षमतावान और ऊर्जावान रहे
- जब सबके भलाई के लिए कुछ ऐसा कार्य कर दें जो इतिहास बन जाए
- जब बिना किसी संसाधनों के भी अपने इच्छाशक्ति से एक अलग मुकाम दे
- खुद के प्रति अपमान की भावना को सम्मान में बदल दे
- जो सोचे उसे हर हाल में पूरा करें
- जो सबके लिए आदर्श बन जाए
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/thumb-gd50713abc_1920-1024x682.jpg)
वहीं तो साधारण से असाधारण बना कर इस संसार के सूर्य के समान ज्ञान रूपी ऊर्जा से प्रकाशित कर रहा है
साधारण से असाधारण के संबंध में
- जो समाज के सारे नैतिक मूल्यों से ऊपर उठकर समाज को नयी राह दिखाए वो मनुष्य साधारण नहीं होता
- असाधारण मनुष्य ही लोगों में ऊर्जा का संचार करता है
- असाधारण मनुष्य कभी नहीं थकता है
- जिसके कर्म में ही कल्याण हो वही असाधारण मनुष्य हैं
- साधारण मनुष्य सदैव सबको निराश करता है जबकि असाधारण मनुष्य किसी को भी निराश नहीं करता है
- जो मेरा है वहीं सबका है जो मेरी सफलता है वहीं सबकी सफलता है ये सोच ही मनुष्य को साधारण से असाधारण बनाती है
- जो अपनी अंतिम ऊर्जा का उपयोग मानव कल्याण में करें वो मनुष्य साधारण नहीं हो सकता
- जो अपनी मेहनत से तपकर सफलता प्राप्त करता है वही असाधारण है
- साधारण मनुष्य सदैव नकारात्मकता के बंधन से छूट नहीं पाते हैं जबकि असाधारण व्यक्ति सदैव सकारात्मक का प्रतीक होता है
- एक सकारात्मक व्यक्ति कभी किसी भी सभ्यता को खत्म नहीं होने देता है
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/win-g95cba2520_1920-1024x683.jpg)
जब मनुष्य को अपनी क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास हो जाता है तो वह साधारण से असाधारण बन जाता है वह नये परिवर्तन का आधार बन जाता है सदा सत्य के पथ पर सकारात्मक रुप के घोड़े पर बैठकर परिवर्तन का झंडा लहराते हुए आगे बढ़ता जाता है लक्ष्य प्राप्ति के लिए जो मनुष्य दिन रात काम करता है जो कड़ी मेहनत करता है सदा आशावान रहता है वही साधारण से असाधारण बनता है धरातल से पर्वत की तरह ऊंचा उठने लगता है और देखते ही देखते जग पर छा जाता है पेड़ पर लदे फल तोड़ने के लिए हाथ को ऊंचा करना पड़ता है तभी हमारा हाथ फल तक पहुँच पाता है ठीक इसी तरह जीवन मे कुछ हासिल करने के लिए अपने विश्वास के सहारे ऊपर उठना ही पड़ता है तभी तो जिस मुकाम की तलाश दिल मे है वो पूरी हो जाती है
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/quality-control-g8d44c39b8_1920-1024x698.jpg)
जाने साधारण से असाधारण बनने की तरकीब
हर किसी को लगता है वो मेहनत कर रहा है लेकिन उसकी मेहनत रंग नहीं ला रही है ऐसा क्यों लगता है आप जो कार्य कर रहे हैं उस कार्य में कुछ गड़बड़ी आ रही है बस जरूरी है की हमे बस अपनी योग्यता पर विश्वास करने की अपनी योग्यता में माहिर बनने का और अपनी गड़बड़ियों को ठीक करने का जो हो गया उसे आप बदल नहीं सकते मगर जो हुआ है उसके लिए अगर आपके अंदर खुद की गलतियों ही उसकी वजह है इस जिम्मेदारी को लेने का साहस है तो यकीन मानिए इस बार आपने दिल से प्रयास किया तो आप को सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता है जब आप अंदर से सुधार में विश्वास करने लगते हैं और बाकी कोई भी चीज आपको प्रभावित नहीं करती है सिवाय बस आपके लक्ष्य के लिए तो आप साधारण से आसाधारण की यात्रा की शुरुआत कर देते हैं हम जब अपनी क्षमताओं को अपने विश्वास से बढ़ाने लगते हैं तो हम ज्यादातर लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी से काफी ऊपर उठने लगते हैं
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/pexels-emma-li-6381482-1024x694.jpg)
साधारण से असाधारण कैसे बने
साधारण से असाधारण हम तभी बन जाते हैं जब हमे अपनी गलतियों का पश्चाताप होता है और हम उस पर वाकई मे कार्य करने लगते हैं जब हम अपनी गलतियों के बोध से बाहर आते हैं तो हम स्वत: ही आर्थिक साक्षर होने लगते हैं, जब हम अपने खुद के काम पर पूर्णतः ध्यान केंद्रित करने लगते हैं, जब हम बिना समय गवाएं किसी चीज की बस शुरुआत कर देते हैं जब हम बाधाओं को पार करना सीख जाते हैं जब हमारा ध्यान जीवन में पैसो से ज्यादा सीखने पर होता है तो हम स्वत: साधारण से आसाधारण बनने लगते हैं
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2021/12/pexels-pixabay-414029-1024x683.jpg)
एक साधारण इंसान से असाधारण व्यक्ति बनने तक
एक साधारण इंसान का नजरिया हमेशा कमियो पर होता है लेकिन एक असाधारण इंसान उन कमियां के लिए अपनी जिम्मेदारी लेता है जब तक वह वास्तविक रूप से इसे स्वीकार कर लेता है ये उसकी ही गलती के वजह से उसकी स्थित चिंता जनक है और फिर वो इसे दूर करने के लिए पूरे दिल से जुट जाता है तो उसका नजरिया सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है एक साधारण इंसान कभी भी किसी के सामने झुकना पसंद नहीं करता वो अपनी गलतियों को हर हाल में सामने वाले को हर हाल में सही साबित करना चाहता है लेकिन एक असाधारण इंसान जब -जब गलतियां करता है उसे अपनी गलतियों को खुले दिल से स्वीकार करना आता है इससे उसके जीवन में कभी भी सामने वाले के लिए और उसके लिए जीवन में कोई कड़वाहट नहीं आते जब हम रिश्तो में पूरी ईमानदारी दिखाते हैं तो वो रिश्ता साधारण से असाधारण बन जाता है एक साधारण इंसान सिर्फ खुद के बारे में सोचता है लेकिन एक असाधारण इंसान आपसी मेलजोल का महत्व देता है एक साधारण इंसान केवल लक्ष्य बनाता है जबकि एक असाधारण इंसान केवल लक्ष्य ही नहीं बनाता बल्कि उसपर कार्य भी करता है यही तो एक साधारण से असाधारण व्यक्ति बनने का सफर है
![](https://kunal9july.com/wp-content/uploads/2022/05/20220524_075311_0000-1024x576.jpg)