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जिस व्यक्ति में विश्वास होता है वो हर वो काम कर सकता है जिसके बगैर उसका जीवन बेमतलब हो तभी उस व्यक्ति के दिमाग में उस कार्य को करने की प्रेरणा आ ही जाती है कुछ पल जीवन में ऐसे भी आते हैं जब आपको लगता है सब कुछ खत्म हो गया आप हार गये शायद कही न कहीं आप पूरी तरह से टूट कर बिखर जाते हैं फिर कही से कुछ नजर नहीं आता है दूर दूर तक लेकिन एक हल्की सी आवाज आपके दिल में गूंजती है अगर तुम नहीं करोगे तो सब कुछ सचमुच में खत्म हो जाएगा अभी भी तुम कर सकते हो कुछ ना करने से हार कर बैठ जाने से भला देर है की आप को देर से बात समझ आई आप ने देर से ही शुरुआत की यही सबसे महत्वपूर्ण है की आप ने निश्चय कर लिया है इसलिए आप हार नहीं मान सकते आप उठेगे लड़ेगे और जीतेगे यही आपकी असली पहचान है संसार की कोई भी बाधा आपके हौसले और हिम्मत से बड़ी नहीं है लोग भले आप का साथ छोड़ दे आप पर यकीन नहीं करे लेकिन आप खुद पर से अपना यकीन नहीं खो सकते जानता हूँ ये बहुत मुश्किल है बहुत कठिन है कहना आसान है जिन पर बीतती है वो जानते हैं लेकिन हर किसी के जीवन में ऐसा समय अवश्य आता है जब दो ही घटना उनके साथ घटित होती है या तो वे सदा के लिए अपने दर्द तकलीफ से जंग लड़कर अपने को संयमित रखकर अपने मन को नियंत्रित रखकर विजयी हो जाते हैं अपने लक्ष्य को पा लेते हैं इसके लिए उन्हें हर रोज ही कठिन आंतरिक पीड़ा से गुजरना होता है एक द्वंद चलती है मन में
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मन कहता है तुम नहीं जीत सकते तुम हार जाओगे समर्पण कर दो पीड़ा और तकलीफ उतनी ज्यादा नहीं होगी लेकिन समर्पण नहीं करोगे तो पीड़ा और तकलीफ हर कोशिश के साथ और भी बढ़ेगी लेकिन दिल कहता हैं पीड़ा तो सह ही रहे हैं अगर कुछ ना किया गया तो ये पीड़ा जीवन भर रूलाएगी तकलीफ और होगी तुम कर सकते थे लेकिन तुमने नही किया ये दंश सबसे ज्यादा चोट देगा उस हार के समर्पण की पीड़ा से भी कही ज्यादा जब तुम अपनी खुशियों के लिए ही नहीं लड़ सकते हो तो ये जीवन व्यर्थ ही हो गया
इसलिए हार का दंश झेलने से अच्छा है उस हार को जीत में बदल दो क्योंकि अक्सर बड़े से बड़े तूफान भी हिमालय से टकराकर लौट जाते हैं और हिमालय पर्वत अधिक होकर खड़ा रहता है जीवन में हिमालय की तरह अडिग बने निश्चल बने युद्ध अक्सर वही जीतता है जो युद्ध लड़ता हूँ युद्ध लड़े बिना
दूसरी घटना में आप पूरी तरह बिखर जाएंगे चाह कर भी वापसी नहीं कर पाएंगे क्योंकि आप वापसी करना ही नहीं चाहते हैं आप बस हार को लिए जीवन भर रोना चाहते हैं अपनी जिन्दगी को टूकड़े टूकड़े में बिखेरना चाहते हैं इसलिए पहली ही घटना की तरफ आपका रूख होना चाहिए
आप ये कैसे तय करेगे आप जीत गये या हार गए अगर आप युद्ध लड़ेगे ही नहीं तो आप कभी जंग नहीं जीत पाएगे चाहे वो जंग सम्मान की हो प्रेम की हो जीवन की है बिना लड़े आप हर जंग हार जाएगें मुझे विश्वास है की मै नहीं हारूँगा तो फिर कौन आपको हरा सकता है क्योंकि अगर आप हार गये तो हर उम्मीद हार जाएगी आपका हर सपना हार जाएगा जिसके लिए आप अब तक जीते आ रहे हैं
मौत से कहाँ डर लगता है हमे
हमें तो डर लगता है हारने से
जख्म और गहरे घावों से कहाँ डर लगता है हमे
हमें डर लगता है सपने टूटने से
सिर्फ जीत का एक ही दिन जीने से हमें कहाँ डर लगता है
हमें डर लगता है हार की पूरी उम्र जीने से
हमें अपना सब कुछ खोने से कहाँ डर लगता है
हमें बस डर लगता है सिर्फ तुम्हे खोने से
प्रतियोगिता जितनी भी बड़ी होगी आप को अवसर दिखाने का उतना ही मौका मिलेगा अगर आप ने प्रतियोगिता में भाग ही नहीं लिया तो आपका हुनर किस काम आएगा
सौ दिन घुट घुट कर जीने से अच्छा है एक दिन ही जीवन जीए लेकिन अपने शर्तों पर ना की किसी और के मर्जी पर
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मैंने देखा था अपना रथ काफी बड़ा और ऊंचा है वो रथ जो सोने सा चमकता है जिस रथ के जीत की लगाम मुझे ही थामनी है कब का रथ लग चुका था बस मै ही उस ओर देखता नही था क्योंकि एक बार मै इस रथ पर बैठ गया तो सब कुछ छोड़कर मुझे रथ को लेकर दूर बहुत दूर की यात्रा करनी पड़ेगी जहाँ से सिर्फ मै आगे जा पाऊँगा चाह कर भी कभी पीछे नहीं लौट पाऊँगा जो रथ जीत और खुशहाली के प्रकाश से सुशोभित है ये रथ बहुत शक्तिशाली और ताकतवर है जो सिर्फ और सिर्फ मेरा है जो मेरे लिए ही आया है ताकि यात्रा की शुरुआत मै जब चाहूँ तब कर सकूँ ऐसा लगता है अब कही न कहीं जिस रथ को मै देखना नहीं चाहता शायद आज उस रथ का ख्याल आ गया है उस रथ पर अधिकार तो मेरा ही है उस रथ पर कभी न कभी मुझे बैठना ही पड़ेगा आज नहीं कल
हार कर मैदान छोड़कर भागने से अच्छा है मै रथ के घोड़ो की लगाम खीचकर उस दिशा में जाऊँ जहाँ मेरे स्वर्णिम युग मेंरी कब से प्रतिक्षा कर रहा है