जीवन मे व्यक्ति के लिए नैतिकता का क्या महत्व है|How do you use moral values in everyday life?

नैतिकता मानवता की उच्च स्तरीय सीमा की सबसे चमकती हुई पूंजी है

किसी व्यक्ति के लिए नैतिकता का क्या महत्व है 

नैतिकता का मतलब है खुद के बोध से ऊपर उठ कर औरो की जिम्मेदारियों के लिए कार्य करना भले ही वो जिम्मेदारी पारिवारिक हो सामाजिक हो आध्यात्मिक हो पर अपने जिम्मेदारी का निर्वाह करना ना की उससे भागना नैतिकता है नैतिकता का सीधा मतलब जिम्मेदारी होता है सही और गलत के बीच के फर्क को समझने की जिम्मेदारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की जिम्मेदारी जो कुछ घटित हो रहा है उसपर ईमानदारी पूर्वक कार्य करने की जिम्मेदारी 

अच्छे बुरे की परख होना और उसके अनुरूप व्यहार करना नैतिकता है

अपने और अपने परिवार के लिए अपने समाज के लिए अपने देश के प्रगति हेतु सही कार्य करने की जिम्मेदारी अनैतिकता के संबंध में सच बोलने का साहस या कह सकते हैं अपने व्यक्तित्व में मूल्य पर पूरी तरह ईमानदारी पूर्वक खड़े उतरने की जिम्मेदारी अपने कर्मों के प्रति निष्ठावान बनना ही तो नैतिकता है जिसके द्धारा मनुष्य अपने जीवन को पूरी तरह से संतुलित एवं खुशहाल बना सकता है

जीवन के नैतिक मूल्य से आप क्या समझते हैं

आप अगर अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को समझते हैं तो सदैव सही दिशा में आप कार्य करेंगे क्योंकि आप को अच्छे से पता होगा है की अगर आप अपने नैतिक मूल्यों से भटकते हैं तो आप को इसके परिणामस्वरूप आपके हिस्से में दु:ख, तकलीफ और पश्चताप के सिवा कुछ नहीं बचेगा जीवन में नैतिकता का महत्व अपने कार्य को सही रूप से पूरा करना ही जीवन में नैतिकता की कसौटी है बिना नैतिकता के जीवन का अर्थ शून्य के समान है नैतिकहीन मनुष्य भटकाव में भटकता रहता है और कभी भी मानव मूल्यों के प्रति निष्ठावान और जागरूक नहीं होता जिससे जीवन भटकाव की दिशा में भटकती रहती है इसलिए नैतिकता है तो आप वास्तव में कर्मयोगी है 

खुद को खुद की प्रगति के लिए तैयार करना

नैतिकता के प्रकार

नैतिक मूल्यों के निम्नलिखित प्रकार है

  • दया का भाव मन में होना सबके लिए
  • जीवन में धैर्यवान होना दूसरे के प्रति
  • कार्य करने में  प्रति पूरी ईमानदारी 
  • गलती होने पर अपनी गलतियों को स्वीकार करना
  • किसी भी कार्य को पूरा करना बीच में न छोड़ना
  • अपने परिवार का भरण-पोषण करना
  • दूसरे की जरूरत का ख्याल रखना
  • अपना ध्यान रखना 
  • अनैतिकता के खिलाफ आवाज बुलंद करना
  • सदैव सत्य के मार्ग पर चलना
जो सत्य होता है वो सदैव सबसे अधिक तीव्र भी और सबसे अधिक विनम्र होता है

नैतिक शिक्षा क्या है 

जो शिक्षा हमे सही गलत का बोध कराती है हमारे हर किए कार्य का क्या परिणाम होगा नैतिक शिक्षा उसका मूल्यांकन बेहतर तरीके से हमे समझा देती है क्योंकि अगर आपके पास नैतिक शिक्षा का अभाव है तो आप अच्छे बुरे का फर्क करने में निपूर्ण नहीं हो सकते हैं

नैतिक शिक्षा आने वाले कल की सुहावनी सुबह की नींव है हम बच्चों को नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक बनाएंगे तो आने वाली एक पीढ़ी ऐसी भी होगी जो पूरी तरह से नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण होगी जिससे उन्हे अपने परिवार अपने समाज और अपने देश के विकास की जिम्मेदारी पूरा करने में कोई भी बाधा महसूस नहीं होगी क्योंकि नैतिक मूल्यों का ज्ञान ही उन्हें हर बाधा से मुक्ति दिलाएगा बच्चे अगर बचपन से ही नैतिक विषयों के बारे में अपने घर में अपने विद्यालय में सीखेंगे तो इसका प्रभाव उन पर अवश्य पड़ेगा उनके व्यवहार में शालिनता और बड़े के प्रति आदर और सभी के लिए प्रेम की भावना का विकास होगा जो हमारे आनेवाली पीढ़ियों का उद्धार करेगी

नैतिक मूल्यों का मानव जीवन में महत्व 

नैतिक मूल्यों से ही ज्ञान और प्रगति संभव है
  • नैतिकता मानवता की उच्च स्तरीय सीमा की सबसे चमकती हुई पूंजी है
  • नैतिक मूल्यों का ज्ञान हमें स्वाभिमान देता है
  • जो नैतिक जिम्मेदारी को जानता है वो मनुष्य कभी अभिमानी नहीं हो सकता है
  • जितने भी महापुरुष हुए हैं वो नैतिक मूल्यों के कीमती धरोहर है 
  • जहां नैतिकता है वहां सदैव शांति और प्रेम निवास करते हैं
  • जहां नैतिकता नहीं है वहां सदैव हिंसा और दुःख का राज होता है
  • जीवन में कर्मयोगी बनना है तो सदैव नैतिकवान बनो
  • 8. मनुष्य के कर्मों से उसकी नैतिकता का पता चलता है
  • 9. जो नैतिकवान है वहीं ज्ञानी है
  • 10. जीवन में नैतिकता का पाठ सदैव खुशहाली लाती है 

नैतिक मूल्य के स्रोत क्या क्या हो सकते हैं 

नैतिक मूल्यों के प्रमुख स्त्रोत हमारा परिवार जहाँ हम शिक्षा को ग्रहण करते हैं वहाँ पर हमे किस तरीके से भविष्य के लिए नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया जाता है ये आवश्यक है हमारा विधालय वहाँ की शिक्षा वहाँ के माहौल भी बहुत कुछ निर्धारित करतीं हैं नैतिकता का सीधा संबंध होता है ऐसी जिम्मेदारी जो खुद के लिए हो परिवार के लिए हो समाज के लिए हो देश के लिए हो जिसमें भागीदारी स्वयं ही निश्चित करना चाहिए क्योंकि इसमें जितनी अधिक हमारी भागीदारी होगी हम नैतिकता का सही अर्थ समझेंगे हम ये भी समझेंगे की जिम्मेदारी को निभाना ही नैतिकता की पराकाष्ठा है जिम्मेदारी जितनी हो उस जिम्मेदारी को हम एक बेहतर तरीके से निभाएं और अपनी नैतिकता से कभी मुंह न मोड़ें चाहे वो हमारे सामने किसी के साथ दुर्व्यवहार हो रहा हो तो उसे रोकना ही तो मनुष्य की नैतिकता है

हर सुबह और शाम हमे जीवन का महान पाठ पढ़ा कर जाती है

हर गलत व्यवस्था के खिलाफ सत्य के सुरक्षा हेतु  जिम्मेदारी आवश्यकता है जो नैतिक भी है और कल्याणकारी भी है समाज के प्रत्येक मनुष्य और पशुओं के प्रति भी हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और इसका विकास ही तो हमें ये अधिकार देता है की हम गर्व से खुद को आईने में देख सके तथा औरों को भी नैतिकता के प्रति जागरूक करें ताकि हमारे समाज का विकास भी हो एवं भविष्य की मजबूत आधार संरचना की नींव भी रखी जाएं मनुष्य को कभी भी अनैतिक पूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए सदैव नैतिकवान बनना चाहिए जिसका लक्ष्य स्पष्ट हो शांति प्रेम सौहार्द्र एवं सबके प्रति अपनी निष्ठा कायम रखना चाहे वो समाज हो देश हो या फिर मानवता हमने नैतिकता के जरिए जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ सीखा है जो हमें सदैव प्रगति और प्रसन्नता देगा

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