Sad quotes in hindi
1. कुछ करने के लिए कोई तो वजह चाहिए
यहाँ कुछ नहीं करने के लिए भी कोई वजह नहीं है
सब कुछ वजह से किया जाए ये भी मुमकिन नहीं
2. मुझे हार का दुख नही
दुख तो इस बात का है
मुझे हराने वाले अपने ही थे
3. घर मै अपने लिए बनाया था
लेकिन उस घर में रहने कोई और लगा
4. गम ने तेरे पास खुद चलकर आकर
बता दिया है तेरी हस्ती कितनी बड़ी है
5. मुझे माफ करने की आदत है
इसलिए आज सबसे बुरे दौर में हूँ
6. आंखों ने हर बार उन्हें देखा था
लेकिन अब वो कुछ और ही दिखते है
7. अजीब तमाशा बना कर रख दिया प्यार का
हर कोई मजे लूट रहा है आजकल
8. एक वो दौर था जब तुम करीब थे और
आज एक ये दौर है जब तुम दूर हो
वजह क्या है तुमसे भला बेहतर कौन जाने
अब तो हर अपने से भी मुझे डर लगता है
9. वो एक दौर था जब हम
बेवजह खुद को खो दिया करते थे उनकी खातिर
आज खुद को ही तलाशते फिर रहे हैं दर बदर
10. मै मर मर के जीना सीख गया
तुम्हे जीकर भी जीना ना आया अब तक
11. तुम तो आंखो से रोए पर
मै तो दिल से रोया तुम्हे रोते सब ने देखा
मुझे रोता किसी ने ना देखा
12. मैने तुम्हारे पास बेशुमार दौलत देखी
मगर अपना प्यार तुम्हारे पास नहीं देखा
अमीर कौन है इतना मुझे बता देना
जब भी फुर्सत हो तुम्हे
13. दर्द कितना किसे है आंसू उसका पता बताते हैं
हमारे आंसू सुख गये लगातार बहते बहते
अब शायद तुम्हे पता भी नहीं चलेगा
हम किस दौर से गुजरे है
14. भरोसा हमे अपने पर था ही कब
भरोसा तो हमे सिर्फ तुम्हारे ऊपर था
आज ना ही मै मै रहा और
ना ही भरोसा ही भरोसा रहा
15. दुनिया उजाड़नी ही थी तो
दुनिया बसाने का भरोसा ही क्यों दिलाया था तुमने
16. अपनी कहानी में है ही क्या
एक तुम्हारी कहानी के सिवा
वो भी कहानी अधूरी ही है आज तक
17. ये ना एक तरफा प्यार था
ये ना दो तरफा प्यार था
ये सिर्फ और बस प्यार था
इससे ज्यादा कुछ भी ना था
18. उनके आंसू ने हमें ही उजाड़ दिया
बची खुची कसर हमारे आंसुओं ने
हमे पूरी तरह से बर्बाद करके पूरी कर दी
19. जख्म तो हर कोई देकर जाता है इस शख्स को
कम से कम मरहम अपने लिए तो हो जाओ
20. फूल लेकर किसी को इधर आते कभी नहीं देखा
जो भी आया इधर कांटे ही अपने साथ लेकर ही आया
21. क्या खूब है ये भी बात जख्म देकर
कहते हैं ये तजुर्बा दिया है तुम्हे
बड़ी ही मासूमियत से लेकिन
हमे बेदर्द लगने लगे हैं वो अब तो
22. हर कोई बदनाम कर गया हमे
बदनाम हम तब भी नहीं हुए थे
जब उन्होंने भी हमे बदनाम समझ लिया
23. बर्बाद होना भी हुनर है प्यार में
हर कोई अगर प्यार में आबाद ही हो जाता तो
फिर प्यार भी आम रह जाता कभी खास नही बन पाता
24. हमने सपने में भी नहीं सोचा था तुम ऐसा करोगे
फिर हमारे लिए कुछ करने को फिर कुछ भी ना रह गया
25. हमने तो हमेशा तुमसे मोहब्बत की आस थी
अपना बनाने की ख्वाहिश थी पराया तो तुमने
ही तो बनाए रखा मुझे हमेशा
26. रात भर जागते रहे हम उनके इंतजार में
रात सो गयी मगर हम जागते ही रह गए
27. वो चांदनी थी आसमान की बहुत
रोका था मैने उसे काले घने बादलों में जाने से
28. समय ने हमें कहाँ ला कर पटका
जिन्हें हम अपने लिए सबसे आगे समझ रहे थे
साथ देने वालो में वही हमें सबसे पीछे नजर आए
29. दुख ने हमें मोहब्बत का मतलब सिखा दिया हूँ ही
बेवजह हम भ्रम में ना जाने कब से जीऐ जा रहे थे
30. हमने तो हर किसी के बुरे वक्त में साथ दिया था
उन सब ने ही मिलकर हमारा ही बुरा वक्त ला दिया
31. नफरत है तो खुल के कहो जहर देना ही है तो
एक बार में सारा दे दो आहिस्ता आहिस्ता से वक्त जाएगा जान नहीं जाएगी
32. बर्बाद करके क्या मिला तुम्हे
एक दिल ही तो था अपना अब वो भी हमें पराया नजर आता है
33. एक पल भी ऐसा नहीं था
जब तुम्हारे बिना जीया था मै
आज जी रहा हूँ पर वो पल कही खो गया
34. बहुत वक्त लगता है जख्म भरने में
जख्म देने में तो पल भी नहीं लगता है
35. दिल की गहराइयों में तुम थे
आज उन गहराइयों में हम ही डूबे हुए हैं
और तुम्हे तैरता देखा है हमने
36. घाव तुमने दिया है बहुत गहरा
जमाना बीत जाएगा घाव भरते भरते
37. हर किसी के तकलीफ और दर्द के अंत की सीमा है
एक हम ही है जिसके तकलीफ और दर्द के अंत की कोई सीमा नहीं है
38. कौन कहता है दर्द में सिर्फ तुम ही रोये थे
आंखे तुम्हारी थी आंसू हमारे बहे थे
40. ये कहानी प्रेम की कितनी दर्द भरी है
दर्द के अलावा इस कहानी में कुछ भी नहीं है
41. कितना कुछ किया मुझे तकलीफ पहुँचाने के लिए तुमने
तकलीफ मेरे लिए चाहिए था या मेरा प्यार चाहिए था तुम
पहले बता देते तो तुम्हे तकलीफ नही उठानी पड़ती इतनी
42. घर में आग लगी थी तुमने कुछ बताया भी नहीं और
चुपचाप निकल गए हमें आग की लपटों में घिरा छोड़कर
43. हम तो तुम्हे दिल में बिठाकर पलकों पर रखते थे
लेकिन तुम्हे बैठने के लिए प्रेम की पलके नहीं चाहिए थी
44. तुमने हमें ऐसी चोट दी की अब
उस चोट के आगे हर चोट बहुत कम लगती है
45. जरूरी नहीं की मै गलत हूँ
जरूरी नहीं की तुम सही हो
46. माना मै बुरी तरह हारा हूँ
मगर टूटा अब तक नहीं हूँ
47. मै हारा भी तुम्हारे लिए
मै जीतूँगा भी तुम्हारे लिए
48. लाख दुख झेल कर भी अगर मै टूटा नहीं तो
इन दुखों का अंत कभी न कभी जरूर होगा
कही ऐसा सूर्योदय जरूर है जो मेरी राह देख रहा है
49. माना मेरे जीवन में सिर्फ दर्द ही था
लेकिन उस दर्द को मैने हंसते रोते
मैने किसी ना किसी तरह से झेला था
उसे खुले दिल से जीवन में स्वीकार किया मैने
50. अगर दर्द का मतलब बिखर जाना होता तो
फिर इतिहास कभी कोई बनाता ही नहीं
51. जीत कितनी महत्वपूर्ण थी मेरे लिए मगर
जब हार मिली तो हार मिलने का शोक नहीं मनाया
हार को भी जीत की तरह ही मैने हर बार लिया जीवन में
52. माना तुम रोए आंसू मेरे थे अब जब
मै हंसूगा तो होठ मेरे होगे मुस्कान तुम्हारी होगी
53. माना तुम्हारे शरीर में बहुत से कांटे चूभे है
उस दर्द को मैने भी जीया है बड़ी शिद्दत से
54. दिन में जो रेत रेगिस्तान में जलाती है पैरो को
वही रेत रातो को ठंडक देकर जाती है
दुख जीवन में बेहिसाब दर्द देकर जाती है
लेकिन सुख के आने का कारण भी ये दुख ही होती है
55. कई राते गुजारे है मैने सिर्फ तुम्हे याद करके
किसी सुबह तुमको देख पाऊँगा
हर रात इसी सुबह के इंतजार में कटती है
मगर वो सुबह अब तक नहीं आई लेकिन
कही न कहीं मुझे यकीन है
एक सुबह ऐसी होगी जहाँ
मुझे तुम्हारा इंतजार ना रहे बल्कि
तुम मेरे साथ हो
जहाँ कोई इंतजार ना हो तुम्हारा
बस तुम साथ हो पास हो मेरे
फिर मै तुमसे कह सकूँगा तुम्हारे
इंतजार में मैने कितनी राते
सिर्फ और सिर्फ तुम्हे याद करके गुजारी है
मै नहीं जानता फिर तुम्हारा क्या जवाब होगा
मगर जो भी होगा मुझे पसंद आएगा
56. कुछ कमी रहती है जीवन में
कुछ नमी रहती है जीवन में
बिना तुम्हारे मुश्किल होगी जीने में
57. एक ऐसा दौर भी आए
जब मै कुछ भी ना कहूँ
और तू समझ जाए
58. ना दिन में राहत है
ना रातो को राहत है
तुम समझ जाओ ये दर्द
सच्ची चाहत है
59. क्या समझना और क्या समझना
इतना काफी है तुम मेरा दर्द
महसूस करते हो और मै तुम्हारा
60. दिल का जख्म इतना भी बड़ा ना था
जितना तुम्हारा रूठ के चले जाना
61. दिल वो जगह है जहाँ रब बसता है
तुम्हारे चले जाने से आज कल वो भी
खाली खाली महसूस करता है
62. ये कैसा दर्द था जो बेवजह मुझे मिलता रहा
मै तड़पता रहा और मरता रहा
63. तुम्हारा इतना कह देना साथ हूँ तुम्हारे
मेरे लिए इस जमाने को जीतने के लिए काफी था
तुम्हारा यूँ रूठ कर चले जाना
जिंदगी की हर जंग हारने के लिए काफी था
64. तुम ही बताओ मै क्यों हारा
ये सवाल मै खुद से नहीं तुमसे पूछता हूँ
65. तुम्हारी खामोशी शोर तूफान मचा देती थी दिल में कभी
आज हम अपने ही खामोशी के बोझ में ऐसे दब गए हैं
बाहर आने की लाख कोशिश करते हैं
मगर आ ही नहीं पाते हैं
66. किसने कहा तुम अकेले रोए
तुम्हे वक्त ने चुप करा दिया मगर हम
आज भी तो रोए ही जा रहे हैं हर दिन हर पल
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे ही खातिर
67. हमने कोशिश की दो कदम चलूँ
एक तुम्हारे जाने के बाद
कदम थे की इधर उधर ही भाग रहे थे
पता है तुम नहीं हो यहाँ फिर भी सिर्फ तुम्हे ही ढ़ूंढ़ रहे थे
68. अकेले रहने से डर लगता है मुझे
दिल को आदत हो गई है तुम्हारी
69. ऐसा भी एक दौर आएगा कभी सोचा नहीं था
मै जीयूंगा कम और मरूँगा मै हद से भी ज्यादा
70. मै तो जीतना तुमसे ही सीखा और
तुम ही मुझे हार का गम देकर चले गए
71. एक इंतहान ऐसा भी हो कभी जीवन में
ना तुम हारो और ना मै हारूँ
72. तुम्हे मेरी मोहब्बत की कसम है
तुम आज भी दिल पर हाथ रखकर कह दो
हां मै झूठा था
73. मेरा समय हमेशा तुम्हारे
आस पास घूमता ही रहा
तुम रोए मै रोया तुम हंसे फिर भी मै रोया
74. अगर तुम्हे खो दिया तो मेरे लिए कुछ भी नहीं बचेगा
सिवाए आंसुओं और दर्द के
75. कौन कहता है मै तन्हा था
तुम नहीं भी थे फिर भी तुम ही थे
76. तुम्हे क्या कहूँ मै समझ नहीं पाता
खुद को ही समझा नही पा रहा
तुमसे कहूँ भी तो कहूँ मै क्या
77. ये दर्द इतना दर्द दे गया की अब
जीने की वजह ये दर्द बन चुकी है
78. मै सच बोलू मै झूठ बोलू
मै कुछ भी ना बोलू मै अब करूँ क्या
तुम्हारे बिना इतना मुझे बता दो
बड़ा डरा हूँ इन तंहाई के लम्हो में
79. एक बार कह दो हां तुमसे बहुत प्यार है
शायद मै मुक्त हो जाऊँ अपने ही कैद से
80. तुम दिल तोड़कर मत जाना
मुझे छोड़कर मत जाना
भले ही मेरे प्राण ले जाना
वैसे भी मेरे प्राण तो मुझमें नहीं तुम मे बसते है
81. ये दिन भी हमे रात से भी भारी क्यों लगती है
रात का गुजरता एक एक पल सदियों सा महसूस होता है
82. मै हारूँ या जीतू ये तुम बताओ
अपना फैसला अब सुनाओ
83. तुम्हे अब भी याद है हमारी वो बातें
छोटे दिन थे लम्बी थी राते
84. हम तो तुम्हारे दिल के कैदी बनने आए थे
रिहाई तो तुमने हमारे दिल को बेवजह मुझे दे दी
85. मै तो कोई और ही हूँ जो
मै था वो अब भी तुम्हारे ही साथ है
86. ऐसा एक भी दिन मेरे जीवन में ना गुजरा होगा
जब तुम्हे हद से ज्यादा याद ना किया हो
87. हर रात के बाद सुबह होती है लेकिन
हमारे प्यार की सुबह का इंतजार मैने
ना जाने कितने रातो से कर रहा हूँ
88. कुछ तुम कहो कुछ मै कहूँ
दर्द तुमने सहा है दर्द मैने सहा है
कुछ तो अब राहत मिले हम दोनों को
89. ये प्यार हमारा आग के अंगारो से कम नहीं थी
रोज तुम भी जले रोज मै भी जला मगर इस
आग को हम दोनो ने बुझने नहीं दिया
90. तुम खामोश थे मै भी खामोश था
बस अपनी धड़कनो को एक दूसरे के लिए
धड़कते देखा एक दूसरे से बात करते देखा
91. उनकी तड़प ऐसे थी प्यार की
हम अब तड़प नहीं रहे थे बल्कि छटपटा रहे थे
ऐसा लग रहा था अब शायद मै बचूंगा की नहीं
92. किसी के लिए दुनिया प्यार से चले
किसी के लिए दुनिया नफरत से चले
हमारे लिए तो दुनिया उसके होने से चले
93. ये वहम है या हकीकत नहीं जानता
मैने सिर्फ उसे ही बस अपने सिरहाने के बगल सोते हुए देखा था
94. जख्म इतने मिले जीवन में अब तो
मरहम से मुझे डर लगता है
95. मौत को खामखां बदनाम कर रखा है लोगो ने
वफा तो मौत ही करती है जिंदगी तो वक्त पर ठुकरा देती है
96. काश शब्द कभी बीच में ना लाओ
ये तकलीफ जुदाई से भी ज्यादा देता है
97. हमारी गिनती बहुत कमजोर है ऐसा लोग कहते हैं
ना खोने का हिसाब था और ना पाने का ही हिसाब
98. तुम मुझे अपना बना लो मै तुम्हे दिल में बसा लेता हूँ
जहाँ तुम्हारा ही घर था यहाँ आज भी तुम्हारी ही तस्वीर लगी है
जहाँ आज भी तुम्हारा सामान बिखरा पड़ा है
99. रेत के टीले भी अब भी उस खण्डहर को संभाले है
जहाँ मोहब्बत ने आखिरी मुलाकात की थी
100. मै हर रोज तुम्हारे पास आता हूँ शायद
तुम कुछ कहो मुझसे लेकिन हर बार खाली हाथ चुपचाप लौट जाता हूँ
तुम ने अब तक नहीं कहा जो सुनने के लिए एक युग गुजार दिया मैने
101. कभी दो शब्द भी जीवन दे देते हैं
मर रहे रूहो को
102. तुम मुझे प्रकृति जैसी ही लगती हो जिसमें डूब कर
खुद को बस खोया जा सकता है
खुद को पाया नहीं जइ सकता है
102. तुम मुझे एक वजह बता दो
मै तुमसे प्यार क्यों नहीं करता
फिर भी मुझे दोष मत दो
103. मैंने खुद को नहीं बल्कि तुम्हे जीया है
अब मुझसे उन पलों का हिसाब मत मांगना
हो सके तो ये जीने का हक हमेशा हमेशा के लिए
कभी मुझसे छिनना मत
ये हक हमेशा के लिए दे दो मुझे
104. मै तुम से बिछड़कर जान गया
मै बिछड़ा तुमसे नही बल्कि खुद से बिछड़ गया था
105. मुझे कोई पसंद करे या ना करे कोई गम नहीं
तुमने भी नापसंद किया तो इससे बड़ा दुख क्या होगा
106. मुझे बस तुम्हारे साथ से लगाव था
अकेले तो हमारे रहने की पुरानी आदत है
107. जब भी तुम्हे याद करता हूँ
बहुत तड़पता हूँ अपने आंसू को रोकने के लिए
खुद से ही झगड़ता हूँ
108. तुम्हे चाहने के अलावा हमने चाहा ही क्या है
तुम्हारे अलावा चाहूँ भी तो क्या
तुम्हारे अलावा इस जीवन में फिर कुछ बचता ही नहीं मेरे