Author: Kunal Kumar
बहुत देर मैने सोचा आज क्या लिखूँ फिर लगा आज पन्ने को खाली ही रहने देते है क्योकि जब भी मै कुछ लिखता हूँ तो…
मुझे लगता है मै पिजरे मे बंद एक पंक्षी की तरह हूँ जिसने हर मौसम को अपनी आंखों से पिंजरे मे कैद होकर देखा है…
मै वहाँ जाना चाहता हूँ जहाँ जाने के बाद कही और जाने की इच्छा ही ना रहे बस उस माहौल मे केवल खो जाना चाहता…
मेरे घर मे कई खिड़कियां है मगर वो सारी बंद रहती है घर मे हवाएँ भी कुछ मंद रहती है घर का मौसम भी कुछ…
जीवन में निराशा क्यों आती है अगर आप को ऊंचे स्तर की सफलता चाहिए तो उसकी राह में सबसे बड़ी असफलता निराशा का बोध जो…
मेरे कार्यालय के पास एक बड़ा सा बरगद का पेड़ था उस भीड़ भाड़ वाले ईलाके मे जहाँ तक नजर जाए बस वही एक पेड़…
कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती मेरा मानना है की शंकाएं और निराशावाद ही ज्यादातर लोगों को कोई भी कोशिश करने से रोकता…
अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करे ? संसार मे मनुष्य ने आज तक जो भी सफलता प्राप्त की है वो अपना लक्ष्य निर्धारित करके फिर…
किसी दिन सुबह में मै जब आंखे खोलू और सामने चमकता हुआ सूर्य दिखे वही खड़ी मुझे तुम भी दिख जाओ जहाँ सूर्य की किरणे…
मैने बहुत लोगों को देखा है सपने देखते हुए मगर मैने बहुत कम लोगों को उसे पूरा करते हुए देखा है सपने को पूरा करने…