आज जलपरी का पहला दिन था हमारे घर में हमारी नन्ही सी बेटी जो आज हमारे बेडरूम में थी जहाँ हमारा प्रेम सदा रहता था…
सूनामी भी कुछ नहीं हि्दय में उठे प्रेम के तूफान के आगे सूनामी जब भी उठती है तो अपने आप पास के जगहों को बर्बाद…
वो कहानी ही क्या जो अधूरी रह जाए वो प्रेम ही क्या जो पूरा ना हो सके वो फूल ही क्या जिसपे कांटे ना हो…