आज सुबह से भी वो बहुत खुश थी उसे खुश देखकर मै भी बहुत खुश था मुझे अच्छा लग रहा था उसे ऐसे देखना मै तो बस यही तो चाहता था हमेशा से की वो ऐसी ही हंसती रहे और खुश रहे मेरे लिए ये पल सबसे अच्छा पल था वो पूरे घर की सफाई कर रही थी बहुत खुश होकर मैने सोचा कितना अच्छा लग रहा है ये घर हमारा घर जिसका सपना मै ना जाने कब से देख था जब हमारी शादी भी नहीं हुई थी तब भी मै यही सपना देखा करता था आज सब कुछ था मेरे पास क्योंकि वो साथ थी मै उसे देखे जा रहा था एक कोने में बैठे मैने सोचा अगर मै इसकी खुशी का कारण पूछूँगा तो वो फिर अपनी खुशी भूलकर बताने लगेगी और मै फिर ये उसका मुस्कुराता चेहरा कैसे देख पाऊँगा इसलिए मै चुपचाप उसे सुन रहा था तभी वो मेरे पास आई और पूछा क्या कर रहे हो मैने कहा एक कविता जो बहुत पहले सोची थी लिखने के लिए आज उसे पूरा होते हुए देख रहा हूँ तो उसने तुरंत पूछा तुम तो लिख नही रहे तुम्हारा मोबाइल तो मेरे तकीये के नीचे रखी है मैने कहा तुम नहीं समझोगी उसने कहा अच्छा ऐसा क्या है जो मै नहीं समझूंगी मुझे भी समझाओ
मैने कहा जाने दो ना उसने कहा नहीं मुझे समझाओ मैने कहा ठीक है फिर मैने उससे कहा तुम्हे याद है मै अक्सर कहता था हम पहाड़ो पर जाकर रहेगे एक छोटे से घर में जहाँ तुम होगी और मै रहूँगा वहाँ केवल हमारा प्रेम रहेगा उसने कहाँ हां ये तो जानती हूँ फिर मैने कहा तुम्हे ये भी तो याद होगा मैने कितनी तकलीफे उठाई है कितना कुछ सहा है कितनी राते रो रो कर गुजारी है उसने कहा क्यो तुम उन बातो को याद करते हो जाने दो ना उसे भूल जाओ वो बुरा दौर था हमारा सबसे बुरा दौर हम उस दौर से बाहर निकल आऐ ना मै भी तो तुम्हारे लिए कितने आंसू बहाएं है रातो को फिर भी हम अब साथ है अपने सपने को जी रहे हैं मैने कहा हां वो तो है उसने कहा गलती मेरी है ना मै अभी उस कारण जानने की जिद्द ना करती तो हम अभी कुछ और ही बात कर रहे होते तुम्हे खामाखां मैने दुखी कर दिया मैने कहा नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है फिर उसने पूछा चाय पीओगे मैने कहा बना कौन रहा है तुम या मै उसने कहा मै बनाऊंगी मैने कहा हां हां तभी उसने मेरा हाथ पकड़कर बोला चाय के साथ और क्या लोगे मैने कहा जो मन तुम्हारा वो दे देना गुड डे बिस्किट है उसने कहा हां पूरा डब्बा भरा है मै कहा तो दो बिस्किट भी दे देना उसने कहा ठीक है फिर वो हंसते हुए सोफे पर बैठ गयी जहाँ मै बैठा था बोली जाओ ना जल्दी से बनाकर लाओ ना और दो बिस्किट भी ले आना मेरे लिए मैने कहा ये क्या उसने कहा ये मेरा तरीका है मुझे चाय पीने का मन था लेकिन कल रात में मुझे चाय जो हमने सोने से पहले पी थी वो मुझे अच्छी नहीं लगी इसलिए तुम मेरे लिए जब चाय बनाते हो तो वो चाय मुझे बहुत अच्छी लगती है मैने कहा ठीक है चाय बिस्किट और पानी भी दे दूं क्या उसने कहा हां ये भी मै बोलने वाली थी मुझे जोर से हंसी आ गयी उसकी भी हंसी नही रूक रही थी फिर मै जाने लगा चाय बनाने तो उसने कहा सुनो तो मैने कहा क्या हुआ तो फिर उसने कहा यहाँ बैठो ना मेरे पास सोफे पे थोड़ी देर मैने पूछा चाय उसने कहा बाद में पीते हैं ना मैने कहा ठीक है प्रिय मै सोफे पर बैठ गया और उससे पूछा क्या हुआ उसने मुझे देखा और हंसने लगी मुझे उसे ऐसे देखकर उसपर और भी प्यार आने लगा मैने कहा बेडरूम में चले क्या उसने कहा तुम भी ना उसने मुझे कहा तुम्हे कुछ बताना है
मैने कहा क्या तो वो और भी हंसने लगी मै कभी भी जब वो हंसती थी तो मै बीच में कुछ नहीं बोलता था बस उसकी हंसी चुपचाप सुनता था मेरे लिए यही संजीवनी बूटी का काम करता था जब मैं थक जाता था या परेशान होता था फिर जब उसकी हंसी शांत हुई तो मैने पूछा क्या बात है बताओ ना उसे बहुत हंसी आ रही थी मैने कहा तुम प्रिय पहले हंस लो जान फिर कहना मै इंतजार करता हूँ उसने कहा तुम्ह अभी कुछ देर पहले अपने पुराने दिनो के सपनो की बात कर रहे थे तुम ने मेरी बात की अपनी बात की पहाड़ो पर रहने की बात की घर की बात की लेकिन तुम उसमें कुछ भूल तो नहीं गये थे
मैने कहा नहीं तो फिर उसने कहा अच्छे से एक बार और याद करके बताओ मैने जैसे याद किया फिर एकाएक मुझे याद आया जलपरी उसने बहुत खुश होकर सर हिलाकर कहा मै तो फिर कुछ कर ही नहीं पाया मैने उसे आगे बढ़कर गले से लगा लिया फिर उसने मुझ से पूछा तुम ठीक हो ना मैने कहा हां उसने कहा मुझे लगता तो नहीं है मैने कहा मेरे ये सपना कितना पुराना है तुम्हे याद है ना उसने कहा मुझे सब याद है मैने उससे कहा मैने इस पल का कितना इंतजार किया है तुम भी ये बात जानती हो ना उसने कहा हां मै जानती हूँ मै फिर कुछ कह ही नहीं पा रहा था उसने कहा मै सब जानती हूँ और सब समझती हूँ तुम्हारी तकलीफ को उसकी आवाज में भारीपन और आंखों में आंसू थे उसने कहा मेरी तरफ देखो तो मैने कहा नहीं मै अभी नहीं देख पाऊँगा फिर उसने कहा देखो ना मैने जब उसे देखा तो हम दोनों के आंखों से आंसू रूक ही नहीं रहे थे मैने कहा तुमने मुझे बहुत इंतजार कराया जान इस पल का उसने कहा हां मै जानती हूँ उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया और मै इस पल को संभाल नहीं पा रहा था
हम दोनों थोड़ी देर उसी सोफे पर सोये रहे एक दूसरे को बस संभालते रहे फिर उसने कहा मै चाय बनाकर लाती हूँ बिस्किट पानी के साथ मैने कहा नहीं तुम आराम करो मै लाता हूँ और अब तुम अपना ध्यान रखोगी लापरवाही मै अब तुम्हारी चलने नहीं दूंगा उसने कहा ठीक है मै खुद भी खुद का ध्यान रखूँगी मै किचन की तरफ बढ़ रहा था चाय बनाने फिर मै किचन से लौटकर दूबारा उसे गले से लगा लिया और कहा थैक्स जान हम पांच मिनट तक बस ऐसे ही एक दूसरे को गले लगाए खड़े रहे फिर उसने कहा क्या हो गया है तुम्हे मै बनाती हूँ तुम जाकर सोफे पर बैठ जाओ मैने कहा नहीं मै बनाकर लाता हूँ तुम बेडरूम में जाकर आराम करो उसने कहा मै बिमार थोड़े ही हूँ मैने कहा जाओ ना कुछ मत बोलो प्रिय जाकर आराम करो ना उसने मेरी आंखों को देखा वो फिर चुपचाप चली गयी क्योंकि उसे मेरी आँखों में सिर्फ उसकी चिंता ही दिख रही थी वो जाकर चुपचाप लेट गयी फिर उसने अपनी जगह मेरी मोबाइल निकाली उसने देखा मोबाइल के स्क्रीन पर मैने उसकी करवाचौथ वाली तस्वीर लगा रखी थी जिसमें वो खुलकर हंस रही थी मै जब चाय बिस्किट और पानी लेकर आया तो उसने कहा तुमने ये तस्वीर क्यो लगाई इसमें मेरे सारे दांत दिख रहे हैं ये तस्वीर अजीब लग रही है मैंने कहा तुम जब खुलकर हंसती तो तो ऐसा लगता है जैसे सब कुछ थम गया हो वक्त ठहर गया हो तो इसलिए मैने हर उस वक्त को हमेशा से जीने की कोशिश की है जान उसने कहा तुम शादी के बाद भी मुझे आज भी वैसे ही प्यार करते हो जैसे मुझे मनाने के लिए जब मै रूठ जाती थी वैसा ही प्यार तुम मुझसे करते हो जो अब पहले से भी ज्यादा मुझे लगता है तब तुमने मुझे प्यार किया ही नहीं जितना तुम अब करते हो शादी के बाद
मैने कहा तुम भी हो ना प्रिय फिर कहा मैने कहा चाय ठंडी हो जाएगी उसने कहा तो फिर देर कैसी चाय पीते हैं ना चाय पीकर उसने कहा अभी क्या हम बनाएंगे मैने कहा मै बाजार से हफ्ते भर की सब्जी और तुम्हारे लिए फल जूस सही डाइट लाकर रख देता हूँ फिर मै अब से हर रोज सबसे पहले हमारे लिए खाना बना दिया करूँगा फिर मै अपना लिखने का काम करूँगा उसने फिर मुझसे कहा तुमने उस कहानी को पूरा क्यो नही किया मैने पूछा कौन सी कहानी जान तो उसने कहा वो एक छोटी बच्ची की कहानी कायदा की कहानी तुम लिख रहे थे ना मैने तुम्हारे मोबाइल में पढ़ी थी मैने कहा तुमने कब पढ़ी उसने कहा कल रात को मैने पूछा कैसी लगी उसने कहा अच्छी है लेकिन पूरी लिखोगे तब तो मै कहानी का अंत जान पाऊँगी मैने कहा तुमने कहा तो आज रात में सबसे पहला काम मै यही करूँगा सोने से पहले आज मै इसे पूरा करूँगा तुम सुबह में पढ़ लेना उसने कहा ठीक है मै फिर बाजार चला गया प्रिय के लिए वो सारी चीजे लाने जिसकी उसे अब जरूरत पड़ने वाली है मै बाजार से घर आया उसने देखा मुझसे कहा इतना सब क्यों उठा लाए मैंने कहा जान के लिए और नन्ही जान के लिए तो मै कुछ भी करूँगा बस तुम आराम करो और सब कुछ मै कर लूँगा उसने कहा अभी तो बहुत समय है तुम अभी से ही इतना क्यो कर रहे हो मैने कहा वो सब मुझे नहीं पता बस तुम अपना ध्यान रखो तुम अगर परेशान रहेगी तकलीफ में रहोगी तो फिर मै कैसे जी पाऊँगा
तुम जाओ आराम करो मै नाश्ता बना कर लाता हूँ फिर मै अपना काम करूँगा उसने कहा तुम्हे रोटी बनानी नही आती है मैने कहा मैने दुकान में बात कर ली है वो सुबह शाम दस रोटी बना दिया करेगा और मै उसे पैसे उसी समय दे दूंगा सब्जी मै बना लूंगा बस तुम्हे पसंद आ जाए वैसे मै अच्छे से बनाऊंगा बहुत अच्छे से तुम खा लोगी ना प्रिय वो मेरे गले लग गयी प्यार से उसने कहा तुम मेरा कितना ध्यान रखते हो मैने कहा मै तुम्हारा नहीं अपना ध्यान रखता हूँ क्योंकि तुम हो प्रिय तो मै हूँ वरना मैं कुछ भी नहीं मेरा जीवन बस तुम्हारे ही इर्द गिर्द ही धूमता है जान मेरे जीवन का ये सबसे महत्वपूर्ण समय था मै इस समय का हर एक पल जीना चाहता था फिर मै रोज सुबह उठने के बाद सबसे पहले प्रिय को चाय देता बनाकर फिर मै घर की सफाई करता उसके बाद मै सब्जी बना लेता प्रिय के और अपने कपड़े साफ कर लेता हमारे लिए रोटियां लाने जाता हम साथ में ही
खाते थे उसके बाद मै उसे आराम करने के लिए कहता और फिर मै अपना काम करने लगता दोपहर में मै उसे चावल दाल सब्जी बना कर खिलाता अपना काम मै दो घंटे रोक देता फिर प्रिय को जूस पिलाकर आराम करने कहता फिर मै अपना काम करने लगता शाम में मै सब्जी बनाकर रोटियाँ लाने जाता और रात को मै उसे अपने हाथो से खिलाता फिर देखते देखते वो समय भी आ गया एक हफ्ते बचे थे और मै बहुत ज्यादा डरा हुआ था मै बहुत परेशान रहने लगा था जैसे जैसे समय नजदीक आ रहा था मुझे बस प्रिय की चिंता थी क्योंकि मैं उसकी तकलीफ नही सह सकता था उसने मुझे देखा मै दो तीन दिनों से बहुत परेशान हूँ उसने पूछा क्या हुआ है तुम्हे तुम इतने परेशान क्यों हो रहे हो मैने कहा मै परेशान नहीं हूँ मै डरा हुआ हूँ उसने पूछा किस बात का डर है तुम्हे मैने कहा तुम्हे तकलीफ होगी मै ये सोचकर बहुत डर रहा हूँ प्रिय मैने उसे गले से लगा लिया उसने कहा मै तो बिल्कुल टेंशन फ्री हूँ क्योंकि तुम जो मेरे साथ हो फिर मै क्यो घबराऊं हम घंटो एक दूसरे का हाथ पकड़ कर बात कर रहे थे जैसे हम शादी के पहली रात को बात कर रहे थे उसने कहा कहा मैने पैसे बचा कर रखे है तुम्हे जरूरत पड़ेगी मैने कहा इसके लिए प्रिय शादी के बाद से ही पैसे जमा करना शुरू कर दिया था प्रिय मुझे जरूरत नहीं पड़ेगी और अगर जरूरत पड़ेगी भी तो मै अपने दोस्त से ले लूंगा उसने कहा क्यो लोगे मैने कहा जब पैसे कम पड़ेगे तब देखेगे मैने कहा एक दिन पहले तुम्हे हाॅस्पिटल में चलना होगा वहाँ भर्ती होना होगा ये कहते हुए मेरे हाथ पैर कांप रहे थे प्रिय समझ गयी उसने कहा तुमने कुछ ज्यादा ही टेंशन ले लिया है मुझे लगता है
अब मुझे तुम्हे देखना पड़ेगा मैने कहा कैसी बात कर रही हो फिर डिलीवरी के एक दिन पहले हम अस्पताल आ गये थे मै रात भर उसके पास बैठा रहा और मै इतना डरा हुआ था जितना मै जीवन में कभी आज तक नहीं डरा था मै बस उसके सर को रात पर सहलाता रहा और वो मेरा हाथ पकड़े सो रही थी मै सूर्यदेव प्रार्थना कर रहा था कल के दिन प्रिय को ज्यादा तकलीफ ना हो हमारे साथ कोई नहीं था ऐसे समय में मैने घर में किसी को तकलीफ देना उचित नहीं समझा और प्रिय ने भी ऐसा ही किया था क्योंकि उसे मुझ पर भरोसा था और मुझे उस पर सुबह में सूर्योदय होने में आधे घंटे थे तभी प्रिय को तकलीफ होने लगी मैने लेडी डॉक्टर को बुलाया उसने कहा आप बाहर इंतजार करे मै बस सूर्यदेव से प्रार्थना कर रहा था प्रिय को ज्यादा तकलीफ ना हो और शायद सूर्यदेव ने मेरी सुन ली थोड़ी देर में नर्स आई उसने कहा आप अंदर जा सकते हैं नर्स ने हंसते हुए कहा मै दौड़ कर अंदर गया वहाँ प्रिय मुस्कान रही थी और हमारी छोटी सी बेटी हमारी जलपरी उसके पास थी बगल में मेरे लिए ये क्षण सबसे खुशी भरा था और उससे भी ज्यादा भावुकता भरा क्षण था मैने प्रिय को गले लगा लिया हमारी जलपरी अपने छोटे छोटे दोनों आंखों से सब कुछ आश्चर्य से देख रही थी मै जब उसके सामने गया उसे गोद में लिया तो मैने प्रिय का हाथ एक हाथ से पकड़ लिया और उसे कहा थैक्स जान मै ना हंस पा रहा था ना रो पा रहा था ना खुशी छिपाई नहीं जा रही थी और ना ही आंसू छिपाऐ जा रहे थे भावनाओं में मै बह रहा था फिर प्रिय उठ कर बैठ गयी और उसने मुझे गले से लगा लिया और कहा सब ठीक है तुम्हारा सपना पूरा हो गया अब चले घर फिर उसने मजाक में मुझसे पूछा तुमने पैसे दे दिए ना हास्पिटल के
बिल चुका दिया ना मैने कहा हां मैने सब बिल का पेमेंट कर दिया है मैने कहा अब चलो लेकर हमारी जलपरी को घर प्रिय ने कहा इसकी आंखे तुम्हारे ही जैसी है और नाक मैने कहा नहीं नाक तुम्हारे जैसी है हम फिर अपनी जलपरी को प्यार से देख रहे थे हम जैसे निकले उसी वक्त सूर्य की किरणें हमारे ऊपर पड़ी जैसे सूर्यदेव हमे अपना आर्शीवाद दे रहे हो जलपरी ठीक तभी हुई जब सूर्योदय हुआ था वो हमारे जीवन में सूर्य का प्रकाश बन कर आई थी हमारी नन्ही जलपरी जिसने हमारे प्रेम को सम्पूर्ण बना दिया है इस सुंदर पल के लिए मै अपनी प्रिय को दिल से थैक्यू कहता हूँ लव यू जान