आज जलपरी का पहला दिन था हमारे घर में हमारी नन्ही सी बेटी जो आज हमारे बेडरूम में थी जहाँ हमारा प्रेम सदा रहता था आज हमारे प्रेम की सबसे बड़ी निशानी हमारे बेडरूम में थी उसकी हल्की सी रोने की आवाज जैसे हमारे पूरे घर में शहनाई सी बजा रही हो हम दोनों बस उसे ही देख रहे थे एक दूसरे का हाथ पकड़े और ये पल हमारे जीवन का सबसे बड़ा पल था आज प्रिय और मै हम दोनों बहुत खुश थे हमारा सबसे बड़ा सपना पूरा हो गया था उसे प्रिय ने गोद में लिया तो मैने कहा मुझे गोद में लेना है प्रिय ने जलपरी को मेरे गोद में दे दिया मै तो बस उसे देखे ही जा रहा था मै सबसे बड़े छण को देख रहा था सूर्योदय के साथ ही जलपरी हमारे जीवन में सूर्य बनकर ही तो आई थी प्रकाश फैलाने मैंने अपनी जलपरी से कहा अपनी मम्मी की तरह गुस्सा करने वाली मत बन जाना बात बात पर तुम मत रूठना और अपनी माँ कि तरह हर बात दिल पर मत ले लेना तभी प्रिय ने कहा मै कब गुस्सा करती हुई बताओ तो जरा मैने कहा ये क्या है अभी जो तुम कर रही हो वो फिर चुप हो गयी कहा हमारी बेटी को नींद आ रही है लाओ मै सुला देती हूँ मैने कहा हां इसे सुला दो और हम अब इसका अच्छे से ध्यान रखेगे हमेशा कभी भी इसे बेवजह रोने नहीं देगे इसे जो भी चाहिए हम इसे देगे हमेशा क्योंकि इसकी खुशी ही तो हमारी खुशी है प्रिय ने कहा ठीक है लेकिन ये बिगड़ तो नहीं जाएगी ज्यादा लाड प्यार में मैने कहा तुम हो ना इसे संभालने के लिए फिर कैसे बिगड़ेगी प्रिय ने कहा मै ही सब करूंगी तुम कुछ नहीं करोगे मैने कहा करूँगा ना प्रिय ने पूछा क्या तो मैने कहा इसे बिगाड़ने का काम करूँगा ना प्रिय ने कहा मै तुम दोनों की कुटाई कर दूंगी तब मैने कहा कूट दो मुझे जान मेरी बचपन की इच्छा पूरी कर दो बीबी से कुटाई खाने की प्रिय ने कहा कल तक तो तुम इतना प्यार बरसा रहे थे प्यार की बारिश कर रहे थे जब से हमारी जलपरी क्या घर आई है तुम तो बदल गये चंद घंटो में इतना बदलाव आगे क्या होगा मै तो अभी से समझ गयी हूँ क्या होने वाला है रोज इसकी शिकायत आएंगी शैतानी की तो मैने कहा वो बच्चा ही क्या जो शैतानी ना करे इससे बच्चे का दिमाग तेज होता है प्रिय ने कहा अच्छा ऐसा है क्या मैने कहा ऐसा ही है तभी जलपरी जो सो रही थी हमारे आवाज से जाग गयी फिर से रोने लगी तब प्रिय ने कहा अब तुम चुप कराओ हमारी जान को मैने कहा मै अपनी दोनों जान को चुप कराता हूँ अभी प्रिय हंसने लगी मैने पूछा तुम्हे ठीक लग रहा है ना जान कोई तकलीफ तो नहीं हो रही उसने कहा नहीं फिर कहा तुम भी ना अब तो तुम हम दोनों की पूरे दिन फ्रिक ही करते
रहना मैने कहा हमे जलपरी के लिए ढ़ेर सारे कपड़े लाने होगे जो जलपरी को हम पहना सके प्रिय ने कहा तुम पीले रंग के ज्यादा छोटे छोटे कपड़े लाना हमारी बेटी के लिए तब हमारा बेडरूम जिसके दिवारों का रंग पीला है तुमने हमारे बेडरूम में बिछाने के लिए जो चादर अपने पसंद से खरीदी है वो भी पीले रंग की ही है तुम्हारा फोन का कलर भी तो पीला ही है पीला रंग हमारे प्यार की निशानी है तो हम अपने बेटी को भला इस रंग से क्यो ना सजाए मैने कहा हां ठीक है मैने लेकर अभी आता हूँ मै फिर बाजार चला गया ढ़ेर सारी नन्हे से कपड़े मैने पीले रंग के खरीदे और भी रंग के कपड़े थे सफेद पर मैने अपनी प्रिय के कपड़े जैसा जिसका रंग आसमान के रंग के जैसा नीला होता है मै अक्सर प्रिय से कहता हूँ आसमान ने तुम्हारे कपड़ो से नीला रंग चुरा लिया है अब ये नीला रंग हमारी जलपरी का भी हो जाएगा सदा के लिए मै ढ़ेर सारे कपड़े अपनी नन्ही सी जान के लिए लेकर घर आया प्रिय ने कहा पूरी दुकान ही उठा लाए मैने कहा कम है क्या कम तो नहीं पड़ जाएंगे मै और ले आऊं क्या प्रिय ने कहा तुम भी ना मैने कहा मै भी ना क्या प्रिय उसने कहा रहने दो मैने कहा नाराज क्यों होती है हमारी बेटी हमारी जलपरी अभी क्या कर रही है प्रिय ने कहा अभ वो सो रही है मै फिर उसे देखने अपने बेडरूम में गया जहाँ वो कितनी शांत होकर सो रही थी ऐसा लग रहा था जैसे चमकता हुआ सूरज चंद्रमा की छांव में सो रहा हो उतने में पीछे से प्रिय आ गयी उसने कहा क्या देख रहे हो मैने कहा सपना जो देखा था आज वो सपना मेरे सामने है मैने इस पल के लिए हर पल ही इंतजार किया है प्रिय ने कहा तुम फिर से शुरू हो गये अब तुम्हारा सपना सच हो चुका है अब वो सपना नही है बल्कि हकीकत है हमारा हमारे प्रेम की सबसे बड़ी निशानी के रूप में मैने कहा हां
थोड़ी देर में हमारी बेटी जाग गयी उसे प्रिय जब पीले कपड़े पहनाने जा रही थी तो मैने कहा नहीं इसे नीले रंग के कपड़े पहनाओ जैसा तुम पहनती हो प्रिय ने कहा हम दोनों कपड़े पहनाएंगे इसे बारी बारी करके जैसे नीले आकाश में पीले रंग का सूरज चमकता है वैसे ही ये भी नीले कपड़े और पीले कपड़े में चमकेगी जलपरी बस इधर ही देख रही थी उसके मम्मी पापा शायद अभी उसी के बारे में बात कर रहे थे फिर मैने जल्दी से हमारी जलपरी को गोद में ले लिया और प्रिय उससे कहने लगी तुम्हारे पापा तुम्हारे लिए बहुत से नये कपड़े लाए हैं तुम कौन से रंग के कपड़े पहनोगी मैने कहा नीला पहनाओ उसने कहा नहीं पीला मैने कहा नीला उसने कहा पीला फिर जलपरी जोर से रोने लगी जैसे उसे ये हमारा शोर बिल्कुल पसंद नहीं आया शायद वो भी कहना चाह रही थी मै अपने पसंद के रंग वाले कपड़े पहनूंगी आप दोनों लड़ना बंद करे क्योंकि इस झगड़े मै बेहद प्यार छिपा है मेरे पापा और मेरी मम्मी का एक दूसरे के लिए एक दूसरे के पसंद का कितना ख्याल है अब तो मेरी मौज ही मौज है इतने अच्छे पापा और मम्मी को पाकर प्रिय ने जलपरी को बिस्तर पर सुला दिया था और हम अब भी बच्चो के जैसे नीला और पीले के बात पर अड़े थे ये वो प्रेम था जो सिर्फ और सिर्फ हमारा था हम दोनों का जलपरी चाहे नीले रंग के कपड़े पहने या पीले रंग की दोनो रंग तो हमारा ही था हमारे प्रेम का रंग अब सारे रंग भी मिलकर इस रंग को नहीं बदल सकते हैं ये प्रेम का वो रंग है जो कभी भी नहीं बदलेगा सदा एक जैसा ही रहेगा हमारे और तुम्हारे प्यार का रंग
हार किसी की भी हो मगर जीत हम दोनों की ही होगी चाहे नीला या फिर पीला