आज शायद साल की पहली बरसात हुई थी मै अपने टेरिस से खड़े होकर बरसात को देख रहा था बहुत घनघोर बरसात हो रही थी तभी पीछे से वो आई उसने मुझसे पूछा पकौड़े खाओगे मैने कहा हां फिर मै भी उसके साथ किचन चला गया और वही पर खड़ा हो गया उसने पकौड़े बनाएं और मुझसे कहा तुमने जो पीली साड़ी लाई है वो बहुत अच्छी है मुझे पसंद आई मैने कहा तुम्हे अच्छी लगी ये सुनकर मुझे अच्छा लगा बरसात अब भी तेज हो रही थी शाम हो चुकी थी लेकिन बरसात ने तो ना थमने की कसम ही खा रखी थी उसने पकोड़े दिए मैने कहा इसके जगह समोसा बनाती तो ज्यादा अच्छा लगता बरसात में खाने का मजा आ जाता उसने कहा अभी मै बना के लाती हूँ मैने कहा नहीं तुम बैठो मेरे सामने और मेरे हाथो से पकौड़े खाओ उसने कहा तुम नहीं खाओगे मैने कहा तुम्हारे खाने के बाद मैने उसे पकौड़े जब अपने हाथों से खिलाए तो उसकी चेहरे पर खुशी और आंखो मे नमी थी मै समझ गया कि अब शायद ये रो ना दे इतने अच्छे मौसम में इसके आंखों से आंसू ना निकले इसलिए मैने उसके मुंह में डालने के बजाय खुद खा लिया दूसरी दफा वो हंसने लगी हम खुश थे साथ में हम हमेशा एक दूसरे का ख्याल रखते थे हम कपड़े भी एक दूसरे के पसंद के ही पहनते थे बरसात अब भी हो रही थी और जोर से घटा गरज रही थी और सड़क पर पानी भर गया था उसने मुझ से कहा घर में सब्जी नहीं है बरसात भी हो रही है तुम कैसे जाओगे मैने कहा आज मै खाना बनाता हूँ और कल सुबह में मै सब्जी ले आऊंगा फिर उसने कहा क्या बनाओगे तुम
मैने कहा घर में कोई भी सब्जी है क्या उसने कहा नहीं है तभी तो फिर मैने कहा मै वेज विरयानी बनाता हूँ मैंने पूछा तुम खा लोगी ना उसने कहा हां मै तो बचपन से बेज बिरयानी खाकर ही बड़ी हुई हूँ उसने हल्का फुल्का मजाक किया और मुझे भी हंसी आ गयी मै किचन में बनाने गया मैने कहा बरसात हो रही है तुम बेडरूम में जाकर आराम करो मै बनाकर लाता हूँ तभी बिजली भी चली गयी हर ओर अंधेरा था घर में फिर उसने अपनी मोबाइल की लाईट जलाई मैने पूछा मोमबत्ती है क्या उसने कहा है ना फिर वो ढूढ़ने लगी मोमबत्ती बड़ी मुश्किल से आधा मोमबत्ती लेकर आई मैने कहा यही है उसने कहा बस यही ही है मुझे हंसी आ गयी फिर मैने कहा तुम कमरे में जाओ तो उसने कहा मुझे डर लगता है अंधेरे में भूतों से मुझे सुनकर बहुत हंसी आई मैने कहा इतना बड़ा भूत तुम्हारे साथ है फिर भी भूतों से डर लगता है मैने कहा ठीक है हमारे किचन के सामने डाईनिंग टेबल लगा था मैने कहा यही बैठो मै आधे मोमबत्ती में बिरयानी बनाता हूँ कहने के लिए हम दिल्ली में रहते थे लेकिन हम हिमाचल प्रदेश के छोटे से शहर में आ गये थे वहाँ अक्सर लाईट जाती थी और ठंड भी रहती थी लेकिन हमारे बेडरूम से जो नजारे दिखते थे खिड़की खोलने के बाद सब कुछ हमारे लिए बस वही था हमारा एक दूसरे का साथ हिमालय पर्वत बिलकुल हमारे सामने अपनी विशालता लिए खड़ा दिखता था तो मैं कहाँ था हां मै किचन में चला गया आधी मोमबत्ती के सहारे बिरयानी बनाने वेज बिरयानी मैने उससे पूछा चावल कहाँ रखे है उसने कहा नीचे वाले बड़े से डिब्बे में मै बिरयानी बनाने में लग गया वैसे मै बहुत अच्छा खाना नहीं बनाने के लिए जानता था लेकिन उसके लिए बना रहा था तो मै अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना चाहता था मैने सामने उसकी तरफ देखा तो वो हंस रही थी मोबाइल में फनी विडियो देखकर बच्चे के जैसे मुझे उसकी हंसी इतनी अच्छी लग रही थी मै बेज बिरयानी बनाना भूल कर उसे ही देखने लगा कैसे बच्चे की तरह खिलखिला कर हंस रही थी उसने एकाएक मेरी तरफ देखा फिर पूछा क्या हुआ तुम्हे कुछ चाहिए क्या मैने बोला हां उसने पूछा क्या मैने कहा ये हंसी तुम्हारी सारी उम्र वो जोर जोर से हंसने लगी मुझसे रहा नहीं गया मैने जाकर उसे गले से लगा लिया उसने पूछा क्या हुआ मैने कहा कुछ नहीं उसने कहा मै बना दूं क्या मैने कहा नहीं
फिर मै बिरयानी बनाने चला गया लेकिन इस बार वो भी मेरे साथ किचन में आई बोली मै भी देखूँ तुम कैसा बना रहे हो तभी आधी मोमबत्ती भी जल कर बुझ गयी उसने कहा कोई नहीं मोबाइल की लाईट है ना किसी तरह मैने बनाया बेज बिरयानी मै चाहता था वो आराम करे आज और मै बनाऊँ खाना लेकिन फिर भी वो मेरे साथ ही खडी थी मैने कहा तुम डाइनिंग टेबल पर जाकर बैठो मै खाना लगता हूँ फिर प्लेट में मैने खाना लगाया उसने खाना शुरू किया तो मैने पूछा कैसा बना है उसने कहा बहुत टेस्टी है मैने कहा मै कब से इतना अच्छा बनाने लग गया मैने मन में सोचा फिर मैने जब खाया तो उसे कहा मत खाओ हम बाहर से खाना मंगा लेते हैं ये अच्छा नहीं बना है फिर भी उसने तब तक आधा खा लिया था मैने कहा क्यों खाया जब अच्छा नहीं बना था तो उसने बोला तुमने इतने प्यार से बनाया तो कैसे नहीं खाती तभी लाईट आ गयी और बरसात भी रूक चुकी थी लेकिन हमारा प्रेम बहुत बढ़ चुका था मै बहुत खुश था उसे पत्नी के रूप में पाकर यही तो हमारा रिश्ता था जो हमे और भी मजबूत बना रहा था आज इस साल की पहली बरसात के कारण हमारा रिश्ता और भी गहरा हो गया था पहले से शायद कही और भी ज्यादा वो कहते हैं ना भले ही आपके पास महल ना हो मगर प्यार से एक छोटी सी झोपड़ी में भी रहे तो वो भी महल बन जाती है