तनाव तब होता है जीवन में जब हम अपनी खुशियो को छोड़कर अपनी खामियों को तलाशने लगते हैं हम अपने सुख को छोड़कर दु:ख के बारे में सदैव विचार करते रहते हैं जब हमारा विश्वास खुद पर कमजोर हो जाता है जब हम हर एक छोटी -छोटी चीज से खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं इसे दूर करने का उपाय है भरोसा खुद पर खुद के कोशिशों पर और हमेशा ये यकीन करना जो हो रहा है उसके जीवन में उसमें शायद उसका भला ही छुपा है क्योंकि शायद ईश्वर भी चाहते है की हम जीवन में सदैव मजबूत बने ना की कमजोर हम अपने जीवन में हर दिन आ रही चुनौतियों से भावनात्मक रूप से मजबूत बनते जाए
जब जीवन में बदलाव की शुरुआत होती है तब प्रत्येक मनुष्य जीवन के बदलाव से विचलित हो जाता है और उस बदलाव से बचने के लिए मुक्ति का मार्ग खोजने लगता है लोगो को ये लगता है कि जीवन में होने वाले बदलाव से बचकर उन्हें कुछ समय के मानसिक शांति मिल जाएगी मगर ये मानसिक शांति क्या स्थायी होती है आप को उस बदलाव का सामना तो करना ही पड़ेगा चाहे बदलाव आप के रिश्ते में आये
आप के समाजिक व्यवस्था में आए या फिर आप के कार्यक्षेत्र में आए हमे जो कार्य रोज करने की आदत है उस आदत में एकाएक बदलाव आ जाए यानि की आप जो कार्य रोज करते हैं उसके बदले में कोई और कार्य ही आप को करने के लिए दे दिया जाए तो आप घबरा जाते हैं और उस पर आए उस बदलाव से बचने की पूरी कोशिश करते हैं यही मानसिक दवाब के रूप में हमारे सामने खतरनाक रूप लिए खड़ा हो जाता है जिससे हम घबरा जाते है सबसे पहले हमें तनाव पर विचार करना चाहिए कि आखिर तनाव है क्या तनाव एक ऐसी अवस्था है हमारी जो हमें हर कार्य के सफल होने से ज्यादा असफल होने के लिए आशंकित करती है अगर मानसिक तनाव को दूर करना है खुद का विकास करना है तो हमें चिंता तनाव जैसे विचारधारा से बाहर आना होगा हमें खुद को प्रेरित करना होगा खुद को तैयार करना होगा ताकि हम विकास की बुनियाद कायम कर सके
कुछ उदाहरण से देखते हैं आखिर ये कैस कार्य करती है
- मैंने जो सोचा है वह अगर नहीं हुआ तो
- समय अगर निकल गया तो फिर क्या होगा
- हमारे पैसे खत्म हो जाएंगे तो हम क्या करेंगे
- उसने मेरी बात नहीं मानी तो
- उसने मुझे छोड़ दिया तो
- शायद वो कहीं मुझे धोखा तो नहीं दे रहा है इस तरह के हजारों विचार जो हमारे मन को विचलित कर देती है
- स्वयं को प्रेरित करके
- खुद पर विश्वास करके
- सदैव खुश रहकर
- हर कार्य मे सफल होने के भाव की प्रबल भावना को जगाकर
- हर सुबह सकारात्मक सोच के साथ दिन की शुरुआत करके
जो कार्य की आवश्यकता है उसे तुरंत करना चाहिए क्योंकि जितना जल्दी हम कार्य करेंगे उतना ही फायदा हमें ही होगा और किसी काम को हम जितना टालेंगे समय उतना नष्ट-भ्रष्ट होगा और हमें इससे नुकसान ही केवल होगा जीवन में सदा सकारात्मक बने रहना चाहिए और नकारात्मक भाव से खुद को दूर रखना चाहिए
चिंता और चिंतन में अंतर
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इनमें कुछ लोग की हर चीज को देखने का नजरिया औरो से भिन्न होता है वो हर चीज को खुद से जोड़ कर देखते हैं
इन निम्नलिखित विचारों पर गौर करते हैं
- वो समय से आगे की सोच रखते है
- वो लोगों के दुःख से जल्दी जुड़ जाते हैं
- वो लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं पर परिस्थिति वश कर नहीं पाते तो ये उनकी विचारधारा में प्रबलता के साथ उभरती है
- वो उदार स्वभाव के होते हैं जो खासतौर पर कुछ लोगों को उनकी उदारता पसंद नहीं आती
- वो हर चीज में केवल अपना मतलब नहीं देखते
- परेशानियां कितनी बड़ी है उनका आकार हमारे लिए हमारी सोच ही बनाती है
- परेशानियों साहस को जन्म देती है
- खुद को जो बदल सकता है वो समाज को भी बदल सकता है
- समस्याओं से भागकर हमारा मानसिक तनाव कम नहीं होगा
- सदैव परिवर्तन को स्वीकार करना चाहिए
- अक्सर मानसिक तनाव में ही रिश्ते टूटते हैं
- खुद को हर रात सोने से पहले नये सुबह की आशाओं के साथ अपने मन को प्रेरित करें
- प्रेरणा वो भाव है जो मुक्ति और कठिन परिश्रम में काम आती है
- जीवन देखने का नजरिया खुशनुमा होना चाहिए
- जीवन में रिश्ते को अपने व्यापार से ज्यादा महत्व दे
सदैव हमें परिवर्तन का सामना करना चाहिए क्योंकि परेशानियों से भाग कर हम कुछ क्षण बच सकते हैं लेकिन हमें सामना तो करना ही पड़ता है हम इससे ज्यादा भाग नहीं सकते केवल सकारात्मक भाव से हम हर परिस्थिति पर विजय प्राप्त कर सकते है
जीवन में तनाव हमारे दिमाग की ही उपज है हम दिमाग को जितना उलझाएंगे उतना ही हम उलझते जाएंगे हमारा सारा ध्यान प्रगति पर केंद्रित होना चाहिए न की किसी ऐसे विचार पर जिससे हम बुरी तरह प्रभावित हो जाएं जब विकास के लिए जीवन है तो विनाश की तरफ क्यों अग्रसर हो जाएं खुद को किसी भी विषम परेशानियों में धिरा देख कर उससे भागने से बेहतर है उस परेशानियों का सामना करें क्योंकि मानसिक दवाब हमें कमजोर बनाती है और हम मनुष्य है हर बात पर परेशान हो जाएंगे और मानसिक तनाव में रहेंगे तो हम विकास कब करेंगे हम बस कोशिश करें जितनी भी परेशानियां हैं दुःख है उसका मुस्कुराकर सामना करें क्योंकि सकारात्मकता और मुस्कुराहट हर एक समस्या का बिल्कुल सटीक समाधान है जीवन में चाहे सुख हो या दुःख केवल जरूरत है बस समान भाव से उसका सामना करें ताकि हम मानसिक रूप से इतने मजबूत हो जाए की कोई भी जीवन से जुड़ी परेशानी हमें एक पग भी विचलित न कर सके नकारात्मक मनुष्य की विचारधारा ही तो है जहां आत्मविश्वास की गहरी खाई देखी जा सकती है अक्सर इस खाई में रहना ही कुछ लोगों के लिए सुरक्षा का विकल्प है मगर उन्हें ये एहसास नहीं है की तनाव ऐसी खाई है जहां एक बार गिर जाएं तो बाहर निकल पाना बहुत मुश्किल है