मिशन के नाईन एक खौफनाक सफर ये एक काल्पनिक कहानी है इसका किसी से कुछ लेना देना नहीं है ये कहानी बस मनोरंजन के लिए लिखी गयी है इस कहानी का मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा सा रोमांचित करना और उनका मनोरंजन करना है ताकि लोग अपने जीवन के तनाव भरे पल को कुछ समय के लिए भूल जाएं पुरातत्व का एक दल जो अफ्रीका के घने जंगलों में कुछ तलाश करने गया है भारत से बहुत मुश्किल से पुरातत्व के सदस्यों को ये मौका मिला है बहुत बर्षो की कोशिश के पश्चात भारत सरकार ने उन्हें ये मौका दिया है उस टीम को के नाईन नाम दिया गया था ये दल करीब सात दिनों से अफ्रीका के घने जंगलों में कुछ तलाश कर रहा है लेकिन आज ये दल शायद उस इलाके में पहुँच गया है जहाँ किसी के लिए भी जाना शक्त मना है ये जंगल का वो इलाका है जहाँ कोई दिन में भी नहीं जाता है
लेकिन वो दल अनजाने में वहाँ पहुँच गया था और शायद उन्हें वो चीज भी मिल गयी थी जिसकी उन्हें तलाश थी लेकिन फिर वहाँ सिर्फ चींखे गुजने लगी और उसमें एक चीख ऐसी थी जिसकी गुंजी किसी को अपने ऑफिस में मिटिंग में सुनवाई दी जो अब तक चुपचाप बैठा था मिटिंग में शांत एकाएक उसमें जबरदस्त हरकत हो चुकी थी वो बीच मिटिंग से बाहर जाने लगा तो उसके बाॉस ने उसे जोर से डांटा बुरी तरह झल्ला कर कहा कहाँ जा रहे हो बीच मिटींग छोड़ कर उस पर उस व्यक्ति ने कहा आप मुझसे इस प्रकार से बात नहीं कर सकते हैं उसके बाॅस ने कहा मै ऐसे ही बात करूँगा अब बोला क्या कर लोगे इस पर उस व्यक्ति ने बड़ी विनम्रता से कहा कृप्या महोदय अपनी जबान को लगाम दे और रही जाॅब की बात तो मै शौक के लिए करता हूँ आप आ जाना कल से मेरे घर पर मै आप को नौकरी पर रख लूंगा
जितना मिलता है उससे तीन गुना सैलरी मै दूंगा आप को फिर उसने कहा मै जा रहा हूँ जाॅब छोड़ के कल सुबह आ जाना घर पर तीन गुनी सैलरी चाहिए तो उसके बाद वो बाहर निकलते ही उसने एक फोन लगाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा था वो सुबह से शाम तक फोन लगाता रहा कोई जवाब नहीं मिला तब उसने उसी रात अफ्रीका जाने का फैसला किया उसके लिए वीजा लेना कोई बड़ी बात नहीं थी उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं था लेकिन उसके जैसा होना सब के लिए असंभव था उसका बचपन का प्यार जो मुश्किल से इस साल उससे शादी के लिए तैयार हुई थी कितनी कोशिशो के बाद शादी के लिए उसके प्यार ने हां किया था जो उस दल में शामिल थी जिसकी हर बात उसे महसूस होती थी इतना प्यार था दोनों में फिर जब वो मुसीबत में है तो यहाँ हाथ पर हाथ धरे कैसे बैठे रह सकता है
उसने अफ्रीका के हर संभावित जगहों पर उस दल के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन उनकी कोई खबर उसे नहीं मिली थी इसलिए उसने स्वंय अफ्रीका जाकर उसे ढूँढने का फैसला किया और शाम में अपने खुद के प्लेन से उसकी तलाश करने के लिए अफ्रीका के लिए उड़ान भर दी उसके पास पैसो की कोई कमी नहीं थी लेकिन वो हमेशा साधारण बनकर ही रहता साधारण सी जाॅब करता था वो बस उसकी खातिर ऐसा जीवन जीता था उसकी खुशी के लिए केवल उसका कोई नहीं था सिवाय उसके अगर वो उसके जीवन में नहीं रहेगी तो वो बिल्कुल अकेला हो
जाएगा फिर उसकी दौलत भी उसके लिए मिट्टी का ही ढ़ेर है उसका नाम था क्षितिज था उसके प्यार का नाम था चांदनी क्षितिज बहुत परेशान था उसे उसकी बहुत चिंता हो रही थी कल रात में आखिरी बार उससे बात हुई थी क्षितिज ने केवल चांदनी के लिए खुद को कितना बदल दिया था यहाँ तक की वो पैदल ही चलने लगा था इतना साधारण जीवन सिर्फ उसके लिए वो जी रहा था इतने पैसे होने के बावजूद भी वो अपनी सैलरी से अपना महीने का खर्च चलाता था सिर्फ चांदनी की वजह से जो लोग उसे आंख उठा कर देखने तक का सामर्थ नहीं रखते थे वो उनकी बातें चुपचाप सुन लेता था केवल चांदनी के लिए क्षितिज खुद का अस्तित्व को भी भूल चुका था लेकिन आज उसे जब लगा वो तकलीफ में है तो फिर इतने दिन से कही गुफा मे बंद शेर आज गुफा से बाहर आ गया था दहाड़ते हुए क्रोध में फिर इस शेर को आज हाथी भी नहीं रोक सकता था क्योंकि ये शेर अबतक के सबसे खतरनाक रूप में था अब तो हाथी के भी जान के लाले पड़ने वाले थे क्षितिज रास्ते भर बस चांदनी के बारे में सोच सोच कर परेशान था अगर उसे कुछ हो गया तो फिर वो एक पल भी नहीं जी पाएगा उसके आंखो मे आंसू थे चांदनी को याद करके उसने आज वही शर्ट पहनी थी जो चांदनी ने उसे उसके जन्मदिन में उसे दिया था उसके आंसू रूक नहीं थे अब शायद अफ्रीका के जंगलों में एक शेर का आगमन होने वाला था क्योंकि इस शेर को जो चाहिए अगर उसे जंगल में नहीं मिला तो जंगल की खैर नहीं क्योंक जंगल कोई भी हो दहाड़ तो केवल इसी शेर की गुंजेगी क्षितिज अफ्रीका पहुँच चुका था वो सबसे पहले चांदनी के होटल में गया था चांदनी और उसकी टीम रूकी थी चांदनी पुरातत्व विभाग में सरकारी नौकरी करती थी इसे चांदनी ही लिड कर रही थी बारह लोग अफ्रीका आए थे एक खास तरह की मिट्टी को तलाश करने जो केवल अफ्रीका में ही मिलती है जिसमें सोने के कण बहुत ज्यादा होत है भारत के असाम के जंगलों में ऐसी थोड़ी सी मिट्टी पाई गयी थी उसी का पता लगाने चांदनी और उसकी टीम आई थी क्षितिज ने चांदनी को जाने से मना किया था उसने कहा था ये खतरनाक हो सकता था पता नहीं कैसे कैसे खतरनाक लोग होगे वहाँ जंगल में ऊपर से खतरनाक जानवरों से भरा है अफ्रीका का जंगल तुम कैसे कर पाओगी मत जाओ उसने चांदनी को कितना मना किया था जब चांदनी नहीं मानी तो क्षितिज ने कहा मै भी चलता हूँ साथ में अपने खर्चे पर उस पर भी चांदनी नही मानी थी जब क्षितिज ने आखिरी बार उससे बात की थी उसने चांदनी से कहा तुम अपना ध्यान रखना और जब भी मेरी जरूरत पड़े बस कह देना मै सब कुछ छोड़ कर आ जाऊँगा शायद चांदनी ने क्षितिज को ही याद करके उसे आवाज लगाई थी वो चीख चांदनी की ही थी जो क्षितिज को पुकार रही थी क्षितिज चांदनी के कमरे में जब गया जिस होटल में चांदनी रूकी थी वहाँ उसने अपनी तस्वीर चांदनी के तकिये के पास देखकर खुद को संभाल नहीं पा रहा था जिसके लिए उसने सब कुछ छोड़ दिया था अपना आलिशान घर दौलत गाड़ी सब कुछ एक साधारण से भी साधारण इंसान बनकर जी रहा था वो कल से लापता है अब क्षितिज चांदनी को ढूढ़ने जंगल जाने वाला था अफ्रीका के जंगल को शायद आज वास्तव में आज उसका शेर मिलने वाला था क्योंकि अब क्षितिज को रोकना किसी के लिए संभव नहीं या तो जंगल रहेगा या फिर शेर अब जंगल में ऐसी दहाड़ गूंजने वाली थी जिसे जंगल ने भी कभी नहीं सुनी होगी क्षितिज ने एक हेलिकॉप्टर किराये पर लेकर उस जंगल के ऊपर उड़ान भरकर जंगल का मुयाना किया
फिर उसे पायलट ने बताया ये जगह इस जंगल का सबसे खतरनाक इलाका है यहाँ सारे गैरकानूनी काम होते हैं और यहाँ बागी उग्रवादीयो से लेकर जंगल की सबसे खूंखार आदीवासी प्रजाति रहती है क्योंकि यहाँ कुछ ऐसा है जिसका लालच सबको यहाँ लेकर आता है आये दिन लोग इस जगह से गायब होते रहते हैं क्षितिज ने पूछा ऐसा क्या है यहाँ उसने बताया यहाँ की मिट्टी में सोना है शायद इसी लालच में सब आते हैं क्षितिज ने कहा उसे यही उतरना है तो पायलट ने उसे जाने से मना किया लेकिन क्षितिज ने कहा अगर नही गया तो मर जाऊँगा फिर पायलट ने क्षितिज को एक बोतल पानी और थोड़ा सा खाना दिया क्षितिज ने कल सुबह से कुछ नहीं खाया था उसने खाना ये सोचकर रख लिया चांदनी भूखी होगी उसे सबसे पहले ढूँढकर खाना खिलाऊंगा पानी पिलाऊंगा उसे पायलट ने जंगल के एक ऐसे कोने में हैलिकॉप्टर उतारा जहाँ खुला मैदान था थोड़ा सा बहुत मुश्किल से पायलट को ये जगह मिली पायलट ने क्षितिज को कहा अपना ध्यान रखना ये जगह आपकी सोच से भी खतरनाक है तो क्षितिज ने इसपर कहा देखते है आज ज्यादा खतरनाक कौन है फिर पायलट हेलिकॉप्टर लेकर उड़ गया और क्षितिज अब अफ्रीका के घने जंगलों में अकेले प्रवेश कर रहा था सब कुछ शांत पड़ गया था पूरा जंगल खामोश हो गया था आज क्योंकि अब जंगल की ये शांति भंग होने वाली थी क्योंकि जंगल में सुनामी आने वाली थी
क्षितिज ने जंगल में प्रवेश किया उसने चारो तरफ देखा जैसे शेर जंगल का मुआयना करता हो फिर क्षितिज आगे बढ़ रहा था इतना बड़ा जंगल जो बहुत विशाल था लेकिन क्षितिज को उसी जगह पर जाना था जहाँ की मिट्टी में सोना है क्योंकि चांदनी इसी की जांच के लिए तो आई थी क्षितिज के कदम उस क्षेत्र की तरफ बढ़ रहे थे हर ओर भयानक शांति छाई हुई थी ऐसा लगता था जैसे पूरा जंगल सो गया हो और क्षितिज ही जाग रहा हो क्षितिज उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर था चांदनी की घड़ी जिसे क्षितिज ने अपनी सैलरी के पैसे जमा करके दिया था एक कोने में झारियो में गिरी थी क्षितिज उस घड़ी को अच्छी तरह से पहचानता था उसने उस घड़ी को सीने से लगा लिया और उसके आंखों से आंसू रूक ही नहीं रहे थे वो जमीन पर बैठ गया चांदनी की घड़ी को सीने से लगाए हुए उसे याद आ रहा था जब उसने चांदनी को ये घड़ी दी थी तो चांदनी ने खुश होकर उसे गले से लगा लिया था क्षितिज मन ही मन कह रहा था ये तुमने क्या किया मेरी बात मान लेती इतना जिद्द क्यो की मुझे कम से कम साथ तो आने देती क्षितिज को बस यही चिंता थी चांदनी किस हालत में होगी क्या उसने सुबह से कुछ खाया होगा पानी उसने पी होगी कहाँ होगी कैसी होगी उसकी चांदनी क्षितिज ने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला क्योंकि अब उसके साथ चांदनी नही थी जो उसे हर बार संभाल लेती थी जब भी क्षितिज भावुक होता था
क्षितिज किसी छोटे बच्चे की तरह अभी तड़प रहा था बिना चांदनी के फिर उसने अपने आंसू पोछे फिर खड़ा होकर चारो तरफ देखने लगा जैसे आज शेर ने शिकार करने का मन बनाया हो अब उसकी आँखों से कोई नहीं बच सकता है और ना ही उसके क्रोध से ऐसा लग रहा था जैसे उसने आसमान की तरह देखकर जोर से दहाड़ा हो अपने दोनों हाथों को ऊपर करके जंगल की सारी खामोश अब लगता है भंग हो चुकी है वो आगे चल पड़ा शिकार करने शेर अपने शिकार पर कभी रहम नहीं करता है उसे ढ़ूढ़कर फाड़ डालता है यही बात उसे शेर बनाती है जंगल का राजा सारे खूंखार जानवरों का बाप
वो अब आगे बढ़ चुका था अब जंगल और भी घना और खतरनाक हो चुका था चारों तरफ से भयानक आवाजे आ रही थी लेकिन क्षितिज की आंखे हर जगह चांदनी को ही तलाश रही थी उसने एकाएक सामने एक पहाड़ देखा उसे लग रहा था हो ना हो चांदनी यही पर होगी उसका दिल चीख चीख कर ये कह रहा था तभी उसने देखा सामने से दो हथियार बंद लोग आ रहे थे आज तो इन दोनों की खैर नहीं थी गलती से गलत वक़्त पर भूखे और गुस्साए शेर के सामने जो आ गया था फिर क्षितिज ने उनकी वही हालत की जो शेर अपने शिकार का करता है क्षितिज का सारा गुस्सा उन दो हथियार बंद नक्सलियों पर उतर चुका था दोनों बिल्कुल अधमरे हो चुके थे उन दोनों को पता चलता तब तक वो अधमरे हो चुके थे क्षितिज ने उन दोनों से पूछा चांदनी और उसके दल के बारे में लेकिन उनकी ऐसी हालत कर दी थी क्षितिज ने की वो अब बोलने के भी लायक नहीं रह गए थे आज उन दोनों बंदूकधारियों का दुर्भाग्य था जो आज वहाँ वो क्षितिज के सामने आ गये क्षितिज का गुस्सा अब और बढ़ रहा था जैसे कोई शेर आदमखोर हो जाता है ठीक उसके आंखों में भी वही आदमखोर शेर का क्रोध था क्षितिज आगे बढ़ रहा था चांदनी की जैसे जैसे उसे याद आती उसकी आंखों में आंसू आ जाते और क्रोध और भी बढ़ता ही जा रहा था ऐसा लग रहा था जंगल में ज्वालामुखी का भयंकर विस्फोट होने वाला हो सामने उसने देखा एक आदमी अंतिम सांसे गिन रहा था शायद वो चांदनी के दल के साथ आया एक व्यक्ति हो ये सोचकर क्षितिज उसके पास गया उसे पानी पिलाया और पूछा सब लोग कहाँ है तुम चांदनी के साथ थे उसने आंखों के इशारे से हां कहा और उसी पहाड़ की तरफ देखकर दम तोड़ दिया क्षितिज को अब चांदनी को लेकर बहुत चिंता हो रही थी उसने उस आदमी को वही छोड़ा और पहाड़ की तरफ तेजी से बढ़ने लगा क्षितिज आगे बढ़ रहा था
क्षितिज ने कुछ लोगों को देखा उनके साथ कुछ टूरिस्ट थे जिन्हें वो लोगों पकड़ कर उसी पहाड़ की तरफ ले जा रहे थे क्षितिज का मन तो कर रहा था उन सबको अभी के अभी अपने क्रोध की अग्नि में जला डाले लेकिन उसे चांदनी तक पहुंचना था इसलिए क्षितिज उनके पीछे पीछे चलने लगा
वो लोग आपस में किसी पुराने खूंखार आदिवासी कबीले की बात कर रहे थे जिनके लिए वो लोग काम करते है ये आदिवासी कबीला पीढ़ी दर पीढ़ी इस जगह पर रहते आए हैं और यहाँ की मिट्टी का सोना वो कभी किसी को ले जाने नहीं देते हैं जहाँ पर कोई भी बाहरी इंसानों का दखल नही है ये हर पीढ़ी दर पीढ़ी मनुष्यों से दूरी बनाए रखते हैं और जब कभी कोई भी इंसान इनके इलाके में जो आ आता है तो फिर वो उन्हें कभी नहीं छोड़ते है उनका मरना तय है उसका सिर काटकर लटका देते हैं लेकिन आजकल आदिवासी कबीले और उग्रवादियों के बीच समझौता हुआ है जिसके बारे में कोई नहीं जानता है शायद चांदनी और उसकी टीम इसी समझौते का शिकार हो गयी है जैसे जैसे वो विशाल पहाड़ नजदीक आ रहा है जंगल और भी घना होता जा रहा है और भयानक भी
क्षितिज ने वहाँ पर कई सारे लापता लोगों के कटे सर देखे हैं जो हर जगह पेड़ों पर लटकाए गये थे क्षितिज का दिल वैसे बिल्कुल मोम की तरह था लेकिन जब बात चांदनी की थी तो उसका दिल आज जैसे किसी जंगल के सबसे खूंखार शेर के जैसे जल्लाद की तरह हो गया हो जिसके जैसा खूंखार और खतरनाक पूरे जंगल में क्या दुनिया के किसी कोने में नहीं है उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था बस उसका गुस्सा और भी बढ़ रहा था उसने देखा अंदर से एक जंगली आदिवासी एक लड़की और एक लड़के को बालो से पकड़कर घने जंगल की तरफ ले जा रहा था क्षितिज ने देख लिया आज उस आदीवासी का भयानक शिकार होने वाला था क्योंकि उसके दरवाजे पर सबसे खूंखार क्रोध से पागल शेर आ पहुंचा था अब तो उसकी खैर नहीं थी क्षितिज उस जंगली आदीवासी के पीछे गया और उसने
आदिवासी को पीछे से कंधे पर हाथ रखा जैसे ही आदिवासी पीछे मुड़ा क्षितिज ने उसकी गर्दन से उसकी हलक ही निकाल ली जैसे शेर गर्दन अपने शिकार को गर्दन से ही दबोचा है ठीक क्षितिज ने भी वही किया वो आदिवासी तो चीख भी नहीं पाया क्षितिज ने उन दोनों लड़के लड़कियों को बचा लिया था जिसका शायद आज वो आदिवासी सर कलम करने ले जा रहा था क्षितिज ने उन दोनों को संभाला वो बहुत डरे हुए थे और रो रहे थे फिर जब वो थोड़ा स्थिर हुए तो उन्होने बताया बहुत सारे लोगों को बंधक बना कर लाया गया है उन्हें जंगल से अगवा कर लिया गया है आज रात कुछ बड़ा होने वाला है सब लोगों को पहाड़ी के उस पार ले गये हैं और यहाँ कुछ उग्रवादी है और कुछ कबीले वाले क्षितिज ने पूछा कितने देर पहले ले गये हैं और क्या उसमें कोई लड़की भी है जिसका नाम चांदनी है उन्होंने कहा लड़की तो है लेकिन हम किसी का नाम नहीं जानते किसी को बात करने की इजाजत नहीं थी क्षितिज ने कहा तुम दोनों जाओ जंगल से बाहर रास्ता उस नदी के सहारे चलते जाना जंगल के बाहर निकल जाओगे और फोरेस्ट ऑफिसर को सुचना देना यहाँ लोगों को आदिवासी ने बंधक बना रखा है दोनों लड़का और लड़की जाने लगे तो क्षितिज ने उन्हें पानी की बोतल और खाना दिया जो उसने चांदनी के लिए रखा था और कहा खाना खा लेना और ठीक से जाना संभल कर दोनों चले गये अब क्षितिज ने उस मरे हुए आदिवासी की तलवार उठाई और सीधे कबीले के अंदर घुस गया जहाँ वो बाहर में उग्रवादी बैठे थे जो लोगों को अगवा करके लाते थे क्षितिज के लिए एक एक पल कीमती था उन उग्रवादी को कुछ समझ में आता उससे पहले ही वो दुनिया छोड़ चुके थे क्योंकि ऐसे लोगों को मारना कोई पाप नहीं कबीले के सारे लोग पहाड़ी के पीछे गये थे क्षितिज को कबीले के अंदर कोई नहीं दिख रहा था क्षितिज फिर पहाड़ी के पीछे जाने लगा वो सोच रहा था काश चांदनी मेरी बात मान लेती अगर जाना ही था तो मुझे तो चलने देती फिर कभी ऐसा होता ही नहीं क्षितिज तेजी से आगे पहाडो को पार करके उस पार जाना चाहता था एक ऊंचे स्थान पर पहुँच कर उसने देखा आदिवासी एक अजीब से दिखने वाले देवता के मूर्ति के पास खड़े है और उसे कोई नजर नहीं आ रहा था चांदनी और उसकी टीम तभी क्षितिज की नजर धूमी उसने देखा जमीन पर बैठी उसकी चांदनी उसे नजर आई उसके हाथ बंधे थे उसके टीम के सारे लोग की यही हालत थी सबके हाथ बंधे थे क्षितिज तो बस चांदनी को ही देख रहा था चांदनी ने जब अपना चेहरा ऊपर किया और ऐसा लगा क्षितिज को शायद चांदनी को ऐसा महसूस हो रहा है की मै यही पर हूँ चांदनी का चेहरा मुरझाया सा और बेहद उदास लग रहा था जैसे वो प्यास से तड़प रही हो क्षितिज का गुस्सा जो पहले ही अपनी सीमाऐं पार कर चुका था अब तो लग रहा था विस्फोट होने वाला है बहुत ही भयानक क्षितिज अब धीरे धीरे नजदीक आ चुका था चांदनी के करीब ऊंचे टीले पर खड़े होकर वो चांदनी को देख रहा था उसने चांदनी को ढूंढ लिया था आखिर
तभी उन आदिवासी के सरदार ने चांदनी के साथी को बारी बारी से पीटना शुरू कर दिया वो सब को बारी बारी से पीटते हुए चांदनी के पास पहुंचा उसने जैसे ही चांदनी को पीटना चाहा क्षितिज ने ऊपर टीले से छलांग लगा दी दोनों हाथों में तलवार लहरा कर और और उस सरदार को कुछ समझ में भी आता और उससे भी पहले वो चांदनी को छू भी पाता उसके सर के दो टुकड़े होकर बिखर चुके थे क्षितिज अपनी चांदनी के सामने था चांदनी ने क्षितिज को देखा तो क्षितिज ने कहा कुछ मत कहो बस उसने चांदनी को गले लगा लिया और उसके हाथ खोले तभी पीछे से खूंखार कबीले के कुछ सबसे खूंखार लड़ाके आ गये क्षितिज को घेरने के लिए क्षितिज ने चांदनी ने पूछा क्या इन्होंने तुम्हे मारा भी था चांदनी ने कहा हां इतना सुनना था की फिर तो उन आदिवासियों ने अपने पूरे जीवन में इतनी क्रूरता नहीं की होगी जो उनके साथ हो रहा था जो लड़ाके थे सब मारे जा चुके थे सब आदिवासी को कुछ समझ में आता इससे पहले क्षितिज ने कहा चांदनी के साथियों से चलो निकलो यहाँ से जल्दी चांदनी के सारे साथी क्षितिज और चांदनी जंगल की तरफ भागने लगे तभी चांदनी ने पूछा अभी तो तुमने इतना कुछ किया फिर भागने के लिए क्यों कह रहो हो क्षितिज ने कहा जब तक तुम नहीं मिली थी तुम्हारी चिंता में मेरे अंदर का शेर जाग गया था तुम मिल गयी उसने अपनी भरास निकाल ली अब वो सो गया है क्षितिज ने भी ऐसे मौके पर भी चांदनी के मजाक पर उसे बहुत प्यार आ रहा था क्षितिज सोच रहा था मांग भी क्या रही है क्षितिज ने कहा तो ठीक है मै अब जाता हूँ सबको मारने चांदनी कहती है अरे रहने दो तुम तो बुरा मान गये चांदनी के टीम के सदस्य कहते हैं आप लोग पागल है क्या यहाँ जान पर बनी है और आप दोनों को मजाक सूझ रहा है फिर चांदनी ने कहा ये हमारा प्यार है वो लोग आदिवासी की पहुंच से अभी फिलहाल दूर थे घने जंगलों में फिर क्षितिज ने चांदनी को कहा दो मिनट रूको तो सब रूक गये क्षितिज ने चांदनी को इस बार गले से लगा लिया और चांदनी ने भी क्षितिज को क्षितिज ने कहा मेरी तुमने बात क्यों नहीं मानी देखो क्या हो गया तुम्हारी हालत कैसी हो गयी है उन आदिवासीयो की इतनी मजाल की तुम्हे उन्होंने मारा अगर तुम्हारे साथियों के जीवन का सवाल नहीं होता तो आज कोई नहीं बचता चांदनी ने फिर मजाक किया फ्रिक मत करो अभी आगे मौका मिलेगा कहाँ अभी हम बाहर निकले हैं जंगल से क्षितिज ने कहा मुझे तुम्हारी यही अदा पसंद आती है तुम जब मेरे साथ होती हो तो बेफ्रिक क्यो हो जाती हो चांदनी ने कहा क्योंकि तुम हो ना मुझे हर बार संभालने के लिए चांदनी ये कहकर फिर से बड़े प्यार से क्षितिज के गले लग गयी शाम हो चली थी और आज उन खूंखार आदिवासीयो को सिर्फ उनकी तलाश थी
क्षितिज ने चांदनी से पूछा तुम ठीक हो ना तुम्हे भूख लगी होगी चांदनी ने कहा हां मै ठीक हूँ तुम जो साथ में हो और मुझे भूख लगी है क्षितिज ने कहा मै तुम्हारे लिए खाना और पानी लेकर आया था मगर किसी को दे दिया चांदनी ने कहा कोई बात नहीं कोई तो भूखा नहीं रहेगा चांदनी ने पूछा तुम मुझे ढ़ूढ़ते ढूढ़ते यहाँ तक आ गए चांदनी ने पूछा कैसे आए तुम क्षितिज ने कहा प्लेन से और कैसे आऊंगा चांदनी ने पूछा छुट्टी मिल गयी तुम्हे क्षितिज ने कहा कैसी बात कर रही हो तुम मै ही मैनेजर को तीगुनी सैलरी का ऑफर देकर आया हूँ चांदनी ने कहा अच्छा तो मुझे भी जाॅब पर रख लो मुझे दोगुनी दे देना ज्यादा लालच मै नहीं करती हूँ क्षितिज ने कहा नौकरी पक्की है फिर दोनों खूब हंसे क्षितिज को चांदनी के मुरझाए चेहरे पर ये हंसी बहुत अच्छी लग रही थी चांदनी ने पूछा तुमने कुछ खाया है की नहीं क्षितिज ने कहा नहीं चांदनी ने कहा हम वापस पहुंच कर ही शादी कर लेगे क्षितिज ने कहा क्या कहा दुबारा से कहना चांदनी ने कहा जो कहा तुमने सुना दूबारा मै नहीं बोलूंगी तुम तैयार हो ना क्षितिज ने कहा कब से मै ये सुनने के लिए तरस रहा था तुम यहाँ क्यो आ गयी हम शादी करके अभी कही घूमने जाते तब कह देती ना चांदनी ने कहा अब कह रही हूँ ना क्षितिज ने उसे गले से लगा लिया क्षितिज के आंखों में आंसू थे और चांदनी के आंखों में शरारत चांदनी ने पूछा तुम्हारे अंदर का शेर अभी क्या कर रहा है क्षितिज ने कहा अपने घर गया है अपनी घरवाली के पास दोनों फिर हंसने लगे
क्षितिज ने कहा ऐसे मौके पर भी तुम्हे मजाक सूझता है यही बात तो मुझे तुम्हारी सबसे अच्छी लगती है चांदनी ने पूछा क्षितिज से हम बाहर कैसे निकलेगे
क्षितिज ने कहा हमे अंधेरे में निकलना होगा लेकिन उसमें खतरा ज्यादा होगा जंगली जानवर का तभी चांदनी ने कहा हमे जानवरों का क्या खतरा शेर लौट आया ना तुम्हारे भीतर का क्षितिज ने बस हल्की सी स्माईल दी
क्षितिज ने कहा हम सुबह तक नहीं रूक सकते हमे आगे बढ़ना होगा अभी सब धीरे धीरे आगे बढ़ रहे थे जंगल में घना अंधेरा था चारो ओर बड़ी भयंकर आवाजें आ रही थी क्षितिज ने पूछा चांदनी से चलते चलते वैसे वो आदिवासी आज रात में क्या करने वाले थे चांदनी ने कहा उनके पास कुछ ऐसा है जिसका उपयोग वो हर इक्कीस साल के बाद करते हैं उसके लिए उन्हें कम से कम बारह से पंद्रह लोगो की जरूरत होती है उसमें इतनी ऊर्जा होती है जो पल भर में सबकुछ आस पास के चीजो को जला देती है उसका कनेक्शन उस मूर्ति से जुड़ा है जो तुमने एक अजीब सी मूर्ति देखी होगी एक देवता की क्षितिज ने कहा ये माया सभ्यता से भी पुराना कबीला है जो अब तक बचा हुआ है और उनका अस्तित्व उसी मूर्ति से है तभी क्षितिज ने कहा तुम्हे इतना सब कैसे पता तब उसने बताया हमे जो उग्रवादी ने अगवा किया था उसमें और सरदार में उसी चीज को लेकर बहस हो रही थी मै वही थी मैने सुन लिया तब क्षितिज ने कहा मैने जितना सोचा था ये उससे भी शायद खतरनाक है मुझे सबकी जान बचानी है हमे जल्द से जल्द यहाँ से बाहर निकलना होगा अगर वो मूर्ति माया सभ्यता से भी पुरानी है और वो कबीला उतना ही पुराना है तो हमें जल्दी करनी होगी किसी भी तरह की गलती का कोई चांस ही नहीं है तभी चांदनी को फिर मजाक सूझा उसने कहा प्लीज तुम अपने अंदर के शेर को बुला लो ना क्षितिज ने उसकी तरह देखा और फिर वही हल्की सी प्यारी सी मुस्कान छोड़ी
क्षितिज सोच रहा था कैसे सबको लेकर सुरक्षित निकले आदिवासी अब पूरे जंगल में फैल चुके थे उन सबकी तलाश में
आदिवासीयो ने एक नया सरदार चुन लिया था वो भी जालिम था चांदनी और उसके टीम के सारे साथी थक चुके थे बुरी तरह से उनमें अब हिम्मत नहीं बची थी एक कदम चलने की क्षितिज सोच रहा था अब वो कैसे चांदनी और उसके टीम के साथी को सुरक्षित बाहर निकालेगा कोई अब चल भी नहीं पा रहा था तभी क्षितिज को एक बात याद आई जो बचपन में उसने सुनी थी शेर चाहे छोटा हो या बड़ा वो शेर ही होता है और जंगल उसके आहट से ही कांप जाता है क्षितिज ने सोचा मै ही क्यो ना सारे आदिवासी को ढूंढ ढूढ़ कर मारू उसने चांदनी को कहा देखो सामने छोटी सी एक गुफा है मुझे ये सुरक्षित लग रही है सब वहाँ चलो किसी तरह सब वहाँ गये फिर क्षितिज ने कहा तुम सब की
हालत वैसी नहीं है जो इतना लम्बा जंगल पार कर सको तो तुम सब मे से एक भी यहाँ से कही मत जाना जब तक मै वापस ना आ जाऊँ तभी चांदनी ने पूछा अंदर का शेर जाग गया क्या क्षितिज ने कहा हां चादनी खुश हो गयी सारे लोग उसके टीम के कहने लगे मैडम आप पागल है क्या यहाँ हमारी जान पर बनी है और आप को खुश हो रही है चांदनी ने कहा क्यो परेशान होते हो तुम एक काम करो थोड़ा आराम करो क्यो दिमाग पर जोड़ देते हो कुछ नहीं होगा हमे चांदनी को इतना विश्वास है क्षितिज पर जब तक वो है किसी को कुछ नहीं होगा क्षितिज जाने लगा चांदनी को कहा सबका ध्यान रखना देखना कोई बाहर ना निकले मेरे आने तक चांदनी ने कहा जल्दी आना मै इंतजार करूँगी और अपने शेर को काबू में ही रखना क्षितिज ने चांदनी को गले से लगा लिया फिर कहा जा़ओ अब गुफा के अंदर मै इन आदिवासी की माया समाप्त करके आता हूँ क्षितिज का बचपन का सबसे पसंदीदा खेल लुका छिपी ही थी क्योंकि जब वो छिपता था उसे फिर कोई नही ढूंढ पाता था आज फिर से क्षितिज लुका छिपी खेलने वाला था फर्क सिर्फ इतना था छुपना भी उसे ही था और ढूढ़ना भी उसे ही था क्षितिज अब चलते चलते उन आदिवासीयो के करीब पहुँच चुका था फिर शुरू हुआ लुका छिपी का खेल इस बार शायद ये सारे आदिवासी अब घर लौट कर नहीं जाए पाएंगे क्योंकि ये आदिवासी निकले है शिकार करने के लिए लेकिन इन्हें शायद पता नहीं एक भूखा शेर इनका शिकार करने के लिए पहले से इनका इंतजार कर रहा है खेल शुरू हो चुका था शिकार का असली शिकार क्या होता है आज इन आदिवासीयो को पता लग रहा था साठ आदिवासीयो का दल जो निकले थे सब एक एक करके शिकार हो रहे थे क्षितिज को जल्दी ये सब खत्म करके चांदनी के पास जाना था
उधर आदिवासियों के कबिले में उस मूर्ति की भी अजीब कहानी है उस मूर्ति की जो देवता की थी माया सभ्यता से भी पुरानी उसकी एक चीज आदिवासी कबीले वाले उस मूर्ति से दूर रखते थे जिसकी इफाजत उनका कबीला करता आया था कहते हैं देवता के मूर्ति के पास जो दिल का स्थान खाली है वहाँ उस चीज को उस खाली स्थान मे रख दिया जाए तो आपस में दोनो के स्पर्श होने से देवता जाग जाएंगे फिर बहुत बड़ी अनहोनी होगी ऐसा कुछ जैसे किसी ने भी नहीं सोचा होगा ना क्षितिज ने और ना ही चांदनी ने ना ही आदिवासी कबीले ने और ना चांदनी के साथीयों ने शायद शेर का मुकाबला शेर का उससे होने वाला था जिसका सामना शेर ने भी कभी नहीं किया था जंगल में शायद कोहराम मचने वाला था
कबीले वाले को बस इतना पता था जब कबीले पर संकट आए तो देवता उनकी मदद करेगे उस दिल को देवता के दिल के पास जो खाली स्थान है वहाँ रखना है लेकिन आज तक माया सभ्यता के पहले से अब तक किसी ने ऐसा नहीं किया है बस सब अपने पूर्वजों से सुनते आ रहे अगर देवता जाग गये तो फिर कयामत आ जाएगी कभी कोई ऐसा नहीं करेगे पीढ़ी दर पीढ़ी ऐसा ही होता आ रहा था लेकिन आज जंगलो में अजीब सी खामोशी चारो ओर सन्नाटा था ऐसा लगता था की आज देवता जाग ना जाए शायद आज क्षितिज के दिल में भी अजीब सी बेचैनी हो रही थी और चांदनी जिसे क्षितिज पर कितना विश्वास था लेकिन आज वो भी बेचैन थी चांदनी के टीम के साथी आदिवासी कबीले में जंगल में हर ओर बेचैनी ही थी क्षितिज ने अपना लुका छिपी शिकार का खेल पूरा कर लिया था अंतिम शिकार नये सरदार को उनकी सही जगह पर भेज कर इस कबीले के इतिहास मे पहली बार एक ही दिन में दो सरकार की मौत इस कबीले के विनाश की निशानी तो नहीं सारे आदिवासी एक साथ एक जगह जमा थे हवाऐं ऐसी चल रही थी जैसे अब हर ओर से भयंकर थर्राहट मचने वाली थी आदिवासी के पुजारी को खबर हो चुकी थी सब मारे जा चुके हैं नया सरदार भी बहुत देर तक सब खामोश रहे पुजारी ने कहा ये कबीले का अंत है लगता है हमारे पूर्वजों ने कहा था जब कबीले का अंत नजर आए तो जिस दिल को संभाल कर रखा है उसे अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने के लिए लेकिन ऐसा करने से पहले सौ बार सोचकर अगर तुम्हारा दिल मजबूत हो तभी अगर खौफ डर है तो कभी ऐसा मत करना ये सोने की मिट्टी हर रोज इस देवता के दिल से ही निकलता रहता है सदियों से क्या हमें ऐसा करना चाहिए तभी हर होर से जानवरों के भयानक रूप से रोने की आवाज आने लगी आदिवासीयो के कबीले के एक सदस्य ने कहा मुझे ये तो मौत का रोना लग रहा है हमे ऐसा नहीं करना चाहिए तभी पुजारी ने कहा पता नहीं वो कौन दुश्मन है जिसने आज हमारे इतने आदमियों को मारा है जब से हमारा कबीले है तब से आज तक किसी बाहरी ने हमें खरोच तक नहीं लगाई है और आज इसने सारे बंधकों को जिसे हम देवता को भेट स्वरूप चढ़ाते उन्हें भी साथ ले गया वो कोई साधारण आदमी नहीं है वो हमारे कबीले का विनाश बनकर आया है बहुत पहले ऐसी भविष्यवाणी हमारे पूर्वजो ने कुछ चित्रो को बनाकर कर दी थी जहाँ एक लड़की है वो आदमी जैसा ही कोई है और हमारे कबीले के लोग नीचे मरे है हमे अपने कबीले को बचाना होगा उससे हमे देवता की मदद लेनी ही होगी अपने को विनाश से बचाने के लिए उधर क्षितिज लौट आया था वापस चांदनी के पास चांदनी ने कहा शेर ने सबको खा लिया क्षितिज ने कहा हां खा लिया शेर ने सबको लेकिन शेर को ऐसा लगता है की कोई बड़ा शिकार अभी और करना बाकी है चांदनी ने कहा ना जाने मेरा दिल घबरा रहा है बहुत अंदर से मुझे अच्छा नहीं लग रहा है जब से क्षितिज आज चांदनी से मिला था चांदनी के चेहरे पर कोई घबराहट नहीं थी वो मुस्कुरा ही रही थी लेकिन अभी वो क्षितिज के गले लगकर रोने लगी क्षितिज से कहा चांदनी ने चलो अभी हम यहाँ से चलते हैं क्षितिज ने कहा अब कोई यहाँ आने की हिम्मत नहीं करेगा तुम घबराओ नहीं मै हूँ ना अगर जो भी आएगा तो मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूं ये मै नहीं मेरे भीतर का शेर कह रहा है मै उसे वापस लौटकर जाने नहीं दूंगा वो कल का सूरज नहीं देख पाएगा तुम घबराओ नहीं हम सुबह होती ही सब निकल जाएंगे यहाँ से
चांदनी को क्षितिज के बातो पर यकीन था लेकिन अभी भी अंजाना डर उसे सता रहा था और क्षितिज भी अब बेचैन होकर गुफा के भीतर चक्कर काट रहा था जैसे शेर अपने मांद में गोल गोल घूमता है
उधर आदीवासीयो सब मिलकर बात ही कर रहे थे की तभी एक आदीवासी वहाँ जहाँ पहुँचा जहाँ उस देवता का दिल सुरक्षित रखा था एक गुफा मे जिसे आदीवासी लोग सबसे पवित्र गुफा मानते थे वहाँ सिवाय पुजारी और कबीले के सरदार को छोड़कर हर किसी का प्रवेश वर्जित था उस आदीवासी को देखकर लग रहा था जैसे आज ये होश खो बैठा है वो उस गुफा के अंदर चला गया जहाँ जाने की हिम्मत कोई नहीं करता है और उसने एक चमकती हुई चीज देखी जिससे रौशनी निकल रही थी उसे इतना जरूर पता था की यही वो दिल है जिससे देवता जाग जाएंगे उधर चांदनी ने सोचा मै खामाखां परेशान हो रही हूँ उसे फिर से मजाक सूझा उसने क्षितिज से पूछा क्या कर रहे हो क्षितिज ने कहा समझो पहरा दे रहा हूँ चांदनी ने कहा अपने भीतर के शेर को जगा कर रखा है ने तुमने पहरा दे रहे हो इसलिए पूछ रही हो क्षितिज ने कहा वो शेर है जब जरूरत होती है तब जागता है कुत्ता थोड़े ही है की बिना बात के भूंकता रहे वो तो बस दहाड़ना जानता है जोरदार तरीके से चांदनी ने कहा ऐसे ही बोलते रहो मेरा अच्छा मनोरंजन हो रहा है तुम्हारी बातों से क्षितिज ने फिर से मुस्कुरा दिया और चांदनी से कहा तुम सो जाओ सुबह सुबह हम निकलेगे
आदीवासीयो के कबीले में वो होश खोया आदीवासी ने अपने हाथों से उस देवता के दिल को उठा लिया लिया फिर उसका हाथ धीरे धीरे पिघलने लग गया उस आदिवासी को अब समझ में आ गया था उसने बहुत भारी गलती कर दी है उसे पता था अगर उसे अपना हाथ बचाना है तो फिर उसे जितनी जल्दी हो उस दिल को देवता के खाली पड़े दिल के स्थान पर रखना होगा वो बहुत तेजी से चीखते हुए बेतहाशा दौड़ते हुए वहाँ देवता के मूर्ति के पास पहुंच चुका था वो जोर जोर से चीख रहा था उसके हाथ गल रहे थे दर्द से वो पागल हो रहा था वो उसे वहाँ रखने ही वाला था सभी कबीले वाले पुजारी जोर से चिल्ला रहे थे ऐसा मत करो रूक जाओ लेकिन उस आदिवासी ने उस दिल को देवता के खाली स्थान जो दिल का स्थान था वहाँ डाल दिया तभी आदिवासी के पूरे हाथ के परखच्चे उड़ गये एक धमाके के साथ वो दूर गिरा जाकर उसके बाद पूरे जंगल में जैसे भयंकर भगदड़ मच गयी हो
आदिवासी कबीले के लोग डरे थे सब जानते थे ये उनके देवता है लेकिन क्या ये देवता दयालु हैं या निर्दयी ये पूरा कबीला नहीं जानता था तभी देवता की आंखे जो ना जाने कितने हजार सालो से बंद थी एकाएक लाल रंग से चमकने लगी
हर ओर हलचल मचा गयी सब कबीले वाले डर रहे थे तभी एक भयानक आवाज आई उस देवता के भीतर से ऐसी आवाज जो कानो के पर्दो को भी फाड़ दे सब अपने कान पकड़कर बैठ गये जमीन पर देवता में हरकत हो रही थी उसके एक कदम आगे बढ़ाया तो ऐसा लगा पूरी कबीले की बस्ती हिल गयी हो फिर देवता का मूर्ति जैसी थी वो अब बिल्कुल वैसी नहीं थी ऐसा लगता था किसी ने सोने के कपड़े पहन लिए हो आंखो तो ऐसे जैसे दो इतने लाल बल्ब जिसे जो देख ले उसकी आंखे खराब हो जाए देवता का चेहरा बड़ा ही भयानक और भद्दा सा लग रहा था और उसकी सांस लेने से अजीब सी भयानक आवाज आ रही थी देवता ने चारो ओर देखा जो लोग उसे सामने नजर आ रहे थे उनके पास जाकर उन्हें खतरनाक तरीके से घूरने गए थे आदिवासी लोग देवता के पैरो में गिर गये और देवता की जय हो के नारे लगाने लगे लेकिन देवता ने अपने हाथो से उन लोगों को एक एक करके मारना शुरू कर दिया बस्ती में हर ओर हड़कम्प मच गया सब आदीवासी इधर उधर भागने लगे देवता जैसे हर एक को स्कैन कर रहा थे और आदिवासियों को एक एक करके मार रहा थे तभी उस कबीले का पुजारी देवता के सामने आकर जोर जोर से चिल्लाने लगा था हम आप को आपकी चीज दे देगे आपको जो चीज की तलाश है जिससे आप आए थे वो तो जंगल में है एक गुफा मे देवता आदिवासियों को मारना बंद कर देते हैं पुजारी उन्हे जंगल की तरफ ईशारा करता है फिर देवता जंगल की ओर देखते हैं वो कुछ स्कैन करने की कोशिश करते है और उन्हे अपने स्कैन में कुछ लोग एक गुफा मे स्कैन होते हैं देवता गुस्से से जंगल की ओर बढ़ते है तभी एक डरा हुआ आदिवासी पुजारी से पूछता है कौन सी चीज तब पुजारी बताता है माया सभ्यता से भी पहले आकाश से एक दिन हमारे पूर्वजों को एक चमकदार चीज नजर आई वो धीरे धीरे नीचे आई हमारी तरफ उसके भीतर से देवता निकले जो मानव जाति को उन्नत बनाने के इरादे से आए थे उन्होंने खेती के बारे में लोगों को ज्ञान दिया लोहे के बारे में जानकारी दी भाषा का ज्ञान दिया ये बहुत पुरानी बात है जब हमारे कबीले वाले थोड़े समझदार हुए पहले कबीले वाले जानवरों की तरह जीते थे पेड़ों पर गुफाओ में रहकर लेकिन देवता ने ही उन्हें घर में रहने का ज्ञान दिया आग के बारे में उन्होंने ही बताए वो हजारो साल साथ रहकर हमारी जाति को उन्नत बना रहे थे जैसे जैसे हमारे पूर्वज समझदार हो रहे थे उनके मन में लालच पनपने लगा उन्हें पता चल गया था की देवता का दिल उसे देवता रोज जिससे वो आकाश से आए थे उसमें हर रोज कुछ करते थे ताकि वो निष्क्रिय ना हो एक दिन कबीले वाले ने देवता को घोखा दिया जब देवता दिल में (चार्ज) प्राण भूख रहे थे तो उन्होने उस चीज को बंद कर दिया (स्वीच) जिससे वो दिल में प्राण डालते थे फिर उन्होंने दिल को देवता से अलग कर दिया और देवता धीरे धीरे मूर्ति की तरह दिखने लगे देवता को अपना वो चीज चाहिए जिससे वो आए थे ताकि देवता अपने दिल में प्राण फूंक कर और ऊर्जावान बन जाएंगे फिर शायद पूरे कबीले को सजा देगे हमे तुरंत यहाँ से भागना चाहिए वरना आज किसी के प्राण नहीं बचेगे फिर एक आदिवासी ने पूछा आपको ये सब कैसे पता उसने कहा पहाड़ी के पीछे जो सबसे पुराना जंगल है वहाँ के चट्टानो के पत्थरो पर सारे चित्र उकेरे गये हैं देवता के आने से लेकर उनको धोखा देने तक के सारे चित्र मौजूद है ये सभ्यता के शुरुआत के दौर से ही मौजूद है हमे अब यहाँ से तुरंत निकलना चाहिए
उधर देवता को जिस चीज की तलाश थी वो वही गुफा के नीचे दफन था जहाँ क्षितिज और चांदनी के साथी मौजूद थे जैसे जैसे देवता गुफा के निकट आ रहे थे चांदनी और उसके साथियों की धड़कन बढ़ती जा रही थी लेकिन क्षितिज को ये एहसास हो गया था कोई खतरा उसकी तरफ बढ़ रहा है
देवता अब गुफा को दूर से देख रहे थे उसने गुस्से से गुफा की दीवारों पर एक बड़ा पत्थर जो साधारण इंसान हिला भी ना पाए दे मारा तभी गुफा की दीवार दरकने लगी इस जोरदार टक्कर से सभी लोग घबरा गए क्षितिज ने चांदनी को कहा जल्दी सबको लेकर बाहर निकलो गुफा ढ़हने वाली है सब जल्दी से बाहर आ चुके थे और गुफा ढ़ह चुकी थी सब लोग देवता को देखकर डर गये चांदनी चीखते हुए क्षितिज के गले से लिपट गयी किसी ने भी अपने जीवन में ऐसा भयानक रूप किसी का नहीं देखा था क्षितिज ने कहा डर क्यों रही हो चांदनी मै हूँ ना मेरे अंदर के शेर को अब नहीं बुलाओगी चांदनी कुछ नहीं बोल रही थी उसे बस एक ही डर लग रहा था क्षितिज से अलग होने का
डर क्षितिज से जुदा होने का डर क्षितिज ने भी अपने जीवन में कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था
क्षितिज ने कहा चांदनी को सबको लेकर पीछे हो जाओ अब देवता क्षितिज को घूर रहा था और क्षितिज उस देवता को देवता क्षितिज की बलि ही लेना चाह रहा था उसे मार कर और क्षितिज के अंदर का शेर एक और शिकार करने के लिए तैयार था तभी देवता ने क्षितिज को एक लात मारी क्षितिज दूर जाकर गिरा उसे संभलने में एक से दो मिनट लगे जीवन में पहली बार किसी ने क्षितिज को लात मारी थी वो भी ऐसी की क्षितिज मुश्किल से खड़ा हो पा रहा था ये देखकर चांदनी जोर से चीखने लगी तभी देवता की नजर उस चीख पर गयी वो चांदनी की तरफ बढ़ने लगा तभी उसे बचाने उसके टीम के कुछ साथी आगे आ गये लेकिन देवता ने उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया फिर वो चांदनी की तरफ बढ़ा जैसे ही देवता चांदनी का गला पकड़ने के लिए हाथ बढ़ा रहा था तभी क्षितिज के अंदर का शेर फिर से जैसे जाग गया उसने इतनी फूर्ती से देवता के सर पर पत्थर से जोरदार तरीके से वार किया देवता को ऐसी उम्मीद नहीं थी उसका मुकाबला अभी तक डरे हुए लोगों से हुआ था लेकिन पहली बार उसका सामना बब्बर शेर से हो रहा था देवता पीछे जाकर गिरा क्षितिज ने पूछा तुम ठीक हो चांदनी चांदनी ने हल्के आवाज में पूछा शेर जाग गया क्या तुम्हारा क्षितिज ने हंसते हुए कहा हां क्षितिज ने कहा तुम सबको और जो घायल है उन्हें लेकर दूर चली जाए मै इस नमूने को कबाड़ में फेक कर आता हूँ देवता उठ खड़ा हुआ वो बहुत गुस्से में था उसका आंखे लाल ऐसी भयानक लग रही थी की कोई भी बेहोश हो जाए उसे देखकर मगर वो क्षितिज ही था जो उसकी लाल आंखो मे आंखे डालकर खड़ा था देवता ने क्षितिज के ऊपर एक रसायन फेंका लेकिन क्षितिज पहले से तैयार था वो उस वार से बच गया लेकिन जहाँ पर भी वो रसायन गिरा वहाँ वो जगह आग के साथ पिधल रही थी अब बारी क्षितिज की थी उसके आंखो के पास मे रिस रहे पानी जो एक पेड़ के पास से निकल रही थी जहाँ से वो पानी रिस रिस कर निकल रही थी वहाँ कीचड़ जम चुका था क्षितिज ने वो कीचड़ उठाया और देवता के आंखो पर दे मारा लेकिन ये वो देवता था जिसने मनुष्य की सभ्यता को विकसित करना सिखाया था उसे भला इससे कोई फर्क पड़ने वाला था देवता ने क्षितिज के बाजू पर अपने नुकीले पंजो से भयंकर हमला किया देवता के इस वार से क्षितिज के गले में जो लाकेट था जिसमें उसकी और चांदनी की तस्वीर थी वो टूटकर कीचड़ में चली गयी ये गिफ्ट उसे चांदनी ने दिया था क्षितिज को लगा ये लाकेट नहीं चांदनी उससे बिछड़ रही है वो पहली बार जीवन में चीखा जोर से ये आवाज चांदनी जो दूर जा रही थी उसे भी सुनाई दी वो वापस क्षितिज की तरफ दौड़ कर जाने लगी सब चिल्ला रहे हैं चांदनी को मना कर रहे है लेकिन क्षितिज के पास अब चांदनी को पहुँचना था चांदनी क्षितिज के पास पहुंचे चुकी थी क्षितिज जमीन पर अपनी बांह पकड़कर कीचड़ में बस उस लाकेट को तलाश रहा था चांदनी तेजी से उसके पास आ रही थी क्षितिज ने देखा चांदनी को आते हुए तभी देवता ने चांदनी को जोर से अपने नुकीले पंजो से प्रहार कर दिया चांदनी नीचे गिर गयी उसके बांह में पीठ से हल्ला सा खून निकल रहा था क्षितिज ने ये देखा वो जोर से चीख कर चांदनी के पास जाकर उसे गले से लगा लिया उसने पूछा तुम ठीक हो ना चांदनी ने कहा हां क्षितिज ने कहा बस एक मिनट मुझे दे दो मै आता हूँ अब मैं इसे नहीं छोड़ूँगा इसने तुम पर हमला करके अच्छा नहीं किया जिसको बचाने के लिए मै अब तक लड़ रहा था मै उसे खरोंच तक नहीं आने देना चाहता था इसने उसका खून बहा दिया क्षितिज उठा कहा बस एक मिनट उससे ज्यादा नहीं क्षितिज देवता के सामने था जैसे कोई घायल और पागल शेर देवता ने फिर अपना हाथ क्षितिज की तरफ बढ़ाया लेकिन इस बार क्षितिज ने उसका हाथ पर इतना तेज प्रहार किया उसका हाथ ही देवता का ऐसा लग रहा था नाकाम हो गये हो तभी क्षितिज की नजर उसके दिल पर पड़ी जो क्षितिज को बड़ा अजीब लग रहा था जो बिल्कुल शरीर के बाहर ही बल्ब की तरह तेज रौशनी करके जल बुझ रहा था क्षितिज ने देवता के छाती पर पूरी ताकत से वार किया देवता पीछे छिटक गया क्षितिज ने इस बार उसका जो दिल था उसपर पूरे ताकत से मजबूत पत्थर से वार किया अब पहली बार ऐसा लग रहा था की देवता उठ नहीं पा रहा है क्षितिज को उसकी कमजोरी पता चल चुकी थी वो लगातार वही पर पत्थर मार रहा था तभी क्षितिज को लगा इसके दिल का रंग अब बदल रहा है वो तेजी से पीछे हटा देवता के दिल से एक रसायन निकला जो अब आग में बदल गया और देवता का दिल धीरे धीरे पिघलने लगा और जोरदार धमाका के साथ सब शांत हो गया अब क्षितिज चांदनी के पास पहुँचा और कहा देख लेना घड़ी एक मिनट ही हुआ होगा फिर क्षितिज कीचड़ में से वो लाकेट तलाश करके निकाल लेता है और चांदनी को गोद में लेकर आगे बढ़ने लगता है तभी उसे वही कबीले वाले मिलते हैं वो सारे उसके आगे झुक जाते हैं और माफी मांगते है चांदनी से उसके साथ हुए बर्ताव के लिए और चांदनी और उसके घायल साथी के इलाज की पेशकश करते हैं आदिवासी कहते हैं आप ने आज हमारे पूरे कबीले को बचा लिया है
हमारे कबीले चले हमे गलती सुधारने का मौका दे क्षितिज उनकी बात मान जाता है और एक दो दिनों में जब सब ठीक हो जाते हैं तो वापस घर आ जाता है जहाँ क्षितिज के गेट के बाहर उसका मैनेजर बैठा रहता है वो मैनेजर कहता है मैंने आपका ऑफर स्वीकार कर लिया है रोज आपके गेट के बाहर बैठ रहा हूँ पहरेदारी कर रहा हूँ आपके घर की तीगुनी सौलरी मिलेगी ना क्षितिज कहता है हां और कहता है चांदनी को कहना ये बस मजाक था तुम मुझे वापस जाॅब पर ले जाने आए हो मै तुम्हे हर महीने तीगुनी सौलरी दूंगा मगर मुझे मेरी महीने की सैलरी जो मुझे देते हो और वो नौकरी मुझे वापस दे दो नही तो फिर चांदनी को अच्छा नहीं लगेगा मुझे चांदनी के साथ वैसे ही साधारण तरीके से जीना पसंद है तभी चांदनी आ जाती है क्षितिज का मैनेजर क्षितिज को जोर से डाॅटता है ऑफिस क्यों नहीं आ रहे थे तुम कहाँ गायब हो गये थे क्षितिज कहता है सर मै थोड़ी देर में आता हूँ ऑफिस क्षितिज का बाॉस ये कहकर चला जाता है चांदनी कहती है तीगुनी सौलरी और मुझे दोगुनी सौलरी पर रख रहे थे चांदनी क्षितिज से लड़ने लगती है क्षितिज कहता हैं देखो कही मेरे अंदर का शेर ना जाग जाए चांदनी कहती है मै भला डरती हूँ तुम्हारे अंदर के शेर से जगाओ जगाओ मै भी आज देखती हूँ तुम्हारे अंदर के शेर को क्षितिज कहता है मुझे तुम से डर लग रहा है मै ऑफिस जा रहा हूँ शाम में मिलते हैं चांदनी चिल्ला कर कहती है गलती से भी शाम में अपने अंदर के शेर को घर लेकर मत लाना वरना ऐसा जंगल भेजूंगी की शेरनी को ढ़ूढ़ता फिरेगा
चांदनी मन ही मन हंस रही थी क्योंकि ये उसकी पुरानी आदत है क्षितिज से मजाक करने की और शायद इस बात को क्षितिज भी भली भांति समझता है जिस प्यार के लिए क्षितिज ने इतना कुछ किया चांदनी के लिए ये प्यार संसार की सबसे बड़ी दौलत है और इस दौलत के लिए अब चांदनी भी क्षितिज के लिए कुछ भी कर सकती थी यही तो दोनों का वो सच्चा प्रेम है जिसके आगे ये पूरी दुनिया भी छोटी नजर आने लगी है अब तो