जब आप अपने विचारों के द्धारा लोगों को सही संदेश दे रहे हो जिससे लोग आप से बेहद प्रभावित होते है और आपकी बातो पर यकीन करने लगते हैं यही तो आपके व्यक्तिव का विकास है जिसके अंतर्गत आप स्वार्थी व्यवहार से, वचन ना निभाने के बोध से, रूखे व्यवहार से, अंहकार से, लापरवाही भरे व्यवहार से बिल्कुल ऊपर उठ कर एक अलग ही व्यक्तिव को प्रकाशित करते हैं वही तो पर्सनालिटी डेवलपमेंट है
खुद को मजबूत करना परिस्थितियों के अनुरूप मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से तथा विषम परिस्थिति में हमारा व्यवहार कैसे और निखर कर आता है यही तो पर्सनालिटी डेवलपमेंट है विकास की प्रक्रिया जो हमें और भी मजबूत बनाती है हमारे हाव भाव का नियंत्रण जब हम मुसीबत में धिरे हो या कोई और मुसीबत में धिरा हो उसके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण से समर्पित होकर कार्य करना ही हमारा व्यक्तित्व का विकास होता है
1. सबसे पहले वहीं कहे जो आप पूरा कर सकते हैं अन्यथा वो चीज आप नहीं कहे जो आप के वश में ना इससे आप की विश्वसनीयता खोने लगती है लोग आप की बातों पर यकीन नहीं करते है
2. सदैव सच बोलने का प्रयास करें क्योंकि सच ही सबसे विशाल व्यक्तित्व का निर्माण करती है जिसकी विशालता के आगे हर कोई छोटा नजर आता है
3. लोगों की जरूरतों को समझने का प्रयास होना चाहिए उनके तकलीफ को महसूस करने का प्रयास होना चाहिए
4. लोगों के मदद के लिए सदैव तैयार होने की आवश्यकता है जो आप को सम्मान ही दिलाती है
5. असत्य और गलत के खिलाफ आवाज उठाने से खुद के अंदर का विश्वास जागता है
6. सदैव जो शांति का प्रयास करता है वो संसार का सबसे ताकतवर इंसान होता है
व्यक्तित्व में सुधार अपने आचरण और अपने चरित्र में सुधार करके किया जा सकता है हम सबके साथ एक जैसा व्यवहार करें न की हर किसी के लिए अलग-अलग व्यवहार करें ,लोगों के ओहदे से नहीं मानवता के नजरों से सबके लिए समान भाव रखें, ऊंच-नीच अमीर -गरीब इन भावनाओं से निकलकर, सबके लिए केवल अपने व्यवहार में प्रेम लाएं अपने व्यक्तित्व में आत्मविश्वास लाएं कभी भी खुद को हल्का या हीन भाव से किसी के सामने नहीं देखे क्योंकि जो खूबी आप में है शायद वो किसी में भी मौजूद नहीं होगी हमेशा खुश रहने की कोशिश करें हमेशा लोगों की सहायता करने की कोशिश करें कभी-कभी प्रेम और विश्वास से कहें गये दो शब्द भी किसी के लिए मिल का पत्थर साबित होता है खुद का खुद के प्रति विश्वास मजबूत करें तथा साथ ही साथ लोगों के मन में भी विश्वास की लौ जलाएं
व्यक्तित्व को निखारने का काम हमारा आत्मविश्वास करता है हमारा खुद के प्रति भरोसा समर्पण ही तो करता है जब हम निराश होते है जब हम असफल होते हैं हम परिस्थितियों से हार चुके होते हैं और उसी समय हमारा निर्णय खुद के प्रति सकारात्मक हो जाता है की मैं नहीं हार सकता मुझे सफल होना ही है तो मनुष्य विकास की ओर तेजी से अग्रसर होने लगता है
कभी न हार मानने की भावना ही तो व्यक्ति को निखारने का काम करती है
व्यक्तित्व विकास के सिद्धांत
व्यक्तित्व के विकास के कुछ बातें बहुत महत्वपूर्ण है
1. हमेशा पॉजिटिव सोचना
2. हर वक्त सीखते रहने के लिए तैयार रहना
3. कभी हार न मानना
4. लोगों का सम्मान करना
5. अपने आस-पास के बदलाव के लिए सदा तैयार रहना
6. मन में सदा सहयोग की भावना को जागरूक रखना
7. मानवता के सही मूल्यों का पालन करना
एक नयी चेतना के लिए जो सदा से चला आ रहा है उसके बदलाव के लिए नाउम्मीदी के अंधेरो में ऊजाले की तलाश के लिए व्यक्तित्व का विकास आवश्यकता होती है जब लगातार मनुष्य हारता रहता है अपने उत्तरदायित्वों को पूरी मेहनत से निभाने के बाद भी पूरी नहीं कर पाता है तो मनुष्य के भीतर स्वत: ही इच्छाशक्ति विकसित होने लगती है और ये इच्छाशक्ति उसके हाथ और नाकामयाबी के वजह से आती है जो मनुष्य को साकारात्मक विचार के द्धारा कार्य करने के लिए प्रेरित करता है
खुद प्रभावशाली काम करें जिससे खुद का व्यक्तित्व प्रभावशाली बने सदैव बुरी परिस्थितियों में सही निर्णय लेना धैर्यपूर्वक उन परिस्थितियों का सामना करना उन चुनौतियों से बाहर निकलना बिना किसी घबराहट के यही तो मनुष्य के विकास की पराकाष्ठा है जो जरूरतमंद लोग हैं जिन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता है उनकी सहायता तुरंत करें बिना किसी स्वार्थ के बदले में कुछ भी बिना लाभ लेने की इच्छा से रहित रहकर स्वत: ही आपका प्रभाव हर जगह बढ़ता जाएगा किसी भी गलत बात का विरोध करके सदैव सही के लिए निडर रूप से डटे रहना ही मनुष्य को मानसिक और भावनात्मक रूप से बेहद मजबूत और बेहद प्रभावशाली बना देता है
1. सदा लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहना
2. लालच रहित भावना से लोगों के भले के लिए कार्य करना
3. हर वर्ग के लोगों का सम्मान बिना भेदभाव के करना
4. हमेशा पॉजिटिव सोचना
5. हर परिस्थिति से उभरने के लिए तैयार रहना
6. सदैव सीखते रहने की भावना मन में होना
7. प्रेम-भाव को ही महत्व देना
8. बुरे लोग और बुरे संगत से दूर रहना
9. सबके विकास की चाह रखना
10. हमेशा मुस्कुराते रहना और औरों को भी मुस्कुराने के लिए प्रेरित करना
व्यक्तित्व विकास की चुनौती कहें या फिर आप उसे आप व्यक्तित्व के विकास को बाधित करने वाले स्वयं के अवगुण भी कह सकते हैं जो सामान्य निम्नलिखित बिंदुओं पर ही केंद्रित होते हैं
1. हर काम को कल पर टालना
2. जो कार्य सबसे जरूरी है उस कार्य को भी तुरंत करने से बचने के लिए बहाने ढूंढना
3. सदैव खुद से ज्यादा लोगों की बातों पर ध्यान देना
4. सकारात्मक बातों से ज्यादा नकारात्मक बातों को तवज्जो देना
5. हमेशा खुद को किस्मत का मारा समझना
6. लोगों की तरक्की से चिढ़ना
7. जो सही बात बताएं उसे खुद से मतलब रखने की हिदायत देना
8. खुद की तुलना दूसरों से करना
9. खुद से दुःख से ज्यादा लोगों के खुशी से दुखी होना
10. खुद को बदलने से इंकार करना
11. खुद के व्यवहार को बदलने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं होना
12. हर बार सकारात्मक पहल करने से बचना
13. परिवर्तन को स्वीकार नहीं करना
अपना व्यक्तित्व को बेहतर करने के अनेक तरीके हैं मगर सबसे पहले है खुद को मजबूत बनाना मानसिक रूप से बेहद मजबूत अर्थात बड़ी से बड़ी बाधा भी हमे विचलित न कर सके तभी तो खुद में सकारात्मक सुधार की शुरुआत होगी एक सकारात्मक कदम उठाने से बदलाव की शुरुआत होती है
1. हमें खुद को आनेवाली चुनौती के लिए तैयार करने की आवश्यकता है
2. समाज जागरूक बनेगा तभी प्रगति करेगा
3. एक छोटी सी उम्मीद सौ निराशाओं से बड़ी होती है
4. हम पेड़ लगाएंगे छाया हमारे आनेवाली पीढ़ियों को मिलेगी
5. समस्या से घबराने पर समस्या उस समय और भी बड़ी हो सकती है
6. चुनौती को आने वाले कल के विकास के रुप में स्वीकार करना चाहिए
7. हर एक बुरी घटना बहुत कुछ सीख दे जाती हे
8. जीवन में अगर नियमों का पालन हो तो हम हर समस्या से मुक्ति पा सकते हैं