जीवन मे कभी भी मन मे दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए अगर आप किसी से अपनी दुर्भावना समाप्त करने के प्रति वाकई मे गंभीर है तो आपको सामने वाले व्यक्ति की बात ध्यान से सुननी चाहिए
शायद सामने वाला व्यक्ति यह कहना चाहता हो मै आपको दोष नहीं दे सकता हूँ शायद मै आपकी जगह होता तो मै ऐसा ही सोचता अकेलापन आप के पास जो स्वभाव है दिमाग है जो माहौल है आपके जो अनुभव है वो किसी को भी मिलते वो भी बिल्कुल आपके जैसा ही सोचता
अगर आप चिड़चिड़े पूर्वाग्रह से ग्रस्त है तो इसमें आपका कोई दोष नहीं है दोष है उस माहौल का जहाँ आप को कार्य करना पड़ता है आप जिन लोगों से प्रायः मिलते है उनमें से अधिकांश सहानभूति की चाह रखते है की सामने वाला उन्हें सहानभूति प्रदान करे जिससे वो आप से प्रेम करने लगते हैं जब आप गुस्से पर काबू रखते है जिससे आपको संतोष प्राप्त होता है जब कोई आपका अपमान करे तो आप दयालुता दिखाएं जो आपके जीवन मे शांति लेकर आएगा
हमें अपने अनुभवों से केवल कटु भावनाओं के अम्ल को सहानभूति के रसायन से किस तरह बेअसर करें यही करते जाना है जीवन मे बहुत से लोग होते है जो हमे कड़वे अनुभव प्रदान कराते हैं हमारे भीतर उनके प्रति बेहद गुस्सा होता है लेकिन उन्हें माफ कर देना जीवन मे किसी बलिदान से कम नहीं है आप के अंदर सहानभूति है लेकिन ये इतना आसान नहीं है लेकिन इससे जीवन को जीने मे आसानी बहुत होगी
हमे अक्सर किसी सनक के आगे सहानभूति प्रदर्शित करने की जरूरत होती है क्योंकि पूरी मानव जाति सहानभूति चाहती है और आत्म -दया मानव जाति के स्वभाव मे ही है
अगर आपको जीवन मे संबंध मधुर बनाने है और इसे काफी आयु की ओर ले जाना चाहते है तो अक्सर हमे सामने वाले व्यक्ति के विचारों और इच्छाओ के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित करने की आवश्यकता है
हमें अगर वाकई मे किसी की आलोचना करनी है तो पहले अपनी गलती के बारे मे बात करने की आवश्यकता है अगर हमारी कोई आलोचना कर रहा है और उसके पहले आलोचना करने वाला व्यक्ति बता दे की उसने भी जीवन मे बहुत गलतियां की है जीवन मे हर कोई वास्तविकता से परिचित होता है लेकिन हमे जीवन में उन चीजों पर ज्यादा सोचकर समय व्यतीत करते है जिसमें हमे दु:ख मिला हो और लोग अगर आपको ये बताएं की उन्हें भी इस वजह से दु:ख मिल चुका है तो अक्सर ये सुनकर लोगों का दर्द कही न कहीं कम जरूर होता है
अक्सर हमे किसी से कोई काम लेना है और हमने समय सीमा भी दे दी है फिर भी अगर वो काम नहीं करता है तो हमे उस पर बिना क्रोधित हुए कहना है मै जानता हूँ आप वादे के पक्के इंसान है और अपनी समय सीमा की अवधि के अंदर आप इसे पूरा कर लेगे इसी विश्वास पर मैने ये काम आपको दिया है और इन शब्दों का असर जरूर होगा और वो व्यक्ति अवश्य ही आप का काम पूरा कर देगा
जब कोई आप से नाराज रहे तो उसकी बात को ध्यान से सुने पूरी सहानभूति से उसकी बात पर गंभीरता दिखाए और उसकी नाराजगी बेशक खत्म हो जाएगी क्योंकि उसे यही तो चाहिए सहानभूति उसके बातो का महत्व दे
यह उतना ही सच है की आपसे मिलने वाले अधिकतर लोग खुद को आप से ज्यादा अक्लमंद समझते है किसी न किसी मामले मे नही बल्कि हर मामले में और उनके मन में ये भाव का एहसास आप उन्हे कराऐ की आप कुशल है महत्वपूर्ण है आप को उनके महत्व का एहसास है और आप को ये स्वीकार है लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते है जिनके पास ज्यादा अक्ल नहीं होती खुद को अक्लमंद समझने का कोई कारण नहीं होता फिर भी अपने ईगो को शांत करने के लिए अंहकार और जोरदार बहस का आश्रय लेते है जो वाकई मे बहुत दु:खदायी है