लोगों के मन में अक्सर कितने ही प्रश्न स्वयं के बारे में उठते हैं और वो इनके उत्तर हर जगह ढूंढते हैं पर इन प्रश्नों के उत्तर उन्हें स्वयं के भीतर ही ढूंढना चाहिए ताकि सही उत्तर एक-एक करके मिल सके और समस्या की जड़ क्या है ये भी समझ सके अक्सर आप विचारों में इतना तल्लीन ना हो जाए की आप में उत्साह की कमी आ जाए हम जो कुछ भी करते हैं अपनी क्षमताओं की तुलना में बहुत ही कम योग्यताओं का उपयोग कर पाते हैं जबकि हमारी योग्यता चाहे शारीरिक हो या मानसिक उतनी कम नहीं होती जैसा की हम सोचते हैं इसलिए हमें खुद को मजबूत बनाने के लिए उन महत्वपूर्ण 33 विचारों पर ध्यान देना है जो जीवन में खुद को मजबूत और सशक्त बनाने की नींव तैयार करते हैं
- खुद को अच्छा कैसे बनाएं
खुद को हमें अच्छा बनाने के लिए हमें अच्छा सोचना होगा हमें लोक व्यवहार के महत्वपूर्ण गुणों को सीखना होगा हमें कोशिश करनी होगी अपनी उन इच्छाओं पर नियंत्रण कर सके जो हमें गलत कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं हमें अपने सुधार की प्रक्रिया पर लगातार कार्य करना होगा हमे मिथ्या प्रचार से खुद को दूर रखना होगा भ्रम की स्थिति में अच्छे बुरे की परख करने की क्षमता विकसित करनी होगी खुद को उन लालसाओ से दूर रखना है जो अक्सर जरूरत और लालच के बीच के फर्क को अच्छी तरह से समझ सके अगर हम इन पर अंकुश नहीं लगा सकते मगर कम से कम प्रयास तो कर ही सकते हैं और प्रयास पर ही सफलता और असफलता का निर्धारण होता है
- मन को मजबूत कैसे बनाएं
मन को मजबूत बनाने के लिए हमें भय का त्याग सदा के लिए करना होगा क्योंकि भय ही हमें कमजोर बनाती है चाहे वो भावनात्मक हो या क्रियात्मक हमें परिस्थितियों की चिंता से मुक्ति पाकर केवल कार्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा जब हमारा ध्यान केवल हमारे कार्य पर होगा तो हमारा मन भटकाव की स्थिति में कभी नहीं होगा विभिन्न प्रकार के नकारात्मक ख्यालों से मुक्त होगा क्योंकि हर किसी को कार्य की सफलता से ज्यादा कार्य की असफलता पर ही ध्यान होता है तो इस भाव से मुक्ति ही मन को बेहद मजबूत बनाएगी जिससे हम भविष्य मे हर प्रकार की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं
- स्वयं को कैसे जाने
स्वयं को जानने से बेहतर है स्वंय को पहचाने
1. विषय परिस्थितियों में हम पहले खुद को बचाते हैं या दूसरों को बचाते हैं
2. जब हम हार जाते हैं या असफल हो जाते हैं तो हम भीतर से टूट जाते हैं या फिर दुबारा उठने कोशिश करने की ठानते है
3. हम कर्म करने मे ध्यान केंद्रित करते हैं या फिर केवल सोचने पर ध्यान केंद्रित करते हैं
4. हम दूसरे की कहीं बातों को सच मान लेते हैं या उसकी सत्यता को जांचने परखने के बाद निर्णय लेते हैं सत्य और झूठ का 5. हमारा आत्मविश्वास महत्वपूर्ण जगहों पर डिगता है या और भी वहां हमारा आत्मविश्वास निखरता है
- अपने आप को कैसे बदलें
बस अपने व्यवहार मे अंतर ले आए और खुद में ही अंतर महसूस करने लगेंगे
कुछ महत्वपूर्ण तथ्या हैं जिनपर गौर करके संभवतः बदलाव महसूस कर सकते हैं
1. सदैव पहले लोगों की पूरी बात ध्यान से सुनें बिना बात पूरी सुनें उनकी बातों का जवाब न दे
2. सदैव सकारात्मक रूप से चीजों को देखें
3. लोगों से विनम्रतापूर्वक व्यवहार करें
4. सदैव एक प्यारी सी मुस्कान होंठों पर रखे
5. किसी को खुद से छोटा न समझे किसी को खुद से बड़ा न समझे
6. तत्काल किसी के प्रभाव में आने से बचें
7. दूसरों से खुद की तुलना करने से बचे
8. गलती सदैव खुद में तलाश करें
9. हर दिन सीखते रहें जब तक जीवन है तब तक सीखते रहने की इच्छा आप में होनी चाहिए 10. किसी पर हुक्म नहीं चलाये बल्कि उसे कार्य करने के लिए उत्साहित करे
- मन को कैसे खुश रखे
कुछ प्रेरणादायक कथन पर गौर करके हम मन को खुश रख सकते हैं 1. सदैव सकारात्मक सोच कर 2. सदैव मुस्कुरा कर 3. लोगों की सहायता करके 4. सच बोल कर
5. पेड़ लगाकर प्रकृति की सेवा करके
6. लोगो के चेहरे पर मुस्कान लौटाने की कोशिश करके 7. केवल खुद की क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करे 8. उन शब्दों का उपयोग करके जो शब्द उन्हें अपनेपन का बोध कराए 9. लोग आप से क्या चाहते हैं सदैव इस बात का ध्यान रखकर 10. पहले खुद की गलतियों से लोगों को अवगत कराएं फिर उनकी गलतियों से उन्हें रुबरु कराएं 11. अधिक से अधिक लोगों का सहयोग प्राप्त करने की कोशिश करें
- भावनात्मक रूप से कमजोर होने से बचे
सदैव खुद पर विश्वास बनाए रखें ना की अपनी भावनाओं पर काबू करने में खुद की असर्मथता जताएं क्योंकि अगर हम अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं करते हैं तो इसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है हमारे आस-पास के माहौल पर पड़ता है और परिस्थितियां सदैव हाथ से बाहर होने लगती है इसलिए सदैव भावनाओं को नियंत्रण में रखना चाहिए नहीं तो जीवन में विषम परिस्थितियों उत्पन्न होने लगती है
1.जो लोग तुरंत किसी की बातों में आ जाते हैं झूठ को भी सच समझ लेते हैं बिना उन बातों की सत्यता को जाने उन्हें जीवन भर अफसोस करना पड़ता है
2. विषय परिस्थितियों को देखकर जो घबड़ाने लगते हैं उन्हें परिस्थितियों को पहले अच्छी तरह समझना चाहिए समस्याओं का सामना करना सीखना चाहिए न की भागना चाहिए
3. जीवन में होने वाले परिवर्तन से सदा भागने की चेष्टा करना ही मनुष्य को मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त करती है
4. असत्य और सत्य में जो अंतर करने में असमर्थ हो उन्हें जीवन में सदैव कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है
5. लोगों को उनके पहनावे से पहचान करने से बेहतर है उनकी योग्यता से उनकी पहचान करें
6. भेदभाव करने वाला सदैव नये अवसरों का लाभ नहीं ले पाता है
7. लोगों मे सदैव अंतर देखने वाला खुद की गलतियों को कभी देख नहीं पाता है
8. जो मेहनत से सदा बचने की कोशिश करते हैं उनके लिए सफलता प्राप्त करने में बहुत ही मुश्किल है
9.जो खुद की क्षमताओं पर भरोसा न करके दूसरो के द्धारा खुद की क्षमताओं के आकलन को सच मानते हैं
वो सदैव खुद को किसी भी परिस्थिति के लिए सक्षम नहीं मानते
- मन को एकाग्रचित्त करना
1. स्वयं के द्धारा ही कोई कार्य करना
2. कार्य को पूरा करने में किसी की सहायता नहीं लेना
3. उस कार्य को खत्म करना जिसे शुरू किया है बीच में उसे नहीं छोड़ना
4. खुद के फैसलों पर भरोसा करना
5. हार और जीत की भावनाओं से उपर उठना
6. हमेशा सकारात्मक सोच के साथ जीवन को देखना
7. कार्य को करने में पूरे मन से प्रयास करना
8. कार्य को कार्य न समझ कर सुधार की एक प्रक्रिया ही समझना
- मानसिक शक्ति बढ़ाना
मन के द्बारा निर्धारित किए कार्य को पूर्ण करना ही मानसिक शक्ति की प्रबलता है ताकि हम जो भी कार्य को निर्धारित करें वो पूर्ण हो सके
1. एकाग्रता, विश्वास,खुद पर भरोसा
2. हर कार्य को केवल कार्य समझना न की हार और जीत का माध्यम मान लेना
3. संकल्प की शक्ति जिस कार्य को भी हाथ में लिया है जब तक पूर्ण नहीं होता बीच में अधूरा उस कार्य को
नहीं छोड़ना ही सबसे बड़े मानसिक शक्ति का उदाहरण है
4. हमेशा सही गलत में अंतर करना
5. कठिन प्रश्नों के उत्तर तलाशना
6. जो समस्या सबसे जटिल है उसे सुगम बनाने के लिए उपयुक्त उपाय तलाशना
7. योग अध्यात्म और व्यायाम के द्बारा भी हम मन को शांत और मजबूत बना सकते हैं
- मन को नियंत्रित करना
1. दुःख को केवल दुःख समझे कुछ पलो का उसे जीवन की बर्बादी के रूप में मत ले
2. परिस्थितियों से डरकर प्रयास करने से मत बचे
3. खुद को कमजोर मत समझे
4. खुद को हीन मत समझे
5. दूसरों को देखकर खुद को मत छुपाओ
6. किसी भी कार्य को करने के लिए प्रथम कदम बढ़ाने से भयभीत मत हो जाये
7. सदैव नकारात्मकता और शंकाओं से चीजों को देखना बंद कर दे
ये वो नकारात्मक भावनाएं हैं जो हमें कमजोर बनाती है सदैव भावनाओं को नियंत्रण में रखना चाहिए नहीं तो जीवन में विषम परिस्थितियों उत्पन्न होने लगती है ये वो अवगुण है जो मनुष्य को निर्बल और असहाय बनाती है इसलिए सदैव इन अवगुणों से बचना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए
- मानसिक शांति
मन को शांत रखने के लिए आप आस-पास के माहौल में अशांति है उसे शांत करने की कोशिश करें जब आप के प्रयास से किसी एक ने भी खुद में शांति का अनुभव कर लिया आप को मन की शांति तो मिलेगी ही साथ ही साथ आत्मा की भी शांति मिलेगी
मन को नियंत्रित करने के लिए खुद को सकारात्मक रूप से प्रेरित करने की आवश्यकता है
1. सही और गलत के फर्क को समझ लेना
2. उस कार्य से बचना जो आप की प्रतिष्ठा और सम्मान धूमिल कर सकती है
3. नकारात्मक लोगों से दूर रहना
4. जो लोग सदैव किस्मत का रोना रोते हैं उनसे भी दूरी बनाना
5. जो वस्तु की इच्छा सबसे तीव्र है किसी चीज को प्राप्त करने की तो क्या उस दिशा में उसी प्रकार आप का कार्य हो रहा है अगर हां तो सही है अगर ना तो फिर भूल जाना
6. मन को सभी चीजों को सकारात्मक रूप से फिर नकारात्मक रूप से फिर उन दोनो के बीच तुलनात्मक रूप से अध्यन करने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए
7. बेवजह किसी भी व्यर्थ के कामों से खुद को दूर रखना जिसमें लाभ नहीं अपितु हानि ही हानि की संभावना है
मन को सदैव प्रेम से ही जीता जा सकता है मन को जीतने के लिए और कोई भी रास्ता शेष और श्रेष्ठतम नहीं है जब आप किसी का मन प्रेम से जीतते हैं तो उसके मन में सदैव आप के लिए प्रेम कम नहीं होगा ये सदैव और बढ़ता ही जाएगा
- अपने आप को कैसे खुश रखे
आप को जीवन भर की खुशी चाहिए जो शांत और खूबसूरत, आनंदित हो उसके लिए आप को ये कार्य करना चाहिए दूसरों को खुश रखने के कोशिश करें जो बहुत दुःखी है उनके दुःख को कम करने कि कोशिश करें खुशी खुद ब खुद मिलेगी और ये खुशी आप को सच में अच्छा अनुभव देगी
1. दूसरों की मदद करके
2. किसी के दुःख बाट कर
3. भूखों को भोजन कराकर
4. किसी के लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग देकर
5. सदा सबकी सहायता के लिए तत्पर रहकर
- मन से विकार दूर करना
सदैव अच्छा सोच कर सकारात्मक सोच खुद के लिए और दूसरों के लिए भी ये मन के अंतह करण की शुद्धता का घोतक होता है
1.सबसे लिए अच्छा कार्य करके
2. सबके हित में कार्य करें
3. बिना भेदभाव के कार्य करें
4. सबके प्रसन्नता के लिए कार्य करें
5. हर किसी को दुःख से उबारने के लिए कार्य करें इससे बड़ी शुद्धता कुछ भी नहीं है
- खुद को सर्वश्रेष्ठ रूप बनाना
सत्य को, प्रेम को, आशावादी दृष्टिकोण को, संकल्प की शक्ति को, सच की ताकत को, सहयोग की भावना को, भेदभाव जात-पात ऊंच -नीच से परे सदैव परिवर्तन को स्वीकार करने की भावनाओ का विकास से ही मैं क्या कोई भी सबसे अच्छा संस्करण बन सकता है आप की सोच ही आप को मानसिक रूप से अस्वस्थ बना रही है आप अगर ये सोच रहे हैं की आप मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ कैसे रखें तो ये आप स्वयं ही खुद को मानसिक रूप से कमजोर धोषित कर रहे हैं क्योंकि आप निर्णय लेने से घबराते हैं बदलाव से डरते हैं किसी भी तरह के बदलाव को स्वीकार नहीं करना चाहते तो खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के बारे में जानकारी ले रहे हैं खुद को मजबूत बनाए आप ऐसे ही मानसिक रूप से मजबूत बन जाएंगे समस्याओं से भागने नहीं बल्कि समस्याओं को खदेड़ कर भगा दे
- खुद के मित्र स्वयं बने
खुद के बारे में सकारात्मक सोचें आप के साथ जो लोग जुड़े हैं उनके बारे में सकारात्मक सोचें क्योंकि उनकी आशाओं के सूत्रधार तो आप ही हैं आप उनकी आशाओं के अनुरूप सकारात्मक रूप से कार्य करें खुद ब खुद अच्छा होने लगेगा आप को खुद के बारे में अच्छा सोचने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी
खुद को अच्छा बनाने के लिए सत्य की कसौटी पर खुद के द्बारा अनुभव किए क्षणो का सकारात्मक सोच और उसके विकास तथा अच्छे-बुरे अनुभवों को साझा करने से ही कोई अच्छा तो मैं नहीं कहता पर सच्चा मनुष्य बन सकता है खुद के साथ न्याय करके खुद को ये एहसास दिला कर के क्या सही है और क्या गलत है खुद को हर हाल में किसी भी परिस्थिति के अनुकूल बनाकर सदा सकारात्मक सोच के प्रभाव को विकसित करके और हर कार्य को स्वार्थ से रहित रखकर
हम रोज कार्य करके मेहनत करके अपने अनुभव से आस-पास के माहौल में हो रहे बदलाव को देखकर हर दिन कुछ न कुछ अवश्य ही सीख सकते हैं ये हम पर निर्भर करते हैं की हम वाकई सीखने चाहते हैं या कमियां देखना चाहते है और उन कमियों को सीखने के बजाय उसपर गैरजिम्मेदाराना बयान देना मखौल उड़ाना चाहते है
- खुद को ऊर्जावान कैसे बनाएं
खुद को ऊर्जावान हम खुद के द्धारा ही बना सकते हैं
हर कार्य को बेहतर से बेहतर तरीके से करके
जीवन में आगे बढ़ने के लिए मेहनत से समझौता न करके
लोगों के बदलाव के लिए खुद को तैयार करना उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए
- जब सोच अच्छा होगा तो विकास भी अच्छा होगा
ये बिल्कुल सही कथन हैं क्योंकि हमारे आस-पास का माहौल हमारे सोच के अनुसार ही बनने लगता है अगर हम सकारात्मक सोचते हैं तो हमारे आस-पास का माहौल बिल्कुल ऊर्जावान और सकारात्मक लगता हे और अगर हम हर समय नकारात्मक सोचेंगे तो हमारे आस-पास का माहौल ऐसा होगा हर कोई थका हरा किसी में भी जीत की आशा शेष नहीं होगी हम समस्या में समाधान छिपा होता है जैसे हर प्रश्न में उत्तर निहित होता है हमें बस उस समस्या पर गौर करना है की समस्या का कद ज्यादा है या फिर आपका
महत्वपूर्ण कौन है समस्या या आप समाधान खुद ब खुद मिलने लगेगा
- पहले खुद को बदलो
खुद को बदलने के लिए हमें इंतजार नहीं करना पड़ता है न ही किसी शुभ मोहरत निकलवाने की आवश्यकता है हम खुद के लिए रोज मेहनत करेगे परिणाम हमें अवश्य ही देखने को मिलेगा पर सबसे महत्वपूर्ण है हमे धैर्यवान बनना पड़ेगा हम जो कर रहे हैं बस करते जाएंगे एक दिन हमें हमारे मेहनत का फल अवश्य मिलेगा अगर आम का पेड़ लगाया है उसकी रोज सेवा की है तो पेड़ का फल तो अवश्य ही खाने को मिलेगा
बस हम दूसरे के बदलने का इंतजार क्यों करें हम बस उन्हें एक अच्छी बात बता सकते थे जब सूर्य की किरणे उनके खिड़कियां पर आयी तो उन्होंने परदे गिरा दिया खिड़की बंद कर ली खुद ही प्रकाश से घर को अंधेरा कर लिया तो उन्हें कौन बचा सकता है खुद कि गलती को स्वीकार करना सीखें और उन गलतियों में सुधार करना सीखें कहने के लिए ये मात्र दो शब्द है पर जीवन में जब कोई ऐसा करेगा तो उसे इन शब्दों की असली अहमियत पता चलेगी मेरे हिसाब से इससे आसान तरीका खुद को बेहतर बनाने का और कुछ भी नहीं है
- खुद को Brand बनाये 3 steps से
1. मेहनत :-बिना किसी भय के केवल मेहनत पर ध्यान लगाना है ये सोचे बिना की लोग क्या कहेंगे
लोग बस कहने के लिए ही होते हैं करने के लिए नहीं करने के लिए होते तो खुद ही कर लेते खुद पर भरोसा रखकर मेहनत तब तक करनी है जब तक मंजिल मिल न जाए और इतिहास गवाह है जिसने मेहनत की है प्राप्त भी उसी ने किया है
2. ईमानदारी:– मेहनत में ईमानदारी बहुत जरूरी है बिना इसके सफलता का कोई महत्व नहीं अतः ईमानदारी किसी भी व्यक्ति की बुनियाद है
3. सकारात्मकसोच :– अगर आप के पास सकारात्मक सोच है तो आप कभी निराश नहीं हो सकते अपने हार को भी एक सकारात्मक नजरिए से देखेंगे और उस नजरिए का लाभ उठाकर फिर से कोशिश करके सफल बन जाते हैं
- खुद पर काम करो
जो आज तुम्हारे पास है प्रयाप्त है बस कार्य पर ध्यान केंद्रित करो क्योंकि कुछ न होने का बहाना केवल भटकाव के अलावा कुछ नहीं देता केवल खुद के शक्ति पर ध्यान केंद्रित करो न की कमजोरी का रोना रोते रहे सबसे महत्वपूर्ण बात अगर कुछ करना है तो दूसरो की बात पर ध्यान देना छोड़ दो क्योंकि बुरा अक्सर उन्हें ही लगता है जो खुद कुछ नहीं कर पाते हैं लेकिन जब कोई मेहनत करके आगे बढ़ता है तो उनसे ये बर्दाश्त नहीं होता है खुद की शक्ति ही हम इतनी बढ़ा सकते हैं जिससे हमें अपनी कमजोरी के खत्म होने का भी एहसास न हो
हां मैं ऐसा कर सकता हूं मैं ऐसा नहीं करूंगा तो क्या तुम ऐसा करोगे मुझे खुद पर भरोसा और विश्वास भी है तुम ऐसा नहीं कर सकते हो इसलिए तुम मुझसे ये पूछ रहे हो क्योंकि तुम्हारे अंदर भय है कार्य से भागने का तुम्हारे पास बहाना है पर मेरे पास बहाना नहीं है और मैं ऐसा करूंगा भी और सफलता भी प्राप्त करूंगा
जब कोई ऐसा बोले तो उसे इसी प्रकार से जवाब दे बिना झिझके
क्योंकि हम परिवर्तन से डरते हैं इसलिए हर दिन कार्य को कल पर टालते जाते हैं कल करेंगे परसों करेंगे अंतह वो कार्य कभी पूर्ण नहीं होता क्योंकि हम जहां पर है हम खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं अतः हम बदलाव से डरते हैं हमे लगता है शायद हम अपनी सुरक्षा को खो देंगे
- हो गया जो होना था अब बस मैं बदल जाऊंगा
ये भाव खुद से गलतियों से बचने का एकमात्र बहाना है और कुछ नहीं हर किसी को पता होता है की उसके जीवन में क्या हो रहा है क्या चल रहा है फिर भी अगर कुछ वो खुद ही गलत कर रहा है उस पर अगर वो अभी नियंत्रण नहीं कर सकता तो आने वाले समय में फिर वो यही दोहराता रहेगा जो हो गया अब भविष्य में ऐसा नहीं होगा अगर सचमुच में तुम्हे भविष्य की चिंता है तो अभी से अपना वर्तमान बदल डालो ताकि फिर पछतावा न करना पड़े
- आपको अपनी Value बढ़ानी होगी
सबसे पहले आप को खुद का महत्व समझाना होगा की आप कितने महत्वपूर्ण है क्योंकि आप सदैव पक्षपात नहीं करते सदैव सच बोलते हैं ,सही गलत का अंतर बताते हैं, विषम परिस्थितियों से बाहर आने के लिए आप मार्ग भी बताते हैं क्योंकि आप अपने कार्य के प्रति निष्ठावान है और आजकल ये निष्ठा ही नहीं मिलती,हर असली जौहरी को एक असली हीरे की परख मालूम होती है
उसके पास आप जैसे लाखों हो सकते हैं पर उन लाखों के भीड़ में केवल एक आप ही हैं जो अकेले उन लाखों भीड़ के बराबर है
माना तुम करोड़ों के भीड़ का ताज है
पर हमारे होने से ही तुम आबाद हो
- क्षमतावान कैसे बने
मुझे लगता है आप खुद को क्षमतावान बनाएं,अगर आप अपनी क्षमताओं को और विकसित करेंगे खुद पर भरोसा करेंगे और निरंतर प्रयास करेंगे तो आप अवश्य ही सफल हो जाएंगे इसलिए आप को खुद पर भरोसा करने की आवश्यकता है