Very Sad Shayari in Hindi
कितना तड़पा मै कितने आंसू बहाए
तुम फिर भी ना आए तुम फिर भी ना आए
अपने को मैने हर पल बनते देखा पराए
अगर मै पागल हूँ तो दुनिया के भी हालात ठीक नहीं
जाओ पहले इस दुनिया को जाकर ठीक करो
फिर आकर मुझे पागल कहना
ये मोहब्बत की आग है इसे तुम बादल ना कहना
वो बादल ही क्या जो बरस ना सके तो
फिर किस काम की बरसात
वो प्यास ही क्या जिस प्यासे की मिट ना सकी प्यास
मुझे तपिश तुम्हारी थी इसलिए जला मै
वरना जलाने के लिए तो सारा जमाना था
पानी में भी आग लगा सकता था मै
बस तुम्हारी मोहब्बत को
दुनिया से जो छिपाना था
तुम बस इतना भी कह देते
प्यार है तुमसे मिलेगे हम
इतना सुनकर भी सुकून से जग छोड़ देता मै
बहुत से लोग तड़पे है
बहुत से बर्बाद हुए हैं
इस मोहब्बत की आग में
ना जाने कितने खाक हुए हैं
जलकर ही वो आग हुए हैं
बस एक ख्वाहिश के लिए बर्बाद हुए हैं
सब कुछ पा लेना भी क्या खाक पाना
जो ख्वाहिश रह गयी उन ख्वाहिशों के आगे
लगता अधूरा जमाना है
मरना है तो क्यों ना दिल पर चोट लेकर मरे
मरने के बाद भी उसकी दी हुई कुछ तो निशानी
साथ में ऊपर जाए
अपने ही मन से बाते करता हूँ
हर रोज मै खुद से ही मुलाकाते करता हूँ
कभी होता हूँ मै होश में
कभी मै होश में नहीं होता
मै तो बेहोशी में भी खुद से बातें करता हूँ
क्या हुआ अपनापन नहीं इस जहां में
मै तो हर रोज अपनेपन से खुद से मुलाकाते करता हूँ
जी भर के खुद से फिर बातें करता हूँ
जो तुम आ जाते एक बार
लौट आती बहार
खिल उठते दिल के तार
देखता मै तुम्हे जी भर के इस बार
नयनो से छलक जाता प्यार
युगों की मिट जाती प्यास
जीवन में खोने के लिए सब कुछ था
पाने के लिए बस एक तुम थे
तुम्हे पाने के लिए सब कुछ खो दिया मैने
अब खोने के लिए शेष कुछ बचा ही क्या है
ऐसा लगता है मुझे
मेरे पास अब कुछ रखा ही क्या है
अगर सब कुछ होता मेरा पास तो
तुम्हे पा लेता मै कुछ अधूरे गीत गा लेता मै
कैसी बिडम्बना है ये कैसा ये मोल है
प्यार कौडियों में बिकता जो होता अनमोल है
हर कोई नाराज रहता है हमसे
हर किसी को हमे मनाना नहीं आया
क्या कहे खुल के हमे गाना नही आया
बड़ा ही मुश्किल था हमे गुनगुना नहीं आया
सपनो में देखा मैने तुम्हे
सपनो में भी तुम्हे बताना नहीं आया
क्या कहे हमे मनाना नहीं आया
वादा कर तो सकते हैं हम
लेकिन वादा करके हमे निभाना नहीं आया
हाँ जमाने भर का प्यार लिए है तुम्हारे लिए
ये बात खुलकर दुनिया को बताना नहीं आया
कुछ पलो को बस खामोशी से जीया जाता है
उस प्रेम को महसूस किया जाता है
जिसने इतिहास बदलकर रख दिया
ये प्रेम नहीं बल्कि एक पूरा युग था
ऐसा युग जो बस एक बार ही आता है
प्रेम का मौसम कभी – कभी भूले भटके आता है
लेकिन प्रेम का युग आना अपने आप में
सब कुछ कह रहा है
मै इस युग में जा नहीं सकता मगर
उस असीम प्रेम को महसूस कर सकता हूँ
और लगता है हमेशा महसूस करूँगा इस युग को मै
पीले सितारे चमक रहे हैं
तुम सितारे जाओ उस तक
मेरा संदेश उसे दे आओ
इंतजार की घड़ी में बैठा मै
तुम अब उसे अपने साथ लेकर आओ
बिना कुछ कहे तुम सब कुछ कह आओ
फिर से चमक रहे थे तुम यहाँ
वहाँ भी तुम एक बार चमक कर दिखाओ
उसे पीले रंग की दुनिया में
अब तुम लेकर आओ
जाओ अब तुम सितारे जाओ
देखे हमने मोहब्बत के बड़े बड़े दावे करने वाले
खुल के जीने वाले खुल के मरने वाले
सुना है तुम दौलत के बहुत शौकीन हो
मोहब्बत भी दौलत देख कर किया करते हो
पैसे वाले के एक बुलावे पर दौड़े चले जाते हो
लेकिन सच्ची मोहब्बत की पुकार को
अनसुनी कर दिया करते हो
वो दुनिया मै कहाँ से लाऊँ
जहाँ सिर्फ प्यार हो प्यार हो प्यार हो
एक दिन की भी मोहब्बत भी
हजार बार हो बार बार हो
सितारों के दुनिया के हम है निवासी है
तुम्हे भी हम सितारों की दुनिया में ले जाना चाहते हैं
तुम्हारे लिए हमने खास जगह बनवाई है
जहाँ बस मोहब्बत ही मोहब्बत है
जहाँ नहीं कोई रूसवाई है
कुछ तो नया करो कुछ तो नया बोलो
वही पुराना वही बहाना
अपने को बचाना ये युगों के बाद फिर आया है
मोहब्बत का ऐसा जमाना
चलो कुछ तूफानी करते हैं
आज खुलकर बेईमानी करते हैं
जीतने के लिए नहीं हारने के लिए
आज मनमानी करते हैं
कुछ तो शैतानी करते हैं
मेरी हार में भी मेरी जीत है
ये आखिरी नहीं लिखने के लिए गीत है
कागज पर शब्दों से सजा संगीत है
तुम उसे गुनगुनाओ जो लिख जा रहा
मेरे शब्दों का संगीत है
मै थक गया क्या तुम ना थके
विरहा की अग्नि में मै जल गया
क्या तुम ना जले
मै तुम्हारे पुकारता पुकारता रह गया
तुम ना सुने
मै कहते कहते थक गया
तुम कुछ भी ना कहे
अब मै क्या करूँ तुम मुझे बताओ
ऐसे ना अब तुम मुझे सताओ
कहूँ भी तो क्या कहुँ अब तो
शब्द भी मेरा साथ नहीं देते
ऐसे है वक्त हालात भी साथ नहीं देते
फिर भी उम्मीद अभी बाकी है
जीने की चाह बाकी है
मोहब्बत की छांव अभी बाकी है
किस ओर जा रही जिंदगी तू मुझे इतना बता दे
क्या और भी कुछ छिनना बाकी रह गया है
दिल ये मेरा ना जाने अब तक कितना दर्द सह गया है
मुझे अपनी हार का गम नहीं
कौन कमबख्त यहाँ जीतने आया है
जिंदगी भी एक दिन हार जाती है तो
हम जीत कर ही क्या कर लेते
हर दावा यहाँ झूठा है हर कोई खुद से रूठा है
दो पल का सुकून चाहिए हर किसी को
बस इसी कशमकश में
कुछ ना कुछ अंदर ही अंदर छूटा है
कई युगों की तलाश का हमने अंत देखा
हमने खुद से ही खुद का जंग देखा
दोनों तरह ही हार हमारी थी
ये जिंदगी का कैसा हमने रंग देखा
हमने कई कविताएं लिखी
कई गजल लिखे तुम्हारी याद में
शायद तुम इसे पढ़कर आ जाओ
लेकिन ये अच्छा ख्याल था
खुद को बहलाने का
हमने कई इंतिहान दिए
लेकिन बचपन से ही हर इंतिहान में नाकाम हुई
काश कोई तो ऐसा इंतिहान होता
जिसमें हम पास हो जाते
अक्सर मुझे शिकायत रहती है खुद से
सही वक्त पर सब कुछ भूल जाता हूँ मै
काश तुम्हे मेरी इस कमजोरी का पता होता
फिर हमसे कोई भी ना खता होता
खुद की तलाश हमे कहाँ लेकर आई है
एक तरह कुआँ है तो दूसरी तरफ खाई है
अंधेरा है इस कदर अंधेरो में भी
गुम हो गई अपनी ही परछाई है
खुद को पा सकूँ किसी मोड़ पर मै
पाने से कही ज्यादा खोने की दुहाई है