सुबह से आज बहुत हलचल हो रही थी मेरी नींद बर्तन के गिरने के तेज आवाज से खुली मै जाग गया मैने बगल में देखा तो प्रिय नहीं थी तभी उसकी आवाज आई कमरे में तुम चाय पीओगे मैने पूछा तुमने पी चाय उसने कहा नहीं तुम सो रहे थे इसलिए मैने सोचा साथ पीऐगे मैने कहा ठीक है एक मिनट यहाँ तो आओ तुम्हारा चेहरा देखे बिना मै कैसे उठ सकता हूँ प्रिय फिर मुझे सूरज सा चमकता चेहरा दिखा जिस पर चंद्रमा सी मुस्कान दिख रही थी
मैने कहा इधर आओ प्रिय मुझे गले लगा लो आज मेरा दिन बन जाएगा फिर उसने हंसते हुए मुझे गले लगा लिया मैने उसे थैक्यू कहा उसने कहा ये किसलिए कहा तुमने मैने कहा मेरे जीवन में आने के लिए मुझे इतना प्यार देने के लिए प्रिय उसने कहा देखो मेरा आज मुड अच्छा है रोने का नहीं है तो मुझे इमोशनल करके रूलाओ मत फिर तुम भी गंगा जमुना बहाने लगोगे मै तुम्हे बच्चे की तरह चुप कराऊंगी इसलिए चलो हम बाहर डाइनिंग टेबल पर चाय पीते हैं मैने कहा एक शर्त पर उसने कहा क्या मैने कहा चाय मै बनाऊंगा उसने कहा ठीक है फिर मैने उसके लिए प्यार से अदरक वाली चाय बनाई उसने जब पीया तो कहा वाह मैने कहा मेरा मजाक तो नहीं उड़ा रही हो प्रिय उसने कहा नहीं सच में तुमने अच्छी चाय बनाई है फिर मुझ से रहा नहीं गया मैने चाय तुरंत पी फिर लगा क्या बात है मैने सच में अच्छी चाय बनाई है उसने कहा देखा मैने कहा हां चाय अच्छी बनी है फिर वो एकाएक कमरे में गयी बोली एक मिनट में आती हूँ मैने बोला ठीक है मै चाय पी ही रहा था वो कमरे से बाहर आई मेरे बिल्कुल करीब और मेरे गालो को छूते हुए कहा तुमने शेव नहीं की है देखो तुम्हारे गाल रूखे लग रहे हैं उसने दोनों हाथों से मेरे गालो को छूकर कहा मैने फिर अपने गाल छूऐ मैने कहा सही कह रही हो प्रिय उसने कहा जाओ आईने में देखो कैसी दाढ़ी लग रही है मै मना कैसे करता प्रिय का हुक्म कैसे डाल सकता था मै
मैने जैसे आईने में खुद को देखा मै एकाएक डर गया देखा हर तरह का रंग मेरे गालो मे लगा था मैने सोचा ये किसने लगा दिया सिवाय प्रिय के तो कोई घर में आया भी नहीं है तब मुझे एकाएक याद आया ये तो रुखे गालो का कमाल है मैने किसी तरह चेहरे को साफ किया और जैसे उसके सामने पहुँचा उसका हंस हंस कर बुरा हाल था मै चुपचाप उसे देख रहा था मैने कहा तुमने तो प्रिय रूखे गालो को मुलायम बना दिया उसनें कहा तुम्हे पसंद आया मैने कहा बहुत ही ज्यादा पसंद आया है मैने कहा तुमने मुझे रंग लगाया मुझे तो पता भी नहीं चला उसने कहा इसे कला कहते हैं जो सबके पास नहीं होती है मैने कहा मुझे भी सीखा दो ऐसी कला उसने कहा फिर कभी आज मै सिखाने के मूड में नहीं हूँ फिर उसने मुझे कहा जरा बाहर देखो तो कैसा शोर हो रहा है मै टेरिस पर गया उसने पीछे से पहले से ही एक छोटी सी बाल्टी में रंग छुपा कर रखा था मेरे ऊपर सारा पानी फेक दिया
उसने जानबूझकर मुझे टेरिस के पास खड़ा किया ताकि पानी बाहर गिरे घर गंदा ना हो मुझे इसकी ये अदा ऐसी भा गयी मैने उसे कहा मुझे पता नहीं था तुम शरारती भी हो मैने हंसते हुए कहा तो उसने कहा कभी कभी थोड़ी सी शरारत कर लेती हूँ मैने कहा तुम्हारी इस शरारत ने मेरा दिल जीत लिया है मैने कहा तुम होली खेलती हो प्रिय उसने कहा हां मैने कहा मै रंग लगाऊंगा तो नाराज तो नहीं हो जाओगी उसने कहा कैसी बातें करते हैं देखो तुम्हारे पैर के पीछे एक रंग भरी हुई बाल्टी रखी है मैने ही रखी है अब तुम मुझ पर पानी फेको मैने कहा नहीं मै कैसे उसने कहा होली है फिर उसने दुबारा ऐसा बोलकर एक बाल्टी मुझ पर फेक दिया मै तो हंसते हुए लगा पागल हो रहा था मुझे इतनी हंसी आ रही थी मैने उसे बोला आओ गले लग जाओ प्रिय वो हंसते हुए मेरे गले लग गयी हमने फिर नीचे देखा लोग होली के मस्ती में झूम रहे थे तभी उसकी दोस्त हमारी पड़ोसन आ गयी उसके साथ होली खेलने के लिए मैने देखा उसने तो दरवाजे के पीछे भी एक बाल्टी रंग छिपा रखी थी उसने कहा तुम दरवाजा खोलो मैने कहा वो तुम्हारे साथ होली खेलने आई है उसने प्यार से कहा जाओ ना फिर इस प्यार के लिए तो मैं कुछ भी कर सकता था
मैने जैसे दरवाजा खोला एक बाल्टी रंग मेरे मुंह पर मारा गया मैने देखा उसकी दोस्त आधा मुस्कुराते हुए और आधा घबराते हुए मुझे देखा मैने इशारा किया अंदर आने का मै समझ गया इसने तो मुझे बलि का बकरा बना दिया जैसे ही हमारी पड़ोसन घर में घुसी प्रिय ने उसके ऊपर एक बाल्टी रंग डाल दिया वो दरवाजे के पीछे छिप गयी थी उसके बाद मै देखकर बस हंस रहा था क्योंकि मैने अपने जीवन में ऐसी शानदार होली नहीं खेली थी और ना देखी थी आज प्रिय के अंदर का बच्चा खुल कर बाहर आ गया था उसकी दोस्त ने बड़े अनमना सा मुंह बनाया जैसे उसने कोई जंग हारा हो और प्रिय जीत गयी हो मैने प्रिय से पूछा तुम्हे पता था दरवाजा खुलने के बाद क्या होगा उसने कहा हां मैने कहा सही है तुम्हारा दिमाग कमाल का है उसने कहा बचपन से ही है मैने कहा मेरा कमजोर बचपन से ही है हम फिर हंसने लगे इस बार उसकी दोस्त भी खूब हंस रही थी उसने कहा आज हिमाचल में होली के दिन सबको परिवार की तरह ही मानते हैं और नीचे आज डांस का कार्यक्रम है आधे घंटे में आप दोनों आ जाए मैने उसकी तरह देखा उसने कहा हां हां क्यो नही उसे पता था मुझे नाचने नहीं आता है और वो कहाँ क्लासिक नृत्य जानती थी मैने कहा आज हो गया मेरा कल्याण उसके बाद उसकी दोस्त चली गयी मैने कहा प्रिय मुझे नाचने नहीं आता है तो उसने कहा डोन्ट वैरी मै हूँ तुम फिकर क्यो करते हो मै आज बजरंगबली को याद कर रहा था मै तो गया आज
फिर हम नीचे थोड़ी देर में गये वहाँ डीजे बज रहा था सब नाच रहे थे प्रिय ने जरा सी भी देरी नहीं की उसने भी नाचना शुरू कर दिया मै बस सब को देख रहा हूँ मेरे तो पैर भी नहीं हिल रहे थे तभी प्रिय ने मुझे देखा वो सब समझ गयी पत्नी पति के हर दुविधा को जान लेती है उसने कहा मेरा हाथ पकड़ो और तीन बार उछल जाओ मै कहा क्या है तुम भी फूल मजे ले रही हो उसने कहा उछलो ना फिर मै प्रिय की बात कैसे डाल सकता था मैने तीन बार जो उछला सब मुझे ही देखकर और मै उन्हें देखकर हंसते हंसते जमीन पर लेट गया और प्रिय की तो हंसी रूक ही नहीं रही थी फिर उसने मुझे कहा उठो जमीन पर से फिर उसने कहा अब तुम मैने कहा अब नहीं उसने कहा सुनो तो अब तुम वैसे करो जैसे मै करती हूँ फिर जो उसने डांस किया मै तो बस देखता ही रह गया मैने पहली बार उसे इतना खुलकर नाचते देखा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसको इतना खुश देकर फिर उसने नाचते नाचते मेरी तरफ देखा उसने आंखों के इशारे से पूछा क्या हुआ मैने भी आंखों के इशारे से कहा सब ठीक है फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और नाचने लगी दोनों हाथों को पकड़ कर तो मैने भी डांस में अपनी किस्मत आजमा ही ली मै भी खुलकर नाचा भले ही लोग खूब हंसे मेरा डांस देखकर लेकिन मै तो सिर्फ प्रिय की खुशी के लिए नाच रहा था
हमने घंटो वहाँ बिताया सबके खाने का वही इंतजाम था हम दोपहर को थक कर चूर होकर घर आए हम बस बारी बारी से नहाएं फिर हम हमारे बेडरूम में जाकर सो गये हम इतने थक चुके थे फिर शाम से हमारी आंख खुली तो हम बस एक दूसरे को गले लगाकर खुश होकर हैप्पी होली कह रहे थे मैने कहा प्रिय ये होली मेरे जीवन की सबसे सुंदर होली है मै इसे कभी नहीं भूलूंगा सब तुम्हारी वजह से है जो मैने आज इतनी अच्छी तरह से होली मनाई उसने बच्चों सी मुस्कुराहट देकर कहा मै हमेशा तुम्हारे साथ तुम्हे ऐसे ही प्यार दूंगी मैने उसका हाथ अपने हाथ में लेकर कहा थैक्यु प्रिय ये थी हमारी होली जिसमें केवल प्रेम का रंग ही उड़ रहा था हर ओर ये पवित्र प्रेम है ये वो बंधन है जिसे कोई तोड़ नहीं सकता है क्योंकि हमारा प्रेम ही हमारी ताकत है और हमारी पहचान भी